स्वर्ण मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य, निबंध, गोल्डन टेम्पल, इतिहास (Interesting Facts About Golden Temple In Hindi)
भारत के राज्य पंजाब के अमृतसर शहर में मौजूद स्वर्ण मन्दिर को सिखो के लिए सबसे पवित्र धार्मिक स्थल माना गया है। इस मंदिर को “श्री हरिमन्दिर साहिब” और दरबार साहिब के नाम से भी जाना जाता है.4177 स्क्वायर फीट में फैले इस पवित्र स्थान को दरबार साहिब के नाम से भी जाना जाता है। SGPC यानि Supreme Gurdwara Management Committee के मुताबिक इस मन्दिर में हर दिन 1 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। तो आइए जानते हैं, स्वर्ण मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य (Interesting Facts About Golden Temple In Hindi) के बारें में।
स्वर्ण मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य (Interesting Facts About Golden Temple In Hindi)
- अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर को श्री हरिमन्दिर साहिब के याद में बनाया गया था।
- स्वर्ण मंदिर एक दिन में सबसे ज्यादा विजिट किया जाने वाली जगह है और यह ‘World Book of Records‘ रिकॉर्ड रखता है।
- सोने से बने होने के कारण इसका नाम स्वर्ण मंदिर पड़ा है जो पंजाब के शहर अमृतसर में स्थित है। यह गुरुद्वारा हिंदु और सिख लोगों के लिए एक पवित्रा स्थान है।
- इस मंदिर की देखरेख सुप्रीम गुरुद्वारा प्रबंधक समिति करती है साथ ही इन पर देश में मौजूद सभी गुरुद्वारे के रख रखाव की भी जिम्मेदारी होती है।
- महाराजा रणजीत सिंह ने 400 किलो गोल्ड से उपर के आधे हिस्से का निर्माण कराया था।
- दुनिया का सबसे बड़ा किचन होने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी इसी स्वर्ण मंदिर के पास ही है।
- यहां हर रोज 100000 श्रद्धालुओं को मुफ्त में प्रसाद के तौर पर लंगर खिलाए जाते हैं।
- इस अद्भुत गुरूद्वारे का निर्माण सबसे पहले 1585 में सिखों के पांचवें गुरु अर्जन ने करवाया था।
- गुरु अर्जुन ने ही गुरुद्वारे को भी डिजाइन किया था जिसे पूरी तरह बनने में लगभग 19 साल लगे थे।
- यह गुरुद्वारा इतिहास में अफगानों और शासकों द्वारा कई बार नष्ट किया जा चुका है। लेकिन भक्ति और आस्था ने इसे दोबारा बना दिया।
- सन् 1801-39 के बीच महाराजा रणजीत सिंह ने इसका दोबारा निर्माण किया था और तब से हर रोज़ लाखो श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं।
- इस मंदिर में चार मुख्य द्वार हैं जो आने जाने के लिए इस्तेमाल होते हैं। गुरूद्वारे में चारो दिशाओं में द्वार होने का मतलब है की यहां किसी भी धर्म के लोग आ सकते हैं।
- स्वर्ण मंदिर की हाइट 202ft और चौड़ाई 21 फीट है। यहां बने सरोवर में हजारों लोग डुबकी लगाते हैं लोगो की मान्यता है, ऐसा करने से इनके सारे पाप धुल जाएंगे।
- स्वर्ण मंदिर में बने अमृत सरोवर को “अमृत का तालाब” भी कहा जाता है।
- गोल्डन टेंपल को 500 किलो शुद्ध “चोबीश कैरट” के सोने से बनाया गया है।
- उस समय मन्दिर को बनाने के लिए इस्तेमाल हुए सोने की कीमत 65 लाख रुपए थी लेकिन अब इसकी कीमत 130 करोड़ रूपए है।
- गुरूद्वारे में प्रवेश के लिए हर किसी को अपने सिर को ढकना जरूरी होता है, साथ ही कंधे और पैर ढकना भी जरूरी होता है।
- यहां पर आए लोग हर साल Rs 275 करोड़ का दान करते हैं।
- स्वर्ण मंदिर में 300 से भी ज्यादा सेवादार लोगों की सेवा के लिए तैयार रहते हैं और ये सेवादार बिना किसी वेतन के भक्तो को मुफ्त में सेवा करते है।
- गुरूद्वारे में जाति, रंग भेद या लिंग किसी भी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया जाता।
- गुरुद्वारा में लंगर के लिए एक ऑटोमेटिक रोटी मशीन भी मौजूद रहती है, जो हर घंटे 25 हजार रोटियां बना कर देती हैं।
- स्वर्ण मंदिर के बारे में कहा जाता है कि भगवान बुद्ध भी यहां कुछ समय ठहरे थे और उस समय आस पास जंगल के बीच ध्यान करते थे।
- अमृतसर में बसे इस पवित्र धार्मिक स्थल के पीछे कई बलिदानियों ने अपने प्राण निछावर किए है।
- बाबा दीप सिंह जी के बलिदान को दुनिया आज भी याद करता है कहा जाता है कि इन्होंने 5 हजार लोगो के साथ अकेले लड़े थे और इसी मंदिर में इन्होंने अपने प्राण त्यागे थे।
- गोल्डन टेंपल “अमृत सरोवर” से चारों और से घिरा हुआ है। गुरूद्वारे के “अमृत सरोवर” का निर्माण गुरु राम दास ने खुद अपने हाथों से किया था और स्वर्ण मंदिर इसी अमृत सरोवर के बीच में मौजूद है।
