नंदन नीलेकणि का जीवन परिचय | Nandan Nilekani Biography in Hindi

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आज हमारा देश भारत एक विकासशील अर्थव्यवस्था से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है. और भारत को इस मुकाम तक पहुंचाने में डिजिटलीकरण ने अहम भूमिका निभाई है. वर्तमान समय डिजिटल इंडिया का है और इस दौर में देश में कई छोटे-बड़े स्टार्टअप खुल रहे हैं. इन स्टार्टअप्स की वजह से रोजगार के नए अवसर मिले हैं. और आज हमारा देश जिस तेजी से आगे बढ़ रहा है वह डिजिटल इंडिया की वजह से संभव हो पाया है. आपको बता दूँ कि आधार कार्ड ने इस डिजिटल इंडिया को गति देने का काम किया है. यह तो आप सभी जानते है कि आधार कार्ड हमारी जिंदगी का इंपॉर्टेंट डॉक्यूमेंट बन गया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश की 140.76 करोड़ की आबादी में से 135.9 करोड़ लोगों को आधार कार्ड बन चुका है. आधार कार्ड की वजह से आप इंस्टेंट बैंक अकाउंट या फिर डीमैट अकाउंट आसानी से खोल सकते हो. इसके अलावा आप ओटीपी सिक्योरिटी का भी लाभ ले सकते हो. और आजकल तो सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी भी सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर की जा रही है, यह सब आधार कार्ड की वजह से ही संभव हो पाया है. आधार कार्ड होने के बाद गवर्मेंट सिस्टम में ट्रांसपेरेंसी देखने को मिली है. इस आधार के जन्मदाता कहूँ या आधार स्तंभ, यह कोई और नही बल्कि पद्म भूषण से सम्मानित नंदन निलेकणि  है.

नंदन निलेकणि की वजह से ही भारत को Aadhaar card, UPI, Fastag, GST  जैसी तकनीक देकर डिजिटल इंडिया की नींव रखी गई है. और आज भी देश के लिए कुछ ऐसे ऑनलाइन सिस्टम तैयार किए जा रहे हैं, जिससे आने वाले समय में पेमेंट करना और भी आसान हो जाएगा.

नंदन नीलेकणि ने कुछ समय पहले आईआईटी बॉम्बे को 315 करोड़ रुपये का दान दिया था और उन्हें 2006 में फोर्ब्स द्वारा बिजनेसमैन ऑफ द ईयर घोषित किया गया था. इससे पहले साल 2006 और 2009 में टाइम मैगजीन ने उन्हें 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया था. आज के इस लेख में हम आपको नंदन नीलेकणि का जीवन परिचय (Nandan Nilekani Biography in Hindi) के बारे में पूरी जानकरी देने वाले है.  

नंदन नीलेकणि का जीवन परिचय| Nandan Nilekani Biography in Hindi

नंदन नीलेकणि का जीवन परिचय (Nandan Nilekani Biography in Hindi)

नाम (Name) नंदन नीलेकणि (Nandan Nilekani)
पूरा नाम (Nandan Nilekani Full Name) नंदन मोहनराव नीलेकणि
जन्म तारीख (Date Of Birth) 2 जून, 1955
जन्म स्थान (Place) बेंगलुरु, कर्नाटक, भारत
उम्र (Nandan Nilekani Age) 68 साल (2023)
शिक्षा (Education ) इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
कॉलेज (College ) आईआईटी बॉम्बे
व्यवसाय  (Business) बिजनेसमैन (चेयरमैन इंफोसिस)
राजनीतिक दल (Political party) कांग्रेस
नागरिकता (Nationality) भारतीय
राशि (Zodiac Sign) कन्या
भाषा (Languages) हिंदी, इंग्लिश
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) वैवाहिक
धर्म (Religion) हिंदू
जाति (Nandan Nilekani Cast ) कोंकणी ब्राह्मण
पता (Nandan Nilekani House Address) 856, 13वीं मुख्य सड़क, III ब्लॉक, कोरमंगला, बेंगलुरु – 560 034
संपर्क नंबर (Nandan Nilekani Contact Details) 8105138768, 080‐28520351
ईमेल (Nandan Nilekani Email Id) [email protected] [email protected]

कौन है नंदन नीलेकणि  (Who is Nandan Nilekani)

