महाशिवरात्रि व्रत के नियम | Maha Shivratri 2023 Fasting Rules in Hindi

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Maha Shivratri 2023 – महाशिवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में अधिक आस्था रखने वाला पर्व है। यह दिन भगवान शंकर को समर्पित है. हर साल की भाति महाशिवरात्रि का त्योहार हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी महीने में मनाया जाता है. पुरे देश में इस पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. शिवरात्रि हर महीने और साल में 12 बार आते है. इस दिन भोलेनाथ के भक्त उनकी पूजा करते हैं और पूरे दिन व्रत रखते हैं. पौराणिक कहानियों के अनुसार यह दिन भगवान शिव और पार्वती को संदर्भित है. इस दिन इन दोनों का विवाह हुआ था. साल 2023 में महाशिवरात्रि 18 फरवरी 2023 को है.

इस आर्टिकल में हम आपको महाशिवरात्रि व्रत के नियम (Maha Shivratri 2023 Fasting Rules in Hindi) और इस दिन क्या खाएं और क्या नहीं. इन सभी एक बारें में विस्तार से बताएँगे.

Maha Shivratri

महाशिवरात्रि का महत्व (Shivratri Significance and Importance)

कई कहानियों के अनुसार इस दिन भगवान शंकर और माँ पार्वती का विवाह हुआ था. और भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंग धरती पर प्रकट हुए थे. यह त्योहार पूरे देश में उत्साह के साथ मनाया जाता है और शिव के भक्त पूजा कर बिल्वपत्र अर्पित करते है और व्रत रखते है. कहा जाता है कि इस दिन पूजा और व्रत करने से दुखों का नाश होता है.

महाशिवरात्रि पर्व कहां मनाया जाता है?

राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, तेलंगाना, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश सहित  पूरे देश में महाशिवरात्रि का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. शिव भक्त देश के सभी मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना करते हैं. और शिवलिंग पर धतूरा, बेलपत्र, दूध, चीनी, घी और कई अन्य पूजन सामग्री चढ़ाई जाती है. इस दिन भक्त व्रत रखते है और शाम को इसे खोलते है.

महाशिवरात्रि 2023 पूजा सामग्री लिस्ट (Maha Shivratri 2023 Puja Samagri List)

महाशिवरात्रि पूजा सामग्री की लिस्ट आप नीचे देख सकते है-

  • शिव जी की तस्वीर
  • बेलपत्र
  • भांग
  • अक्षत
  • जनेऊ
  • चंदन
  • केसर
  • शमी के पत्ते
  • फूल
  • धतूरा
  • मदार पुष्प
  • गंगाजल
  • दूध (कच्चा)
  • गाय का दूध
  • दही
  • शक्कर
  • इत्र
  • भोग के लिए हलवा
  • ठंडाई
  • पूजा के बाद हवन सामग्री
  • लस्सी
  • मालपुआ
  • माँ पार्वती के लिए श्रृंगार सामग्री

महाशिवरात्रि व्रत के नियम (Maha Shivratri Fast Rules In Hindi)

महाशिवरात्रि का व्रत करने के लिए कुछ नियम-कायदे होते हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य होता है, वह नियम निम्न है-

  • महाशिवरात्रि के एक दिन पहले से ही सात्विक भोजन का सेवन करे.  
  • महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। जहां तक ​​हो सके हरे रंग के कपड़े पहनें। यह रंग भगवान भोलेनाथ का प्रिय रंग है.
  • पूजा स्थल को साफ कर भोलेनाथ की फोटो को विराजमान कर पूजा अर्चना करे. और निर्जल व्रत संकल्प ले.
  • महाशिवरात्रि के दिन व्रत संकल्प लेने के बाद किसी भी तरह का अन्न का सेवन नही करना है. इस दिन सिर्फ फलाहार करना है.
  • महाशिवरात्रि के दिन पुरे दिन सोना नही है सिर्फ शिव की आराधना करनी है.
  • इस दिन मंदिर में जाकर शिवलिंग की पूजा कर आधी परिक्रमा करें . शिवलिंग की पूरी परिक्रमा लगाना पूरी तरह से मना है.
  • महाशिवरात्रि की पूजा में इस बात का जरूर ध्यान रखे कि पूजा सामग्री में हल्दी, नारियल, तुलसी और केवड़े के फूल का न रखे. शिव की पूजा में इन सभी चीजों का वर्जित है.
  • महाशिवरात्रि के दिन उपवास और पूजा में ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन जरूर करे.
  • इस दिन रात्रि में जागरण भी किया जा सकता है. कहा जाता है कि व्रत के साथ जागरण करने से अधिक फल मिलता है. इतना ही नहीं शिव पुराण में रात्रि जागरण का भी विशेष महत्व बताया गया है.
  • आप निशिता काल के शुभ मुहूर्त के बाद महाशिवरात्रि का व्रत खोलें। क्योंकि चतुर्दशी तिथि समाप्त होने से पहले ही व्रत खोलने का विधान है.

