अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन परिचय, जयंती, पुण्यतिथि | Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi

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अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन परिचय, बायोग्राफी, जीवनी, विकिपीडिया, पुण्यतिथि, कविता, विचार, स्टेटस, जयंती, निबंध,  आयु, जन्मदिन, घर, परिवार, पत्नी, बच्चे, धर्म, जाति, राजनीतिक करियर, शिक्षा, विवाह, कुल संपत्ति, परिवार(Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi, Wiki, History, News, Political Career, Religion, Cast,  House, Age, Dob, jayanti, poems, quotes, death anniversary, books,  Birthday, Family, Child, Education Qualification, Wife, Child, Sister, Marriage, Net Worth)

Atal Bihari Vajpayee Jayanti – भारतीय राजनीति में ऐसे बहुत कम  राजनेता पैदा हुए हैं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा से न सिर्फ अपनी पार्टी में एक विशेष स्थान बनाया, बल्कि विरोधी दलों के बीच भी चहेते रहे, उन्हीं में से एक हैं बहुमुखी प्रतिभा के धनी, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी जो हमारे देश प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके हैं.  इनके कार्यकाल में हमारे देश ने कई ऐतिहासिक कदम उठाए, जो आज भी आधुनिक भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, फिर चाहे वह भारत को परमाणु संपन्न देश बनाना हो या फिर देश में सड़कों का बहुत मजबूत नेटवर्क तैयार करना, यह सभी कार्य अटल बिहारी वाजपेयी जी के कार्यकाल में ही संपन्न हुए।

तो आज के इस लेख में हम आपको अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन परिचय (Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi) के बारे में पूरी जानकरी देने वाले है.  

Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi

Table of Contents

अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन परिचय (Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi)

नाम (Name) अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee)
जन्म तारीख (Atal Bihari Vajpayee Date of Birth) 25 दिसम्बर 1924
जन्मदिन (Atal Bihari Vajpayee Birthday) 25 दिसम्बर
जयंती (Atal Bihari Vajpayee Jayanti) 25 दिसम्बर
जन्म स्थान (Place) ग्वालियर, मध्यप्रदेश
उम्र (Atal Bihari Vajpayee Age) 93 साल
मृत्यु की तारीख (Atal Bihari Vajpayee Death Date) 16 अगस्त 2018
मृत्यु स्थान (Place Of Death) दिल्ली
धर्म (Religion) हिन्दू
जाति (Cast) ब्राह्मण
व्यवसाय  (Business) राजनीतिज्ञ, कवि, लेखक
राजनीतिक दल (Political Party) भारतीय जनसंघ (1951-1977)
जनता पार्टी (1977-1980)
भारतीय जनता पार्टी (1980)
शिक्षा (Atal Bihari Vajpayee Educational ) कला स्नातक और लॉ स्नातक
कॉलेज (College) विक्टोरिया कॉलेज, आगरा
यूनिवर्सिटी (University) डीएवी कॉलेज, आगरा यूनिवर्सिटी
नागरिकता (Nationality) भारतीय
राशि (Zodiac Sign) मकर
भाषा (Languages) हिंदी, इंग्लिश     
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) अविवाहित
पुरस्कार (Awards) भारत रत्न (2015)
पद्म विभूषण (1992)
स्मारक (Monuments) सदैव अटल

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म और आरंभिक जीवन (Atal Bihari Vajpayee Birth and Early Life)

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म ग्वालियर में 25 दिसंबर 1924 को हुआ. इनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी मध्य प्रदेश के ग्वालियर रियासत में अध्यापन का कार्य किया करते थे, हालांकि ये यहां के मूल निवासी नहीं थे, इनका मूल निवास स्थान उत्तर प्रदेश का आगरा था। उनकी मां कृष्णा देवी थीं और उनके तीन भाई और तीन बहनें थीं. कृष्णा बिहारी वैसे तो अध्यापक थे लेकिन साथ मे हिंदी और ब्रजभाषा के एक प्रसिद्ध कवि भी थे और इनका यही गुण इनके बेटे अटल में भी दिखाई दिया.

इनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर के ही सरस्वती शिशु मंदिर से हुई, इसके बाद ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की. यह कॉलेज वर्तमान में लक्ष्मीबाई कॉलेज के नाम से जाना जाता है. बैचलर ऑफ़ आर्ट्स में ग्रेजुएशन प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने के बाद कानपुर के डीएवी कॉलेज से मास्टर ऑफ़ आर्ट्स की पढ़ाई पूरी की. आगे उन्होंने लॉ  की पढ़ाई भी कानपुर में रहकर पूरी की, लेकिन अब पढ़ाई में कुछ खास रुचि नहीं रह गई थी इसलिए इन्होंने पढाई बीच में ही छोड़ दिया.

अपने कॉलेज के दिनों से ही अटल जी वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लिया करते थे और यही से आरएसएस के संपर्क में आए और इसके नियमित सदस्य बन गए, क्योंकि अटल जी एक अच्छे लेखक थे, इसलिए उन्हें आरएसएस की पत्रिका में एडिटर का काम मिल गया. इस दौरान इन्होंने दैनिक स्वदेश, वीर अर्जुन, पाञ्चजन्य, और राष्ट्र धर्म जैसे कुछ पत्रिकाओं का उन्होंने अपने जीवन काल में बहुत कुशलतापूर्वक संपादन किया है.

अटल बिहारी वाजपेयी का व्यक्तिगत जीवन (Atal Bihari Vajpayee Personal life)

अटल जी का व्यक्तिगत जीवन भी हमेशा चर्चा में बना रहा वह आजीवन अविवाहित रहे लेकिन समय-समय पर ऐसी अटकलें लगाई जाती रही कि वो किससे विवाह करेंगे. अपने जीवन के आखिरी वक्त में अटल बिहारी वाजपेयी नमिता भट्टाचार्य और उनके पति रंजन भट्टाचार्य के साथ रहते थे. नमिता भट्टाचार्य, अटल बिहारी वाजपेयी की दत्तक पुत्री थी, जो राजकुमारी कौल और बी.एल.कौल से उन्होंने गोद लिया था. राजकुमारी कौल और अटल जी कॉलेज में अच्छे मित्र थे इन दोनों की शादी को नही हुई लेकिन दोनों साथ रहे.   

अटल बिहारी वाजपेयी का परिवार (Atal Bihari Vajpayee Family)

दादा का नाम (Grandfather’s Name) पंडित श्याम लाल वाजपेयी
पिता का नाम (Father’s Name) कृष्णा बिहारी वाजपेयी
माता का नाम (Mother’s Name) कृष्णा देवी
बहनों के नाम (Sisters Names) विमला मिश्रा
उर्मिला मिश्रा
कमला देवी
भाई के नाम (Brother’s Name) प्रेमबिहारी वाजपेयी
अवधबिहारी वाजपेयी
सदाबिहारी वाजपेयी
बेटी का नाम (Daughter’s Name) नमिता कौल, नंदिता कौल (दत्तक पुत्री)
पत्नी का नाम (Wife’s Name) अविवाहित
भतीजी और भतीजे के नाम कांति मिश्रा, दीपक वाजपेयी
भांजी और भांजे के नाम करुणा शुक्‍ला, सांसद अनूप मिश्रा

अटल बिहारी वाजपेयी का राजनीतिक सफ़र (Atal Bihari Vajpayee Political Career)

अटल जी में बचपन से ही देश की सेवा करने की ललक थी और तभी उन्हें 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में पहला मौका मिला. इस आंदोलन को महात्मा गांधी जी ने शुरू किया था. इस आंदोलन में भाग लेने वाले बाकी अन्य क्रांतिकारियों की तरह ही अटल जी को भी जेल जाना पड़ा और यहीं पर इनकी जिंदगी का एक नया मोड़ आया, जब इनकी मुलाकात श्यामा प्रसाद मुखर्जी से हुई, जो भारतीय जनसंघ के लीडर हुआ करते थे. भारतीय राजनीति के दांव पेज और बारीकियों को इन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी से काफी अच्छी तरह सीखा.