नंदन नीलेकणि एक भारतीय व्यवसायी और आईटी कंपनी इंफोसिस के अध्यक्ष हैं. आधार कार्ड, यूपीआई, फास्टैग और जीएसटी इन्हीं की देन है. आईआईटी बॉम्बे से पासआउट नंदन नीलेकणि ने एक बार कांग्रेस के टिकट पर साल 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे. कुछ समय पहले उन्होंने आईआईटी बॉम्बे को 400 करोड़ रुपये का दान दिया है. नंदन नीलेकणि को हिंदी अंग्रेजी समेत कोंकणी, कन्नड़ और मराठी भाषाओं का ज्ञान है. अब तक देश में छोटे बड़े सहित 12 स्टार्टअप्स में इन्वेस्ट कर चुके है. उन्होंने बुनियादी जल सुविधाओं, सूक्ष्म ऋण और सामाजिक अनुसंधान पर भारी खर्च किया है. एजुकेशन और हेल्थ के लिए कई बड़ी इंस्टिट्यूट को डोनेट कर चुके है. इसके अलावा बिल गेट्स के गिविंग प्लेज मूवमेंट के साथ जुड़े हुए है. 2006 में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने उन्हें सबसे कम उम्र के इंटरप्रेन्योर के तौर पर टॉप 20 ग्लोबल लीडर्स में शामिल किया है. 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सिफारिश पर इन्हें आधार का चेयरमैन बनाया गया जो कि एक केबिनेट मंत्री पद था.

नंदन नीलेकणि का जन्म और परिवार (Nandan Nilekani Birth and Family)

नंदन नीलेकणि का पूरा नाम नंदन मोहनराव नीलेकणि है. इनका जन्म कर्नाटक राज्य के बेंगलुरु में 2 जून, 1955 में एक कोंकणी ब्राह्मण परिवार में हुआ था. इनके पिता मोहनराव नीलेकणि मैसूर एंड मिनर्वा मिल्स में जनरल मैनेजर थे. और माँ का नाम दुर्गा है. नंदन नीलेकणि के एक बड़ा भाई है जिनका नाम विजय है वह अमेरिका में इंस्टिट्यूट ऑफ़ एटॉमिक एनर्जी में काम करते है.

नंदन नीलेकणि की पत्नी का नाम रोहिणी नीलेकणि है और इनके दो बच्चे है एक बेटा निहार और एक बेटी जाह्नवी. दोनों बच्चों ने अमेरिका के येल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है.

नंदन नीलेकणि पांच भाषाएं जानते हैं, जिनमें हिंदी, अंग्रेजी, कोंकणी, कन्नड़ और मराठी शामिल हैं.

नंदन नीलेकणि का परिवार (Nandan Nilekani Family)

पिता का नाम (Nandan Nilekani Father) मोहनराव नीलेकणि
माता का नाम (Nandan Nilekani Mother) दुर्गा
पत्नी का नाम (Nandan Nilekani Wife ) रोहिणी नीलेकणि
बच्चे (Nandan Nilekani Children ) 1 बेटा और 1 बेटी
बेटे का नाम (Nandan Nilekani Son) निहार नंदन नीलेकणि
बेटी का नाम (Nandan Nilekani Daugher) जाह्नवी

नंदन नीलेकणि  की शिक्षा (Nandan Nilekani Education Qualification)

नंदन नीलेकणि के पिता का नौकरी के दौरान ट्रांसफर काफी हुआ करता था जिस वजह से उनकी पढाई लिखाई काफी प्रभावित हुई. ऐसे में 12 साल की उम्र में वह अपने चाचा के पास धारवाड़ रहने लग गए. यहीं से इन्होने शुरुआत पढाई पूरी की. इन्होने धारवाड़ के बिशप कॉटन बॉयज़ स्कूल और सेंट जोसेफ हाई स्कूल से 12वीं तक की पढाई पूरी की इसके बाद उन्होंने आईआईटी की परीक्षा पास की और आईआईटी बॉम्बे (Nandan Nilekani IIT Bombay) में एडमिशन लिया. उन्होंने आईआईटी क्रैक करने के लिए कोई कोचिंग भी नहीं ली. साल 1979 में आईआईटी बॉम्बे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की.

जब उन्होंने आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास की तो उनके पिता ने एक पत्र लिखकर कहा आप आईआईटी चेन्नई में केमिकल इंजीनियरिंग ब्रांच में एडमिशन लो, लेकिन नंदन ने आईआईटी बॉम्बे में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन ले लिया. उन्होंने कहा कि उनके कई चचेरे भाई भी आईआईटी बॉम्बे में हैं, इसलिए उन्होंने इसे चुना.

