ग्रीनहाउस प्रभाव क्या है, निबंध, फायदे, नुकसान | Greenhouse Effect Essay in Hindi

2.7/5 - (9 votes)

ग्रीनहाउस प्रभाव (ग्रीन हाउस इफ़ेक्ट) क्या है, निबंध, परिभाषा, फायदे, नुकसान (Greenhouse Effect Essay in Hindi)

Greenhouse Effect In Hindi Essay

ग्रीनहाउस प्रभाव पर निबंध (Greenhouse Effect Essay)

हमारे पर्यावरण का वर्तमान तापमान 15 डिग्री सेल्सियस होता है इसके पीछे का कारण ग्रीन हाउस प्रभाव है जो तापमान को बनाये रखता है यदि ग्रीन हाउस प्रभाव नहीं होता तो हमारे पर्यावरण का तापमान -18 डिग्री सेल्सियस रहता जिसमें पेड़ पौधों और मनुष्य का जीवन संभव नहीं था। ग्रीन हाउस प्रभाव एक प्राकृतिक क्रिया होती है इसके अंदर कुछ ऐसी प्राकृतिक गैस मौजूद होती हैं जो पर्यावरण के तापमान को संतुलन बनाये रखती हैं। जहां एक तरफ ग्रीन हाउस प्रभाव पर्यावरण के लिए आवश्यक है तो दूसरी तरफ इसके बहुत से नुकसान भी हैं।  आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे कि ग्रीनहाउस प्रभाव क्या है, निबंध,फायदे, नुकसान (Greenhouse Effect Essay in Hindi)

ग्रीनहाउस प्रभाव क्या है (what Is Greenhouse Effect)

ग्रीन हाउस प्रभाव मुख्य रूप से एक प्राकृतिक घटना है जब सूर्य की किरणें पृथ्वी पर पड़ती हैं तो कुछ किरणे तो अवशोषित हो जाती है लेकिन कुछ किरणों को ग्रीन हाउस गैसों के द्वारा सोख लिया जाता है जिसकी वजह से पृथ्वी का तापमान बढ़ जाता है। जब यह प्रक्रिया अधिक मात्रा में होने लगती है तो उसे ग्रीन हाउस प्रभाव कहा जाता है।

ग्रीन हाउस प्रभाव दो तरीको का होता है एक तो यह प्राकृतिक रूप से होता है दूसरा मानव द्वारा कि गई किर्यो की वजह से भी ग्रीन हाउस प्रभाव देखने को मिलता है।

प्राकृतिक ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण (Natural Greenhouse Effect)

इसके तहत जो सूर्य की किरणें पृथ्वी पर पड़ती है तो कुछ किरणे सौरमंडल में वापस लौट जाती हैं लेकिन कुछ किरणे होती है जो पृथ्वी पर ही मौजूद रहती हैं और यह वातावरण में ताप में वृद्धि करने में सहायक होती है यह क्रिया पृथ्वी पर जीवित रहने के लिए आवश्यक है।

मानवीय प्रभाव के कारण ग्रीनहाउस (Human Enhanced Greenhouse Effect)

मनुष्य के द्वारा किए गए क्रियाकलापों की वजह से पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है इसके पीछे का कारण है कि ग्रीन हाउस प्रभाव उत्पन्न करने वाली गैसो में लगातार वृद्धि हो रही है। यह हमारे पर्यावरण के लिए चिंता का विषय बन चुकी है दिन प्रतिदिन इसकी परतें मोटी होती जा रही है जिसके चलते सूर्य की किरणे  सौरमंडल तक नहीं पहुंच रही हैं। जिसके चलते ओजोन परत (जो कि हमारी सूर्य से पड़ने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों से हमारी रक्षा करता है) में दिन प्रतिदिन छेद होता जा रहा है जो कि काफी चिंता का विषय है।

ग्रीन हाउस गैस (Greenhouse Effect Gases)

ग्रीन हाउस प्रभाव उत्पन्न करने में मुख्य रूप से सहायक गैसे कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), जलवाष्प (H2O), नाइट्रस ऑक्साइड(N2O), मीथेन (CH4) है। इन गैसों को ग्रीनहाउस गैस के नाम से भी जाना जाता है इन्हीं गैसों की वजह से पर्यावरण का संतुलन बना रहता है। यदि पृथ्वी पर ग्रीनहाउस गैसे नहीं होती तो वायुमंडल का चक्कर अनियंत्रित हो जाता है क्योंकि दिन के समय में तापमान बहुत अधिक होता और रात्रि के समय में पृथ्वी का तापमान बिल्कुल ही कम हो जाता इस तापमान में पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं हो पाता। ग्रीन हाउस गैसें दिन के तापमान और रात्रि के तापमान के अंतर को बराबर करके रखती है।

ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण

जैसा कि हम सभी जानते हैं पेड़ पौधे ऑक्सीजन तो छोड़ते हैं और CO2 ग्रहण करते हैं पेड़ पौधे अपना भोजन CO2 के माध्यम से ही बनाते हैं।  लेकिन वर्तमान समय में मनुष्य द्वारा अपने स्वार्थ को पूरा करते हुए लगातार जंगलों की कटाई की जा रही है।  जिसका परिणाम यह हो रहा है कि वायुमंडल में CO2 की मात्रा लगातार बढ़ती जा रही है जिससे ग्रीन हाउस प्रभाव बढ़ रहा है।

  • जिस तरीके से पृथ्वी पर आबादी की संख्या बढ़ रही है उसी तरीके से औद्योगीकरण भी लगातार बढ़ रहा है जिससे पृथ्वी पर CO2 की मात्रा बहुत अधिक बढ़ चुकी है इसका असर यह हो रहा है कि सूर्य की उष्मा धरती की सतह पर आने के बाद परावर्तित नहीं हो रही है जिस वजह से पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है।
  • दूसरा सबसे बड़ा कारण यह है कि लगातार मीथेन गैस की मात्रा बढ़ रही है जिसके परिणाम स्वरूप पर्यावरण में मवेशियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है पेड़ पौधों में लगातार कमी होती जा रही है।
  • ग्रीन हाउस प्रभाव में वृद्धि करने वाले कारकों में क्लोरोफ्लोरोकार्बन भी शामिल है क्योंकि यह कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में 14000 गुना गर्मी पैदा करने की क्षमता रखता है इसलिए यह कहा जा सकता है कि क्लोरोफ्लोरोकार्बन लगातार बढ़ रहे तापमान में सहायक है।

 ग्रीन हाउस गैसों का नाम ( Name of Green House Gases)

ग्रीन हाउस गैस का नाम  वातावरण में ग्रीनहाउस गेसो का प्रतिशत (~)
जलवाष्प (H2O) 50%
नाइट्रस ऑक्साइड(N2O) 4-7%
कार्बन डाइऑक्साइड(CO2) 8-26%
मेथेन (CH4) 4-9%

ग्रीन हाउस प्रभाव से फायदे (Benefits Of Greenhouse Effect)

  1. ग्रीन हाउस प्रभाव का सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि इसकी वजह से ही पृथ्वी पर जीवन संभव है इससे पृथ्वी का तापमान नियंत्रित रहता है।
  2. ग्रीन हाउस प्रभाव उत्पन्न करने वाली गैसों में कार्बन डाइऑक्साइड और ओजोन जैसी गैसे शामिल हैं जो हमारे पर्यावरण के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है इनकी सहायता से पर्यावरणीय जीवन चक्र सही तरीके से नियंत्रित रहता है।
  3. जिस तरह पानी से गंदगी को फिल्टर की सहायता से हटा दिया जाता है उसी तरीके से ग्रीन हाउस प्रभाव पर्यावरण के लिए एक फिल्टर की भांति कार्य करता है क्योंकि यह सूर्य की हानिकारक किरणों को सौरमंडल में वापस भेजने का काम करता है।
  4. पर्यावरण में सभी जीवित प्राणियों को दूषित हवा से बचाने का काम भी ग्रीन हाउस प्रभाव करता है।
  5. ग्रीन हाउस प्रभाव सूर्य की पराबैंगनी किरणों से पृथ्वी की रक्षा करता है क्योंकि ग्रीन हाउस प्रभाव में ओजोन गैस मौजूद होती है जो पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है।
  6. हमें बर्फ की बहुत बड़ी-बड़ी चट्टानें देखने को मिलती है इसके पीछे ग्रीन हाउस प्रभाव ही है क्योंकि जब जल के स्तर को संतुलन में रखता है जिसकी सहायता से बर्फ पिघलती नहीं है।

ग्रीन हाउस प्रभाव के दुष्परिणाम (Disadvantages Of Greenhouse Effect)