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पहली राजनीतिक पार्टी (भारतीय जनसंघ)

 साल 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी, प्रोफेसर बलराज मधोक और दीनदयाल उपाध्याय ने भारतीय जनसंघ की स्थापना की एवं अटल बिहारी वाजपेयी भी इसी पार्टी के सदस्य बन गए. पार्टी का सदस्य बनने के बाद उन्होंने अपना पहला लोकसभा चुनाव साल 1952 में लड़ा लेकिन यहां उन्हें सफलता नहीं मिली. साल 1957 में उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के बलरामपुर से एक बार फिर चुनाव लड़ा और इस बार वह जीत गए. धीरे-धीरे अटल बिहारी की साख उनकी पार्टी में बढ़ती जा रही थी. और तभी साल 1968 में एक दुखद खबर आई जिसमें पता चला कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का निधन हो गया है. और इसके बाद जनसंघ पार्टी की कमान अटल बिहारी वाजपेयी के हाथों में दे दी गई, उन्हें पार्टी का अध्यक्ष बना दिया गया. साल 1968 के बाद इस पार्टी ने कई मुकाम हासिल किए, जिसमें इनके सहयोगी लालकृष्ण आडवाणी, नानाजी देसाई, बलराज मधोक थे.

जनता पार्टी का उदय

साल 1975 में इंदिरा गांधी के कार्यकाल में देश में आपातकाल लगा दिया गया जिसके बाद जनसंघ पार्टी और लोकदल पार्टी एकजुट होकर इस आपातकाल का विरोध किया और यहीं से दोनों के विचारधाराएं मिलने लगी जिसके बाद दोनों का विलय हो गया, और फिर साल 1977 में जनता पार्टी का उदय हुआ. देश में कांग्रेस के प्रति आक्रोश था वहीं दूसरी तरफ जनता पार्टी एक नई उम्मीद के साथ लोगों को विकल्प दे रही थी, इसीलिए इस पार्टी ने लोकल चुनाव में काफी अच्छा प्रदर्शन करना शुरू कर दिया.

24 मार्च 1977 को मोरारजी देसाई देश के प्रधानमंत्री बने. ये पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे, हालांकि इनका कार्यकाल सिर्फ 2 वर्ष का था लेकिन इसमें अटल बिहारी वाजपेयी को विदेश मंत्री का कार्यभार सौंपा गया. साल 1979 में मोरारजी देसाई ने किन्हीं कारणों से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे जनता पार्टी में दरार आ गई और यहां एक बड़ा राजनीतिक परिवर्तन हुआ.

भारतीय जनता पार्टी का उदय

अटल बिहारी वाजपेयी अब तक स्थापित राजनेता बन चुके थे इन्होंने लालकृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर साल 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की. इसका अध्यक्ष भी वाजपेयी जी को ही बनाया गया. इनके नेतृत्व में पार्टी ने बहुत मेहनत की और इसका नतीजा मिला साल 1989 के चुनाव में जब बीजेपी 88 सीटों से आगे रही. साल 1993 में अटल बिहारी वाजपेयी विपक्ष के लीडर बनकर संसद में मौजूद रहे और साल 1995 में उन्हें प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी भाजपा की तरफ से घोषित किया गया.

प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यकाल

साल 1996 में अटल जी पहली बार प्रधानमंत्री बने लेकिन सिर्फ 13 दिनों के लिए, क्योंकि इनकी सहयोगी पार्टियों ने अपना सहयोग देना बंद कर दिया जिससे इन्हें इस्तीफा देना पड़ा. 19 अप्रैल 1998 को एक बार फिर अटल जी प्रधानमंत्री बने और इस बार अपने सहयोगी पार्टियों के साथ मिलकर पूरे 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा किया. उन्होंने अपने कार्यकाल में कई अप्रत्याशित कार्य किए, जिनकी जानकारी नीचे दी गई है.

प्रधानमंत्री के तौर पर अटल जी की उपलब्धियां

देश को परमाणु शक्ति सम्पन्न बनाया

पोकरण का ऐतिहासिक परमाणु परीक्षण अटल बिहारी के कार्यकाल में संपन्न हुआ था. 11 और 13 मई 1998 के दौरान पोखरण में पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण किया गया और यह परीक्षण इतना गोपनीय था कि इसकी जानकारी अमेरिका के अति विकसित उपग्रह को भी नही लगी. वैश्विक राजनीति की दृष्टि से यह समय भारत के लिए बिल्कुल भी अनुकूल नहीं था. यह जानते हुए भी अटल बिहारी जी ने देश को परमाणु संपन्न राष्ट्र बनाने के लिए साहसिक कदम उठाए.  हालांकि इसके बाद पश्चिमी देशों ने हमारे देश पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे.

