Kartik Purnima In Hindi – कार्तिक पूर्णिमा कब है, शुभ मुहूर्त, स्नान और दान का महत्व

Rate this post

Kartik Purnima 2023 Date And Time In Hindi, Kab Hai, Vrat, Amavasya, Purnima, Shubh Muhurat (कार्तिक पूर्णिमा कब है, शुभ मुहूर्त, स्नान, दान का महत्व, चंद्र ग्रहण, पूजा विधि, कथा, उपवास, गंगा स्नान, व्रत)

Kartik Purnima 2023 Date In Hindi – हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का एक विशेष महत्व माना गया है. यह दिन सबसे पवित्र और शुभ दिन माना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन भक्तगण भगवान की पूजा अर्चना करते है और व्रत रखते है. इस दिन लाखों करोड़ो श्रद्धालु गंगा, यमुना, गोदावरी, नर्मदा, कावेरी, गोमती जैसी पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. हिन्दू मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरारी का अवतार और भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था. इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन लग रहा है जिसके चलते 26 नवंबर 2023 को देव दीपावली का पर्व भी मनाया जाएगा. लेकिन कार्तिक पूर्णिमा दो दिन यानि 26 नवंबर और 27 नवंबर को मनाया जाएगा लेकिन व्रत 27 नवंबर को रखा जाएगा.

आज के इस आर्टिकल में हम आपको कार्तिक पूर्णिमा कब है (Kartik Purnima 2023 Date In Hindi), शुभ मुहूर्त, स्नान और दान का महत्व के बारें में पूरी जानकारी देने वाले है.

Kartik Purnima 2022 Date In Hindi

कार्तिक पूर्णिमा 2023 मुहूर्त  (Kartik Purnima 2023 Muhurat)

कार्तिक पूर्णिमा को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा भी कहते है. इस वर्ष पूर्णिमा 26 नवंबर 2023 सोमवार के दिन को शाम 4 बजकर 18 मिनट बजे से शुरू होगा और 27 नवंबर 2023 मंगलवार के दिन को शाम 4 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. 27 नवम्बर को देव दीपावली का पर्व भी मनाया जाएगा. इस दिन शाम को दीपदान किया जाएगा और चंद्रमा की भी पूजा की जाएगी. आपको बता दूँ हिन्दू पंचांग तिथि के अनुसार देव दीपावली पर्व का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 14 मिनट से शाम 07 बजकर 49 मिनट तक रखा गया है.

कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि (Kartik Purnima 2023 Puja Vidhi)

कार्तिक पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा भी की जाती है लेकिन इस दिन अधिकतर भक्त भगवान शिव, भगवान विष्णु या फिर भगवान कार्तिकेय की पूजा करते हैं. पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर नए वस्त्र पूजा स्थल को साफ करे और लकड़ी की चौकी पर लाल या पीले कपड़े के टुकड़े से ढक कर भगवान गणेश, भगवान विष्णु या शिव या भगवान कार्तिकेय की फोटो रखे. पूजा की शुरुआत हमेशा भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना से शुरू करे. इसके बाद फोटो पर थोड़ा गंगाजल छिड़कें. तेल या घी का दीपक जलाएं. भगवान गणेश की फोटो पर जल अर्पित कर हल्दी, चंदन और कुमकुम लगाएं. इसके बाद मौली, जनेऊ, इत्र, पुष्पम और दूर्वा घास, दीपक, धूप और फल चढ़ाएं. इसके बाद दो पान के पत्तों, सुपारी, दक्षिणा और फलों से युक्त तंबूलम भी चढ़ाएं. भगवान विष्णु को तुलसी, भगवान शिव को बिल्व पत्र और भगवान कार्तिकेय को पंचामृत चढ़ाएं. यह ध्यान रखे कि भगवान शंकर को कुमकुम न चढ़ाएं. विधि विधान से भगवान गणेश भगवान विष्णु, भगवान शिव और भगवान कार्तिकेय की पूजा अर्चना करे और कार्तिक पूर्णिमा व्रत का संकल्प ले. अंत में व्रत कथा और आरती करें. हाथ जोड़कर भगवान के सामने झुकें शष्टांग नमस्कार करें.

कार्तिक पूर्णिमा 2023 महत्व (Kartik Purnima 2023 Mahatva)

शैव और वैष्णव धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का बहुत महत्व है और इसी दिन नानक सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव का भी जन्म हुआ था. इस दिन भगवान विष्णु ने दसवां मत्स्यावतार लिया था. शास्त्रों की माने तो भगवान विष्णु ने यह अवतार दुनिया को विनाश से बचाने के लिए मछली अवतार में प्रकट हुए थे. और इस दिन भगवान शिव ने भी एक बाण से त्रिपुरासुर दैत्य राक्षस का वध किया था. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने से भगवान प्रसन्न हो जाते है और इस दिन पवित्र नदी गंगा में स्नान और दीपदान करने से सारे पाप कष्ट धुल जाते है और पुण्य की प्राप्ति होती है.

