गणतंत्र दिवस एक एक ऐसा शब्द जिसके बारे में सुनकर ही हमारे मन में देशभक्ति की बात आ जाती हैं। हमारे देश में 3 त्योहारों को राष्ट्रीय त्यौहार का दर्जा दिया गया हैं। इन तीन राष्ट्रीय त्योहारों में गणतंत्रता दिवस, स्वंत्रता दिवस और महात्मा गांधी जयंती मुख्य हैं। इन्ही तीन राष्ट्रीय पर्व में से एक हैं गणतंत्र दिवस हैं और इसे हर साल हर्षोल्लास से मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता था.
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है?
भारत देश 15 अगस्त 1947 को एक स्वतंत्र राष्ट्र बना, और इसके बाद देश को चलाने के लिए एक संविधान की जरूरत थी तो देश के वरिष्ठ लोगो ने संविधान सभा के माध्यम से देश के लिए एक संविधान बनाया और उसे 26 जनवरी 1950 को सुबह 10.18 बजे देश में लागू किया गया और इसके 6 मिनट्स पश्चात यानि 10.24 बजे भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप डॉ राजेंद्र प्रसाद ने गवर्नमेंट हाउस के दरबार हाल में शपथ ली और 21 तोपों की सलामी देकर ध्वजारोहण कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया था. इस दिन यानि 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. इस दिन देश के नागरिकों को अपनी सरकार बनाने का अधिकार मिला.
गणतंत्र दिवस के बारे मे
जब हमारा देश आजाद हुआ था तब देश का हाथ क्रांतिकारियों और देश के सबसे बड़ी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के हाथ में थी। देश की आजादी के बाद देश को चलाने के लिए एक संविधान की जरूरत थी। उस समय देश में संविधान बनाने के लिए इस संविधान सभा के द्वारा संविधान बनाने की प्रक्रिया को शुरू किया गया। देश में वर्तमान में हम जिस संविधान को जानते और मानते हैं उस संविधान को बनाने में 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन का समय लगा। संविधान को बनाने का कार्य 9 दिसम्बर 1947 से ही शुरु कर दिया गया था. देश के संविधान बनने के बाद और इसको लागू करने के लिए एक दिन का चुनाव किया गया और 26 जनवरी 1950 को देश में इस संविधान को लागू किया गया था। 26 जनवरी को देश में संविधान को लागू किया गया था जिसके बाद हर साल 26 जनवरी के दिन हमारे देश में गणतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। इस दिन ही हमारे देश में संविधान को लागू किया गया था। 26 जनवरी को देश के 2 राष्ट्रीय त्योहारों के रूप में भी जाना जाता हैं। संविधान सभा द्वारा बनाया गया संविधान को 26 जनवरी को 1950 को लागू किया गया था और इसी दिवस के उपलक्ष में हर साल गणतंत्रता दिवस मनाया जाता हैं।
गणतंत्र दिवस का महत्व
गणतंत्र दिवस का खुद का एक संवैधानिक महत्व हैं। 26 जनवरी 1950 को देश में पूर्व में लागू भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को ख़त्म कर के लागू किया गया था। 26 जनवरी को ही देश में संविधान लागू क्यों किया गया था इसका भी अपना एक अलग महत्त्व हैं। इसी दिन यानी 26 जनवरी 1930 को ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लाहौर अधिवेशन में भारत को पूर्ण गणराज्य बनाने की घोषणा की थी। ठीक 19 वर्ष बाद 9 दिसंबर, 1946 को भारतीय सविंधान को लिखना शुरू किया गया और 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन बाद भारतीय सविंधान लिखकर पूरा हुआ. इस दिन यानी 26 जनवरी के दिन पुरे देश में सार्वजानिक अवकाश रहता हैं। इन दिन सभी सरकारी कार्यालयों में हमारे देश का तिरंगा शान से लहराया जाता हैं और लोग एक-दुसरे के साथ खुशियाँ बांटते हैं। इस दिन हमारे देश में कई जगह और मुख्य रूप से देश की राजधानी दिल्ली में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इस दिन देश में संविधान लागू होने पर ही इस संविधान का सारांश भी लोगों को मालुम पड़ गया था। “जनता का, जनता के लिए, जनता के द्वारा” इस संविधान के सारांश का महत्त्व वर्तमान में काफी ज्यादा हैं।