पाकिस्तान और भारत के बीच बस सुविधा

अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में भारत और पाकिस्तान के संबंध काफी मधुरता की ओर बढ़ रहे थे और ये कितनी तेजी से सुधर रहे थे इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इन दोनों देशों के बीच पहली बस सेवा अटल बिहारी वाजपेयी ने ही शुरू की थी. कुछ रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) का विवादित मुद्दा भी सुलझने के कगार पर था.

कारगिल युद्ध मे भूमिका

अटल बिहारी वाजपेयी की तमाम कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और सैन्य प्रमुख परवेज मुशर्रफ ने चोरी-छिपे कारगिल में युद्ध शुरू कर दिया. यह मिशन इतना गोपनीय था कि इसकी जानकारी भी नहीं लगी और जब जानकारी लगी तब तक पाकिस्तान कई महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा कर चुका था. भारत पर अंतरराष्ट्रीय दबाव था कि वह पाकिस्तान की सीमा को पार करके पाकिस्तान में प्रवेश ना करें, ऊपर से परमाणु परीक्षण के बाद वैसे भी भारत आर्थिक प्रतिबंध झेल रहा था. इन सब विपरीत परिस्थितियों के बाद भी अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी सेना का हौसला बढ़ाया और हमारे देश की सेना ने पाकिस्तानी सेना को अपनी भूमि से खदेड़ दिया हालांकि इसमें भारतीय सेनाओं के जान-माल का बहुत नुकसान हुआ था.

स्वर्णिम चतुर्भुज योजना

भारत की सबसे बड़ी और विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी राजमार्ग परियोजना जिसे स्वर्णिम चतुर्भुज योजना (Golden Quadrilateral Highway) के नाम से जाना जाता है इसकी शुरुआत अटल बिहारी वाजपेयी ने ही की थी. इसका उद्देश्य भारत के 4 बड़े महानगरों दिल्ली कोलकाता, चेन्नई और मुंबई को जोड़ना था.

कावेरी जल विवाद

कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच करीब 137 वर्षों तक चले कावेरी नदी के जल को लेकर विवाद चल रहा था जिसे अटल बिहारी वाजपेयी ने खत्म करवाया.

देश के आधार भूत ढांचे का विकास

अटल जी के कार्यकाल में कई हवाई अड्डों का विकास हुआ, इसके अलावा नेशनल हाईवे का एक मजबूत नेटवर्क देश में बिछाया गया. कोंकण में एक नया रेलवे हेड क्वार्टर शुरू किया गया.

कई समितियों का गठन

अटल जी ने अपने कार्यकाल में कई समितियों का गठन किया, जिससे उस समिति से जुड़े हुए कार्यों में काफी तेजी आई. जैसे विद्युत संबंधित कार्य तेजी से हो सके, इसके लिए केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग गठित की गई. सॉफ्टवेयर का विकास तेजी से हो सके इसके लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी विकास  आयोग गठित किया गया. इसी के साथ ही व्यापार एवं उद्योग आयोग, आर्थिक समिति और राष्ट्रीय सुरक्षा समिति जैसे महत्वपूर्ण आयोग का गठन किया गया.
उड़ीसा को गरीबी से निकाला

उड़ीसा के कई क्षेत्र उन दिनों गरीबी की मार से जूझ रहे थे, ऐसे में अटल बिहारी वाजपेयी ने इन क्षेत्रों को गरीबी से निकालने के लिए सात सूत्रीय निर्धनता उन्मूलन प्रोजेक्ट की शुरुआत की जो कि अपने आप में एक बहुत बड़ा कदम था.

गरीबो के लिए रोजगार और विदेशी भारतीय के लिए बीमा योजना

अटल जी का मूल मंत्र था देश से गरीबी दूर करना, उसके लिए उन्होंने अपनी पूरी कोशिश की, इसी में से एक था गरीबों के लिए रोजगार सृजन का कार्यक्रम. इन्होंने कई लघु और कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जिससे ऐसे गरीब व्यक्ति जो किसी हुनर की सहायता से अपना जीवन यापन कर रहे थे उस को बढ़ावा मिला. साथ ही ऐसे भारतीय जो अपनी नौकरी के कारण विदेशों में बसे हैं, उनके लिए पहले भारत में किसी भी प्रकार का बीमा योजना का हिस्सा बनने का अधिकार नहीं था लेकिन अटल जी ने उसे बदलकर उन्हें वह अधिकार दे दिया.