शंकर भगवान के 19 अवतार

कार्तिक पूर्णिमा कथा (Kartik Purnima Katha In Hindi)

राजा तारकासुर नाम का एक दैत्य राक्षस हुआ करता था उसके तीन पुत्र तरकाक्ष, कमलाक्ष और विद्युन्माली थे. दिनों ने घोर तपस्या की. और ब्रह्मा जी प्रकट हुए।  ब्रह्मा जी ने उन्हें तीन नगर बसाने का वरदान स्वीकार किया. वरदान पाकर तीनों ने सोने, चाँदी ओर लोहे के पुर या त्रिपुर नगर बनवाए. इसके बाद तीनों ने जनता पर अत्याचार करना शुरू कर दिया. लेकिन ब्रह्मा जी ने एक बात और कही थी कि हजारों वर्षों के बाद ये तीनों नगर एक हो जायेंगे और एक बाण से ही तीनों पुर ख़त्म हो जाएंगे और वही तीनों भाइयों की मौत हो जाएगी. देवताओं की प्रार्थना से भगवान शिव ने एक बाण से तीनों पुरों को ख़त्म कर दिया और तीनों असुर भाई को भी मार गिराया. तभी से शिव त्रिपुरारि के नाम से पुकारे जाने लगे.

कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए (Kartik Purnima 2023)

इस दिन सुबह जल्दी उठकर नहा धोकर तुलसी की पूजा अर्चना कर घी का दिया जलाएं. ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. कार्तिक पूर्णिमा को पीपल के पेड़ की भी पूजा करनी चाहिए. पीपल के पेड़ की पूजा करने से माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है. और रात्रि के समय गंगाजल में दूध मिलाकर चंद्र देव को अर्घ्य दें ऐसा करने से कुंडली में बने चंद्र दोष दूर हो जाते. इन सभी के साथ ही भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करनी चाहिए.

कार्तिक पूर्णिमा दान व स्नान का महत्व (Kartik Purnima 2023)

कार्तिक पूर्णिमा के दिन तीर्थ स्थल पर स्नान और दान करने से फल की प्राप्ति होती है. इस दिन श्रीहरि भगवान विष्णु का निवास स्थान गंगाजल रहता है. इस दिन तीर्थ स्थल पर स्नान और दान करने का विशेष महत्व माना गया है. लेकिन अधिकतर लोग तीर्थ स्थल पर नही जा पाते है तो वह लोग घर पर नहाने के पानी में थोडा गंगाजल डालकर नहा ले और पवित्र तीर्थ स्थल नदियों का ध्यान करे जिनमे गंगा, यमुना, गोदावरी, नर्मदा, कावेरी, गोमती इत्यादि है और गायत्री मंत्र का जप अवश्य करे. इस दिन नहाने के बाद कपडे, गुड़, घी, कंबल, तिल, कपास, दूध, अन्न, फल आदि का दान जरूर करे. और जरुरतमंद लोगो को भोजन अवश्य कराए.

कार्तिक पूर्णिमा व्रत नियम (Kartik Purnima 2023 Vrat Niyam)

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करे नहाते समय पानी में गंगाजल मिलाए और पवित्र नदियों का ध्यान और गायत्री मंत्र का जप करे. इसके बाद नए वस्त्र धारण करे. और ब्रह्मचर्य बनाए रखें. सूर्य देवता को जल अर्पित करें और पूजा पाठ करे एवं व्रत का संकल्प ले. इस दिन मांस, शराब और तंबाकू से दूर रहे. व्रत के दिन गेहूं, चावल और दाल न खाए सिर्फ दूध और फल का सेवन करे. भगवान शिव और भगवान विष्णु जी की पूजा करे और मंत्रों का जाप करें. अपनी इच्छानुसार जरूरतमंद को भोजन कराए और कुछ दान करे.

निष्कर्ष– आज के इस लेख में हमने आपको कार्तिक पूर्णिमा कब है (Kartik Purnima 2023 Date In Hindi), शुभ मुहूर्त, स्नान और दान का महत्व के बारें में बताया. उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी.

FAQ

Q : नवंबर में पूर्णिमा कब है 2023?
Ans : 27 नवंबर 2023

Q : कार्तिक पूर्णिमा में किसकी पूजा की जाती है?
Ans : भगवान शिव और विष्णु जी की

Q : कार्तिक पूर्णिमा कब आ रही है?
Ans : 27 नवंबर 2023 को

Q : कार्तिक पूर्णिमा कब है
Ans : 27 नवंबर 2023 को

यह भी पढ़े

Previous articleलाला लाजपत राय का जीवन परिचय | Lala Lajpat Rai Biography in Hindi
Next articleवैभव तनेजा का जीवन परिचय | Vaibhav Taneja Biography in hindi

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here