शिल्पकार अरुण योगीराज कौन हैं?, अरुण योगीराज मूर्तिकार का जीवन परिचय | Murtikar Arun Yogiraj Biography in Hindi

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शिल्पकार अरुण योगीराज कौन हैं?, अरुण योगीराज मूर्तिकार का जीवन परिचय, राम की मूर्ति (Murtikar Arun Yogiraj Biography In Hindi, Wikipedia,  Wife, Instagram, Age, Ram Mandir Murti, Cast, Ram Mandir Idol, Ayodhya Ram Murti)

Murtikar Arun Yogiraj Biography in Hindi – 22 जनवरी को अयोध्या में बन रहे राम मंदिर (ram mandir idol) के गर्भ गृह में रामलला की कौन सी प्रतिमा स्थापित होने वाली है, यानी जब आप राम मंदिर जाएंगे तो आपको गर्भ गृह में भगवान श्री राम की कौन सी प्रतिमा दिखेगी. मंदिर के गर्भगृह के लिए तीन मूर्तिकारों ने भगवान राम के बाल रूप की प्रतिमा बनाई थी. जिसमे राजस्थान के मूर्तिकार सत्यनारायण पांडेय, बेंगलुरु के जी.एल. भट्ट और मैसूर के अरुण योगीराज शामिल थे. ये तीनों मूर्तियां 51 इंच यानी 4.25 फीट ऊंची थीं. अब इन तीनो मूर्तिकारों में से किसी एक की प्रतिमा को चुनना था.

प्रतिमा के निर्माण से पहले इन तीनों मूर्तिकारों को बताया गया था कि भगवान राम की प्रतिमा (ram mandir murti) ऐसी होनी चाहिए जिसमें वह राजा दशरथ के पुत्र और भगवान विष्णु के अवतार लगे. और इस प्रतिमा में 5 साल के बाल स्वरूप का चित्रण भी होना चाहिए.  इन तीनों मूर्तिकारों की मूर्तियों की खास बात यह है कि कर्नाटक के मूर्तिकारों द्वारा बनाई गई मूर्तियों में कर्नाटक के विशेष पत्थर का इस्तेमाल किया गया है, जबकि राजस्थान में बनी मूर्ति वहां के प्रसिद्ध मकराना पत्थर से बनाई गई है. इन तीनों प्रतिमाओं में से किसी एक की प्रतिमा को राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित की जाएगी. इसके लिए भी एक विशेष समिति का गठन किया गया और इस समिति ने इन 7 बातों को ध्यान में रखकर मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज की प्रतिमा का चयन किया. और 22 जनवरी को भगवान राम की इसी प्रतिमा (arun yogiraj ram statue) में प्राण प्रतिष्ठा कर उसे इसी गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा.

अब आपको बताते है कि शिल्पकार अरुण योगीराज कौन हैं?, अरुण योगीराज मूर्तिकार का जीवन परिचय (Murtikar Arun Yogiraj Biography in Hindi) के बारें में पूरी जानकरी.

Murtikar Arun Yogiraj Biography in Hindi

शिल्पकार अरुण योगीराज कौन हैं? (Murtikar Arun Yogiraj Biography in Hindi)

अरुण योगीराज मूर्तिकार (arun yogiraj wikipedia) कर्नाटक राज्य के मैसूर के रहने वाले हैं. उनके पिता का नाम योगीराज है और वह भी एक सुप्रसिद्ध मूर्तिकार थे. वे पांच पीढ़ियों से मूर्ति तराशने का काम कर रहे हैं. इनका परिवार प्रसिद्ध मूर्तिकारों के परिवारों (arun yogiraj family) में से एक है. भारत के अलग अलग राज्यों से मूर्तिकार अरुण की बनाई गई प्रीतिमा की काफी ज्यादा मांग रहती है. इतना ही नहीं खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी कलाकारी को देखकर खूब तारीफ की थी.

अरुण योगीराज की उम्र 45 साल (arun yogiraj age) है और उनकी पत्नी का नाम विजेता एम राव (arun yogiraj wife) है. इनके दो बच्चे है एक बेटा और एक बेटी.

अरुण के पिता, दादा और परदादा बेहतरीन मूर्तिकार है. उनके दादा बसवन्ना शिल्पी को मैसूर के राजा का संरक्षण प्राप्त था. हालाँकि अरुण का बचपन मूर्तिकला में बीता, लेकिन उनका परिवार चाहता था कि वह अपने दादा और पिता की तरह मूर्तिकार न बनें. उन्होंने मैसूर यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई पूरी की और इसके बाद कुछ समय प्राइवेट कंपनी में काम किया. वह नौकरी तो कर रहे थे लेकिन मूर्तिकला की कला को ज्यादा समय तक अपने मन में छिपा नहीं सके और उन्होंने नौकरी छोड़ दी और वर्ष 2008 में मूर्तिकला में अपना करियर शुरू किया.

शिल्पकार अरुण योगीराज का करियर (Murtikar Arun Yogiraj Career)

दिल्ली के इंडिया गेट के पीछे अमर जवान ज्योति के पास 30 फीट ऊंची सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति शिल्पकार अरुण योगीराज (arun yogiraj murtikar) ने बनाई है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती से पहले प्रधानमंत्री मोदी की इच्छा थी कि स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान का सम्मान करने के लिए इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगी जाये और उनकी इच्छा को पूरा करने के लिए अरुण योगीराज ने 30 फीट ऊंची नेताजी बोस की मूर्ति को तैयार किया. इसके साथ ही उन्होंने पीएम को सुभाष चंद्र बोस की 2 फीट ऊंची मूर्ति भी भेंट की जिसका प्रधानमंत्री ने उनका आभार प्रकट किया.

अरुण योगीराज ने अपने करियर के कई प्रतिमा और मूर्ति का निर्माण किया. केदारनाथ में लगी आदि शंकराचार्य (shankaracharya statue) की 12 फीट ऊंची मूर्ति का निर्माण हो या फिर मैसूर के चुंचनकट्टे में 21 फीट ऊंची हनुमान मूर्ति. इसके अलावा डॉ. भीमराव आम्बेडकर की 15 फीट ऊंची मूर्ति, मैसूर में स्वामी रामकृष्ण परमहंस की सफेद अमृतशिला मूर्ति, नंदी की 6 फीट ऊंची अखंड मूर्ति, बनशंकरी देवी की 6 फीट ऊंची मूर्ति, मैसूर के राजा जयचामाराजेंद्र वोडेयार की 14.5 फीट ऊंची सफेद अमृतशिला मूर्ति और कई अन्य मुर्तिया अरुण योगीराज के हाथों तराशी गई है.

निष्कर्ष – आज के इस लेख में हमने आपको शिल्पकार अरुण योगीराज कौन हैं?, अरुण योगीराज मूर्तिकार का जीवन परिचय (Murtikar Arun Yogiraj Biography in Hindi) के बारें में बताया. उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी. अगर आपका कोई सुझाव है तो कमेंट करके जरूर बताइए. अगर आपको लेख अच्छा लगा हो तो रेटिंग देकर हमें प्रोत्साहित करें.

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