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गणतंत्र दिवस का इतिहास
गणतंत्रता दिवस का इतिहास आज का नही बल्कि कई सदियों पुराना हैं। देश की आजादी से पहले हमारे देश में कई राजाओं और उसके बाद अंग्रेजों ने शासन किया था। हमारे देश के वीर क्रांतिकारियों ने देश की आजादी के लिए कई आन्दोलन और कई महान कारनामे किये। अंग्रेजों ने हमारे देश की गरीब जनता पर काफी अत्याचार किया था। अत्याचार और शौषण के बाद देश में आजादी के लिए एक क्रांति की चिंगारी उठी थी। जब हमारा देश 1947 में अंग्रेजों से आजाद हुआ तब हमारे देश में अंग्रेजों द्वारा लागू भारत शासन अधिनियम 1935 ही लागु था। इसके बाद अब जरूरत थी एक ऐसे संविधान की जो हमारे देश के सभी लोगो को सम्मान अधिकार दे सके। 1947 में जब देश आजाद हुआ था देश में संविधान बनाने के लिए कई सफल प्रत्यन किये गये थे। संविधान बनाने के लिए कई संविधान सभाएं हुई। इन्ही संविधान सभाओं में कई उतार चढाव देखने को मिले। इसके बाद अंत 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन में संविधान का निर्माण किया। संविधान के निर्माण के बाद अब बारी थी इसे लागू करने की। इस संविधान को हमारे देश में 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। जैसे ही हमारे देश में इस संविधान को लागू किया गया तो उसी के साथ ही पूर्व से लागू 1935 का भारत शासन अधिनियम को समाप्त कर दिया गया।
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राजपथ पर की जाती है परेड
26 जनवरी के दिन भारत के राष्ट्रपति दिल्ली में ध्वज लहराते हैं और इसके बाद राष्ट्रपति को तीनों सेनाएँ 21 तोपों की सलामी देती है। इसके बाद परेड का आयोजन होता है, इसमें भारत के विभिन्न राज्यों द्वारा राजपथ पर राज्य की भव्य झांकी निकाली जाती है. इन झांकियों में हर राज्य अपने राज्य की वेशभूषा और अपनी संस्कृति के बारे में दर्शाता है.
गणतंत्र दिवस के कुछ फैक्ट्स
- गणतंत्र दिवस के दिन सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर भारत का संविधान लागू हुआ था।
- भारत देश का प्रथम नागरिक राष्ट्रपति होता है और हर साल गणतंत्र दिवस पर में राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज को फहराते हैं।
- भारत की पहली परेड मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में आयोजित की गई थी। उस समय इस परेड को 15 हज़ार से ज्यादा लोगों आये थे।
- दुनिया का सबसे बड़ा संविधान भारत का है जिसे एक दिन में पढना मुमकिन नही है।
- राष्ट्रगान के दौरान 21 तोपों की सलामी दी जाती है. ये सलामी राष्ट्रगान से शुरू होती है और राष्ट्रगान के खत्म होने के साथ पूरी हो जाती है।
- भारत के संविधान की कॉपी हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में हाथ से लिखी हुई है। और ये कॉपी संसद की लाइब्रेरी में हीलियम से भरे बक्सों में रखी गई है।
- भारतीय संविधान को बनाने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा, और इसका निर्माण डॉ भीमराव अंबेडकर ने किया.
अंतिम शब्द – हमारे इस लेख में आपको गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं साथ ही गणतंत्र दिवस का क्या महत्त्व हैं इसके बारे में भी बताया गया हैं। उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया होगा।
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