अटल बिहारी वाजपेयी कविता (Atal Bihari Vajpayee Ki Kavita)

अटल बिहारी वाजपेयी जितने कुशल राजनीतिज्ञ थे उतने ही योग्य कवि भी. इन्होंने अपने पूरे जीवन काल में कई बेहतरीन प्रसिद्ध कविताएं लिखी जो वीर रस से और देशभक्ति से भारी होती थी. उन्होंने अपने कविता संग्रह को “मेरी इक्यावन कविताएं” में प्रकाशित किया है.

इनकी सर्वप्रथम कविता ‘ताजमहल’ थी. ताजमहल के ऊपर कई लोगों ने कविताएं लिखी हैं जिस में ताजमहल को प्रेम के प्रतीक के तौर पर दिखाया गया है लेकिन अटल जी की सोच थोड़ा अलग थी. “एक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताजमहल, हम गरीबों की मोहब्बत का उड़ाया है मजाक” जैसी पंक्तियों से ताजमहल के ऊपर कटाक्ष कहा और उन मजदूरों कामगारों के अथक परिश्रम और बलिदान को याद किया जिन्होंने इस ताजमहल को बनाया था. बचपन से ही उनकी रगों में हिन्दू होने का गर्व भरा हुआ था, इसीलिए हिन्दू तन-मन हिन्दू जीवन, रग-रग हिन्दू मेरा परिचय” जैसी कविता पूरे गौरान्वित भाव से लिखी थी.

इनकी लिखी कुछ प्रमुख रचनाएं इस प्रकार है:- 

  • कैदी कविराय की कुण्डलियाँ
  • रग-रग हिन्दू मेरा परिचय
  • संसद में तीन दशक
  • सेक्युलर वाद
  • राजनीति की रपटीली राहें
  • बिन्दु बिन्दु विचार
  • मेरी इक्यावन कविताएं
  • अमर आग है

अटल बिहारी वाजपेयी को मिले पुरस्कार और उपलब्धियां (Atal Bihari Vajpayee Awards & Achievements)

  • पदमभूषण – 1992
  • श्रेष्ठ सासंद पुरस्कार – 1994
  • लोकमान्य तिलक पुरस्कार – 1994
  • भारत रत्न – 2014

अटल बिहारी वाजपेयी का निधन (Atal Bihari Vajpayee Death)

साल 2009 से अटल बिहारी वाजपेयी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से गुजर रहे थे. इसी साल उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके चलते वह बातचीत करने में असमर्थ हो गए.  उसके बाद उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जिनमें से एक थी किडनी में संक्रमण. आखिरकार 16 अगस्त, 2018 को शाम 5:05 बजे अटल जी ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली. जिसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अटल जी के सम्मान में 7 दिनों का राजकीय शोक की घोषणा की थी.

निष्कर्ष :- आज के इस आर्टिकल में आपने जाना भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन परिचय (Atal Bihari Vajpayee Biography in hindi) के बारे में. उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी.

FAQ

Q : अटल बिहारी वाजपेयी कितनी बार पीएम बने थे?
Ans : तीन बार

Q : अटल बिहारी वाजपेयी के माता का क्या नाम था?
Ans : कृष्णा देवी

Q : अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु कब हुई थी?
Ans : 16 अगस्त, 2018 को

Q : अटल बिहारी वाजपेयी कहाँ के रहने वाले थे?
Ans : ग्‍वालियर

Q : अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि कब है?
Ans : 16 अगस्त

Q : अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
Ans : ग्‍वालियर में 5 दिसंबर 1924 में हुआ

Q : अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती कब है?
Ans : 25 दिसंबर को

Q : अटल बिहारी वाजपेयी की पत्नी का नाम क्या है?
Ans : अटल जी ने शादी नही की.

Q : अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन कब है?
Ans : 25 दिसंबर को

Q : अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न कब मिला
Ans : साल 2014 में  

Q : अटल बिहारी वाजपेयी समाधि स्थल का नाम
Ans : सदैव अटल

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