नंदन नीलेकणि का करियर (Nandan Nilekani Career)

जब नंदन नीलेकणी आईआईटी बॉम्बे में फाइनल ईयर में थे, उसके बाद वह विदेश जाकर एमबीए करना चाहते थे.  साल 1979 में उन्होंने एंट्रेंस एग्जाम भी पास कर लिया था, लेकिन अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई, उसी दौरान उन्होंने एक सॉफ्कंटवेर कंपनी पाटनी कंप्यूटर सिस्टम के बारे में सुना, यह कंपनी कंप्यूटर एक्सपर्ट्स को हायर कर रही थी. इस पूरे काम की जिम्मेदारी नारायण मूर्ति की थी, जिन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियर को काम पर रखा था. इस तरह नंदन नीलेकणी की नारायण मूर्ति (Nandan Nilekani And Narayana Murthy) के साथ यह पहले मुलाकात थी.

नंदन नीलेकणी ने पाटनी कंप्यूटर सिस्टम में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में दो साल जॉब की और साल 1981 में नारायण मूर्ति के साथ इंफोसिस की शुरूआत की. 80 के दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था चरमाई हुई थी. इस समय देश में किसी स्टार्टअप का चलना काफी मुश्किल हुआ करता था.

साल 2001 में जब इंफोसिस महंगाई के दौर में जूझ रही थी, तब नंदन नीलेकणि ने कंपनी के सीईओ का पदभार संभाला. और महज 5 साल के भीतर ही कंपनी को मुनाफे वाली कंपनी बना दिया. इसके बाद नंदन कंपनी में कई अन्य पदों पर रहे जिनमे प्रबंध निदेशक, सीईओ और अध्यक्ष के पद शामिल थे.

साल 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कहने पर यूआईडीएआई प्रोजेक्ट का चेयरमैन बनने के लिए कहा तो उन्होंने इंफोसिस से इस्दीतीफा दे दिया और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी आधार के अध्यक्ष बन गये. यह कैबिनेट मंत्री का दर्जा था . साल 2017 में नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के तौर पर इंफोसिस में शामिल हुए.

नंदन नीलेकणि ने वर्ष 2014 में राजनीति (Nandan Nilekani Political Career) की ओर रुख किया और कांग्रेस पार्टी के टिकट पर बेंगलुरु दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा. उनके सामने बीजेपी के उम्मीदवार अनंथ कुमार थे और अनंथ कुमार ने नंदन नीलेकणि को 228,575 वोट से हरा दिया. नंदन को इस चुनाव में 405,241 वोट मिले थे. इस चुनाव के बाद उन्होंने राजनीति में कभी कदम नहीं रखा.

साल 2015 के बाद नंदन नीलेकणि ने देश में डिजिटल पेमेंट सिस्टम को आगे बढ़ाने के बारे में सोचा. आज जिस UPI सिस्टम से हम सभी ऑनलाइन पेमेंट करते हैं उसे नंदन नीलेकणि ने डिजाइन किया है. इतना ही नही इन्होने अपनी टीम के साथ स्टैंडर्डाइजिंग इलेक्ट्रॉनिक टोल सिस्टम को भी डिजाइन किया है. ऐसे में देश में आधार, जीएसटी, यूपीआई (Nandan Nilekani UPI), फास्टैग जैसी व्यवस्था शुरू करने का श्रेय नंदन नीलेकणि को ही जाता है.

आज नंदन नीलेकणि इंडिया गवर्मेंट के साथ मिलकर देश में मुफ्त सुलभ ऑनलाइन सिस्टम डिजाइन कर रहे हैं. इस सिस्टम के माध्यम से बड़े और छोटे व्यापारी सहित ग्राहक भी छोटी चीज से लेकर बड़ी चीजें तक आसानी से खरीद सकेंगे इस प्रोजेक्ट का नाम ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स है. कहा जा रहा है कि अगर यह सिस्टम देश में सफल रहा तो  Amazon और Flipkart जैसी दिग्गज कंपनियों का एकाधिकार खतरे में पड़ सकता है.