जिस तरह से ग्रीन हाउस प्रभाव के फायदे हैं तो दूसरी तरफ इसके नुकसान भी बहुत ज्यादा हैं क्योंकि कोई भी चीज अधिकता में हो जाए तो वह नुकसानदायक होती है ऐसा ही कुछ ग्रीन हाउस प्रभाव में हो रहा है।

  1. ग्रीन हाउस प्रभाव का सबसे बड़ा असर अर्थव्यवस्था में  देखने को मिल सकता है क्योंकि लगातार तापमान बढ़ रहा है जिसकी वजह से वैश्विक उत्पादन में लगभग 4% से अधिक कमी होने की संभावना है। जब उत्पादन में कमी आएगी तो खाने पीने की चीजों में भी कमी आना तय है जिसके चलते विश्व भर में भुखमरी देखने को मिल सकती हैं।
  2. ग्रीन हाउस प्रभाव की वजह से लगातार पृथ्वी का तापमान बढ़ता जा रहा है जो कि ग्लोबल वार्मिंग का सबसे बड़ा कारक है इसके तहत ध्रुवीय क्षेत्रों में बर्फ पिघलने लगी है जो कि बाढ़ जैसे हालात पैदा कर सकते है।
  3. CO2 जो की ग्रीन हाउस प्रभाव उत्पन्न करने में सहायक गैस है इसकी पृथ्वी पर लगातार मात्रा बढ़ रही है जो पेड़-पौधों कि प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया में लगातार बाधा उत्पन्न कर रही है और लगातार पृथ्वी पर ऑक्सीजन की मात्रा में कमी आने के पीछे का यही कारण है।
  4. ग्रीन हाउस प्रभाव के चलते बढ़ते तापमान का सीधा असर मौसम पर देखने को मिलता है कुछ जगह ऐसी होती हैं जहां पर कई वर्षों से बारिश तक नहीं होती है इसके साथ ही बिना मौसम की बारिश होना और अचानक आंधी तूफान और मूसलाधार बारिश होना यह सब ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण ही होता है।
  5. ग्रीन हाउस प्रभाव की वजह से पृथ्वी का तापमान 3 डिग्री सेल्सियस से अधिक बढ़ रहा है जिसने पिछले तापमान के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए है।
  6. ग्रीन हाउस प्रभाव की वजह से लगातार जल स्तर में वृद्धि हो रही है जिससे बाढ़ जैसी स्थितियां विश्व भर में देखने को मिल रही है।

हरित गृह प्रभाव को नियंत्रित करने के उपाय

ग्रीन हाउस प्रभाव को नियंत्रित करने के बहुत से उपाय हैं जिनको करके आप काफी हद तक इसे नियंत्रित कर सकते हैं-

  1. सबसे पहला उपाय यह है कि जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाई जाये इससे यह फायदा होगा कि प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कम होगा जिससे पर्यावरण में संतुलन की अवस्था बनी रहेगी।
  2. ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाएं और वनों का संरक्षण करें इससे ग्रीन हाउस प्रभाव उत्पन्न करने वाली गैसों का ज्यादा से ज्यादा अवशोषण होगा।
  3. रसायनिक खाद भी ग्रीन हाउस प्रभाव उत्पन्न करने में मुख्य भूमिका निभाते हैं इसलिए ज्यादा से ज्यादा जैविक खाद का ही उपयोग करें।

Conclusion – लगातार पृथ्वी का बढ़ता तापमान हमारे लिए एक चिंता का विषय है यदि इस पर अभी से ध्यान नहीं दिया गया तो यह आने वाले समय में बहुत बड़ी मुसीबत खड़ा कर सकता है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाए जो पर्यावरण संतुलन के लिए सहायक है। उम्मीद करते हैं दोस्तों आपको हमारे द्वारा बताई गई जानकारी ग्रीनहाउस प्रभाव (ग्रीन हाउस इफ़ेक्ट) क्या है, निबंध, परिभाषा, फायदे, नुकसान (Greenhouse Effect Essay in Hindi) अच्छी लगी होगी। ग्रीन हाउस प्रभाव से जुड़ी सभी जानकारी हमने इस पोस्ट के माध्यम से आप तक शेयर की है फिर भी यदि आपको इससे जुड़ी कोई समस्या है तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से हमें बता सकते हैं।

यह भी पढ़े

 

Previous articleराजकोषीय घाटा क्या होता है (Fiscal Deficit In Hindi)
Next articleनेपाल के 6 सबसे खतरनाक एयरपोर्ट्स के बारे में | Top 6 Dangerous Airports in Nepal In Hindi

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here