महाशिवरात्रि व्रत में क्या खाएं

फल – महाशिवरात्रि के दिन आप फल का सेवन कर सकते है. इसका सेवन करने से आपको पुरे दिन भरपूर उर्जा मिलेगी और कमजोरी से महसूस नही होगी. फालो में जरुरी पोषक तत्व होते है जिसके चलते आपके स्वास्थ्य को भी अधिक फायदा मिलता है. व्रत के दिन फलों में संतरा, केला, सेब, मौसंबी और अनार का सेवन कर सकते हैं। इन्हें खाने से आपका शरीर दिन भर हाइड्रेट रहेगा और आपका पेट खाली नहीं रहेगा.

जूस –  महाशिवरात्रि के दिन आप फलों के जूस का सेवन कर सकते हो. जूस पीने से आपको कमजोरी नही होगी और उर्जा मिलेगी. आप दिन भर फुर्तीले रहेंगे. इस दिन आप नारियल पानी का भी इस्तेमाल कर सकते है.

ड्राईफ्रूट्स – महाशिवरात्रि के दिन आप ड्राईफ्रूट्स का भी सेवन कर सकते हो. क्योंकि पुरे दिन पेट खली रहता है और इसे लंबे समय तक भरने के लिए ड्राईफ्रूट्स जरूरी है. इसके खाने से आपको कमजोरी महसूस नही होगी और दिनभर ऊर्जा बनी रहेगी. 

सब्जियां – सब्जियों को शुद्ध भोजन माना जाता है. और इसी वजह से उपवास करने वाले लोगो के लिए यह उपयुक्त आहार है. इस दिन आप खाने में आलू, अरबी, कद्दू जैसी सब्जियां शामिल कर सकते हैं. इन सब्जियों को बनाते समय सेंधा नमक का प्रयोग करें.

कुट्टू का आटा – आप सभी जानते ही हैं कि किसी भी व्रत में अन्न ग्रहण करने की मनाही होती है. लेकिन अगर आप इस दिन पुड़ी पकोड़ी खाना चाहते हैं तो कुट्टू के आटे का सेवन कर सकते हैं. इस आटे से आप पूड़ी या पकौड़ी बना सकते हो और इसके साथ आप आलू की सब्जी बनाकर खा सकते हो. अगर आप कुट्टू के आटे का सेवन नही करना चाहते तो आप सिंघाड़े के आटा, अरारोट का आटा और साबूदाने का आटा का भी खाने में इस्तेमाल कर सकते हो.

अन्य खाने की सामग्री – अगर आप कुट्टू के आटे का सेवन नही करना चाहते तो आप सिंघाड़े के आटा, अरारोट का आटा और साबूदाने का आटा का भी खाने में इस्तेमाल कर सकते हो. इसके अलावा आप साबूदाना खिचड़ी, साबूदाना खीर, आलू का हलवा, और सिंघाड़े का हलवा भी खा सकते हो.

महाशिवरात्रि व्रत में क्या न खाएं

  • महाशिवरात्रि व्रत के दिन आप अन्न जैसे गेहूं, चावल, दाल, मक्का और बाजरा से बनी चीजों का सेवन नही कर सकते है.
  • व्रत से एक दिन पहले से तामसिक भोजन, लहसुन से बनी चीजें, प्याज, मांसाहारी भोजन, धूम्रपान और शराब का सेवन न करें और यह सब व्रत वाले दिन भी लागु रखे.

निष्कर्ष – आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बताया महाशिवरात्रि व्रत के नियम (Maha Shivratri 2023 Fasting Rules in Hindi) और इस दिन क्या खाएं और क्या नहीं के बारें में. उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी. अगर आपका कोई सुझाव है तो कमेंट करके जरूर बताइए. अगर आपको लेख अच्छा लगा हो तो रेटिंग देकर हमें प्रोत्साहित करें.

FAQ

Q : महाशिवरात्रि 2023 में कब है?
Ans :  18 फरवरी को

Q : महाशिवरात्रि व्रत में क्या खाना चाहिए?
Ans :  फल, हेल्दी जूस, ड्राईफ्रूट्स और नारियल पानी  

Q : महाशिवरात्रि का व्रत कब खोला जाता है
Ans :  सुबह सूर्योदय के पश्चात पूजा करके व्रत खोला जाता है.

Q : महाशिवरात्रि व्रत कब है
Ans :  18 फरवरी 2023 को

Q : महाशिवरात्रि का व्रत क्यों रखा जाता है
Ans :  महाशिवरात्रि का व्रत करने से भोलेनाथ की दिव्य कृपा बनी रहती है.

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