नंदन नीलेकणी ने दान दिया करोड़ों (Nandan Nilekani Donation)

नंदन नीलेकणि बिल गेट्स (Nandan Nilekani Bill Gates) की गिविंग प्लेज के साथ जुड़े हुए है और साल 2017 में उन्होंने और उनकी पत्नी ने अपनी आधी संपति को दान (Nandan Nilekani Charity) देने की घोषणा की थी. उन्होंने आईआईटी बॉम्बे को अब तक 400 करोड़ रूपये दान कर चुके है जिसमे 20 जून 2023 को 315 करोड़ रूपये दान किये है. इसके साथ ही उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कई करोड़ का दान दिया है.

नंदन नीलेकणि की संपत्ति (Nandan Nilekani Net Worth)

नंदन नीलेकणि की कुल संपत्ति की बात करे तो उनके और उनकी पत्नी रोहिणी नीलेकणि के पास 7700 करोड़ रूपये की नेट वर्थ है. इस संपत्ति में 80 प्रतिशत हिस्सा इंफोसिस के शेयर का है. दोनों के पास 2.48% इंफोसिस के शेयर है. नंदन अपनी संपत्ति का 50 प्रतिशत हिस्सा दान करेंगे.

नंदन नीलेकणि को मिले अवार्ड (Nandan Nilekani Award)

  • मई 2011 को टोरंटो यूनिवर्सिटी के रोटमैन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट द्वारा डॉक्टर ऑफ लॉ की मानद उपाधि से नवाजा गया.
  • 2011 में एनडीटीवी इंडियन ऑफ द ईयर का ट्रांसफॉर्मेशनल आइडिया ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया.
  • साल 2006 और 2009 में टाइम मैगज़ीन ने इनका नाम दुनिया के सबसे प्रभावशाली लोगों की टाइम 100 लिस्ट में शामिल किया.
  • 2006 में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने नंदन को सबसे कम उम्र के इंटरप्रेन्योर के तौर पर टॉप 20 ग्लोबल लीडर्स में शामिल किया है.
  • साल 2006 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से नवाजा गया.

नंदन नीलेकणि से जुड़े अन्य तथ्य (Nandan Nilekani Facts)

  • उन्होंने बैंगलोर के बुनियादी ढांचे से संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए वर्ष 1999 में बैंगलोर एजेंडा टास्क फोर्स की शुरुआत की.
  • साल 2015 में नंदन नीलेकणि ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर ‘एक एक स्टेप’ नाम (Nandan Nilekani Ekstep) से एक एनजीओ बनाया. इसे बनाने का उद्देश्य एक प्रौद्योगिकी संचालित मशीन विकसित करके युवाओं की सीखने की समस्याओं को हल करना है ताकि उन्हें कम उम्र से ही अपने सीखने के परिणामों को बढ़ाने में मदद मिल सके.
  • साल 2008 में नंदन नीलेकणि ने “इमॅजिनिंग इंडिया:द आइडिया ऑफ ए रिन्यूड नेशन” किताब (Nandan Nilekani Books) लिखी और यह पुस्तक 2009 एफटी गोल्डमैन सैक्स बुक अवार्ड के लिए फाइनलिस्ट थी.
  • साल 2015 में रिबूटिंग इंडिया: रिलीजिंग ए बिलियन एस्पिरेशंस की पुस्तक लिखी.

निष्कर्ष :- तो आज के इस लेख में हमने आपको नंदन नीलेकणि का जीवन परिचय (Nandan Nilekani Biography in Hindi) के बारे में. उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी. अगर आपका कोई सुझाव है तो कमेंट करके जरूर बताइए. अगर आपको लेख अच्छा लगा हो तो रेटिंग देकर हमें प्रोत्साहित करें.

FAQ

Q : नंदन नीलेकणि कौन थे?
Ans : इंफोसिस के चेयरमैन

Q : नंदन नीलेकणि का जन्म कहाँ हुआ था?
Ans : बेंगलुरु में  

Q : नंदन नीलेकणि का जन्म कब हुआ?
Ans : 2 जून, 1955

Q : नंदन नीलेकणि के बेटे कौन है?
Ans : निहार नंदन नीलेकणि

Q : नंदन नीलेकणि की बेटी का क्या नाम है?
Ans : जाह्नवी

Q : नंदन नीलेकणि का पूरा नाम क्या था?
Ans : नंदन मोहनराव नीलेकणि

Q : क्या नंदन नीलेकणी अभी भी कांग्रेस में हैं?
Ans : नही

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