- स्वर्ण मंदिर में मौजूद अमृत सरोवर के नाम पर ही “अमृतसर” शहर का नाम रखा गया है।
- यहां लंगर की व्यवस्था सभी श्रद्धालुओं के लिए चोबिश घंटे कराई जाती है।
- स्वर्ण मंदिर में 40 हजार से भी ज्यादा भक्तो के लिए रोज लंगर का आयोजन किया जाता हैं।
- स्वर्ण मंदिर इतना मशहूर है कि यहां हर दिन लाखो भक्त दर्शन के लिए आते हैं।
- इसके गुंबद का डिजाइन देश-विदेश से लाए गए कुशल कारीगरों द्वारा बनाया गया था।
- गोल्डन टेंपल शुरू से ही सोने का नहीं था बल्कि इसे दोबारा तैयार किया गया था। 1762 में एक शासक द्वारा इसे नष्ट कर दिया गया था फिर इसे सोने का बनाया गया।
- गुरूद्वारे के चारों तरफ मोजूद अमृत सरोवर के जल को काफी पवित्र माना जाता है और भक्त गुरूद्वारे के अंदर जाने से पहले इसी तालाब में अपना पैर और सिर को धो कर दर्शन करने जाते हैं।
- श्री हरिमन्दिर साहिब के दर्शन के लिए यहां हर साल “ताज महल” के मुकाबले ज्यादा लोग आते हैं।
- इसे देश के सातवे सबसे व्यस्त धार्मिक स्थलों में गिना जाता है।
- क्या आप जानते हैं सिख धर्म में सबसे पवित्र ग्रंथ कहे जाने वाले गुरु ग्रंथ साहिब को सबसे पहले स्वर्ण मन्दिर में ही स्थापित किया गया था।
- गुरूद्वारे की दीवारों को सफेद मार्बल से बनाया गया है ओर फिर उसके उपर सोने की परत चढाई गई है।
- गुरुद्वारे की दीवारों पर हाथो से कारीगरी की गई है जो कि मुगल और भारतीय वास्तुकला को दर्शाती है।
- रिकार्ड के मुताबिक मन्दिर के निर्माण के लिए जमीन 700 रुपये के सिख दान देकर खरीदी गई थी। कुछ का ये भी कहना है की सम्राट अकबर ने गुरु राम दास की पत्नी को भूमि दान कर दी थी।
- स्वर्ण मंदिर आधुनिक स्वच्छता और अन्य सुविधाएं से लेस हैं और इस दो मंजिले इमारत में कुल 228 कमरे और 18 हॉल हैं।
- स्वर्ण मंदिर हफ्तों के सातों दिन सुबह 5:00 से रात 10:00 बजे तक दर्शन के लिए खोले जाते हैं।
- इस मंदिर के सोने से कवर करने का काम 200 सालों बाद महाराजा रंजीत सिंह द्वारा किया गया था।
- गुरूद्वारे के लंगर में आमतौर पर आचार , रोटी , डाल और खीर परोसे जाने वाले व्यंजन है।
- यहां आए भक्तो को “अमृत सरोवर” का पानी प्रशाद के रुप में बांटा जाता है जिसे ये बोतलो में भर कर ले जाते हैं।
- यहां 2019-20 में हर दिन 23 लाख का चढ़ावा चढ़ाया जाता था लेकीन कोरोना काल के आते ही यह आंकड़ा 10 से 15 लाख पहुंच गया।
- अगर आप स्वर्ण मंदिर जाना चाहते हैं तो आप आसानी से अमृतसर रेलवे स्टेशन से स्वर्ण मंदिर तक जा सकते हैं।
- स्वर्ण मंदिर में एंट्री के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है।
- इस मन्दिर को नष्ट करने का प्रयास सर्वप्रथम अफगानों ने किया था और इन्होंने कई बार मंदिर पर आक्रमण किए।
- 1 जून 1984 को भारतीय सेना ने मंदिर को चारो तरफ घेर कर ऑपरेशन “ब्लू स्टार” शुरू किया था। आतंकियों के खात्मे के लिए स्वर्ण मंदिर में चले ऑपरेशन ब्लू स्टार को भारत के बंटवारे के बाद का सबसे काला दौर कहा जाता है।
- बड़ी दुखद को बात थी क्योंकि ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान भारतीय सेना के 83 जवान शहीद हुए थे जबकि 248 घायल हुए थे। सात दिन तक चले इस ऑपरेशन में 500 से भी ज्यादा आतंकी मारे गए थे।
- आपको शायद ही पता होगा की 35% से ज्यादा श्रद्धालु जो स्वर्ण मंदिर घूमने आते हैं वो सिख नही है।
- घूमने आए मुसाफिर के लिए यहां सेंट्रल सिख संग्रहालय भी मोजूद है, जहां सिख समुदाय और श्री हरमंदिर साहिब के इतिहास के बारे में विस्तार से बताया जाता है।
निष्कर्ष – आशा करते हैं हमारी द्वारा लिखी गई पोस्ट से आपको स्वर्ण मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य (Interesting Facts About Golden Temple In Hindi) जानने को मिले होंगे, साथ ही भविष्य में आपको ऐसे ही विषयों पर पोस्ट निरंतर देखने को मिलते रहेंगे।
FAQ
Q : स्वर्ण मंदिर में कितना सोना है?
Ans : 750 किलो शुद्ध सोना
Q : स्वर्ण मंदिर का दूसरा नाम क्या है?
Ans : श्री हरिमन्दिर साहिब
Q : स्वर्ण मंदिर पर कब्जा किसने किया?
Ans : भिंडरावाले ने
Q : वर्ष 1984 में स्वर्ण मंदिर में की गई सैनिक कार्यवाही का कूट नाम क्या था?
Ans : ऑपरेशन ब्लू स्टार
Q : गोल्डन टेंपल कब बना था?
Ans : 1577 ई. में
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