अन्य पिछड़ा वर्ग क्या होता है, ओबीसी का फुल फॉर्म क्या है,पिछड़ी जाति किसे कहते है, ओबीसी का मतलब क्या है, ओबीसी जाति प्रमाण पत्र, (OBC Jati, OBC full form, OBC In Hindi, OBC Caste List In Hindi, Other Backward Classes (OBC) Certificate, OBC NCL means)
हमारा देश विविधताओं में एकता का देश माना जाता है और साथ ही लोकतांत्रिक बहुसंख्यक देश भी है, अलग-अलग धर्म के लोगों के साथ साथ यहां पर अलग-अलग जाति के लोग भी निवास करते है। अलग जाति के लोगों को अलग-अलग वर्गों में बाटा गया है उन्हीं वर्गों में से एक अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) है जिसके बारे में आज हम आपको बताने वाले है. आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे कि अन्य पिछड़ी जाति (OBC) किसे कहते है? अन्य पिछड़ा वर्ग में कौन-कौन सी जाति आती है (OBC me kon kon si jati aati hai list), ओबीसी का फुल फॉर्म, ओबीसी जाति प्रमाण पत्र, ओबीसी जाति लिस्ट के बारे में.भारत के सभी राज्यों में जाति को एक समान वर्गों में विभाजित नहीं किया गया है।
ओबीसी का पूरा नाम (OBC Full Form)
ओबीसी (OBC) का पूरा नाम इंग्लिश में होता है Other Backward Classes. और हिंदी में होता है अन्य पिछड़ी जाति. इसमें बहुत जातियां आती है.
अन्य पिछड़ी जाति (OBC) किसे कहते है?
ओबीसी एक पॉपुलर टर्म जिसे हम Other Backward Classes बोल सकते है. इस जाति में अनेक जातियां आती है. OBC की जड़े भारत के संविधान के अनुच्छेद 16 (41) और 340 में मौजूद हैं जहाँ पर इसे अन्य पिछड़ी जाति के नाम से संकलित किया गया है. भारत में आने वाले OBC की जनसंख्या 42% है जबकि रिजर्वेशन सिर्फ 27% लोगो को मिलता है.
वर्ष 1980 में मंडल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार ओबीसी का भारत की कुल जनसंख्या का 52% हिस्सा पाया गया है. और साल 2006 में नेशनल सैंपल सर्वे के अनुसार यह आकड़ा घटकर सिर्फ 41% ही रह गया.
भारतीय संविधान के अनुसार ओबीसी को सामाजिक व शैक्षिक क्षेत्र मे पिछडे वर्ग के रुप में वर्णित किया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र में ओबीसी जाति को शिक्षा और रोजगार में 27% तक रिजर्वेशन दिया जाता है।
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ओबीसी वर्ग का इतिहास (History of OBC Category)
साल 1979 मे बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल की अध्यक्षता में हिन्दू धर्म में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से वर्ग की पहचान करने के आयोग का गठन किया था. इस वर्ग में आने वाले लोगों के लिए सरकार द्वारा विशेष लाभ प्रदान किया जायेगा। जब यह प्रस्ताव पास किया गया था उस समय हिंदुओं और गैर हिंदुओं को ओबीसी वर्ग में शामिल किया जाएगा साथ ही इसके लिए 11 मानदंड का विकास भी किया गया था जिसके आधार पर यह पहचान की जा सकती थी कि किन लोगों को ओबीसी वर्ग में रखा जाएगा।
ओबीसी का उपवर्गीकरण
जब मंडल आयोग को यह पता चला कि ओबीसी वर्ग में आरक्षण का फायदा क्रीमी लेयर के लोग उठा रहे हैं तब इन्होंने इस पर कार्रवाई करते हुए रोहिणी कमिशन को लागू किया। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जिन्होंने 2017 में न्यायाधीश रोहिणी के नेतृत्व में आर्टिकल 340 के तहत 5 सदस्यीय टीम गठित की गई और उन्हें ओबीसी के उप वर्गीकरण को सही तरीके से लागु करने की जिम्मेदारी सौंपी गई.
जिसमें ओबीसी को मंडल आयोग में सम्मिलित किया गया था उस समय देश में ओबीसी की जनसंख्या का 27% तक रिजर्वेशन था इसी बात को ध्यान में रखते हुए उप-वर्गीकरण का प्रस्ताव जारी हुआ।
ओबीसी आरक्षण संशोधन बिल क्या है (What is OBC Reservation Amendment Bill)
1979 में दो कमीशन बैठाए गए थे पहला कमीशन केलकार कमिशन था इसको जवाहरलाल नेहरू ने बताया था और दूसरा मंडल कमीशन था इसको मोराजी देसाई द्वारा बैठाया गया था मंडल कमीशन ने अपना रिपोर्ट दिया लेकिन इसका कोई भी निष्कर्ष नहीं निकल पाया।
फिर 1990 में वीपी सिंह की सरकार ने यह बिल पास करवा लिया कि ओबीसी को 27% आरक्षण दिया जाएगा इसको लेकर खूब हंगामा हुआ जिसके बाद कोर्ट में एक केस आया जिसका नाम इंदिरा साहनी केस था 1992 में आया था इसको मंडल केस के नाम से भी जाना जाता है।
इस केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए कि सरकार ने जो भी रिजर्वेशन दिया है वह पूरी तरीके से ठीक है लेकिन इसमें उन लोगों को रिजर्वेशन की केटेगरी से दूर किया जाएगा जो इकोनॉमिकल रूप से समृद्ध हैं। 1993 में नेशनल कमिशन फॉर बैकवार्ड क्लासेज को बनाया गया लेकिन इसको सपोर्ट करने के लिए 2017 में 102वा अबेडमेंट लागु हुआ जिसमें आर्टिकल 338B और 342A को जोड़ा गया।
5 मई 2020 को मराठा आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में फाइल दर्ज की गई जिसका नतीजा यह हुआ कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दे दिए कि स्टेट गवर्नमेंट से आरक्षण की लिस्ट बनाने के अधिकार को छीना जाता है यह अधिकार केवल सेंट्रल गवर्नमेंट को है कि वह लिस्ट बनाएं।
जब इस विषय पर दोबारा से कोर्ट में कार्रवाई की गई तो 127th अमेंडमेंट बिल 2021 पारित हुआ जिसके तहत कोर्ट ने यह साफ कर दिया कि स्टेट गवर्नमेंट को भी लिस्ट बनाने का अधिकार है वह उन लोगों की खोज करें जो शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में काफी पिछड़े हुए हैं और उन्हें आरक्षण की सुविधा प्रदान करें।
अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रकार (Types of Other Backward Classes)
ओबीसी को मुख्यतः दो भागों में बांटा गया है –
- क्रीमी लेयर (Creamy Layer)
- नॉन क्रीमी लेयर (Non Creamy Layer)
क्रीमी लेयर – ओबीसी के अंदर जो लोग क्रीमी लेयर के श्रेणी में आते हैं यानी कि अमीर लोगों की श्रेणी में आते हैं उन्हें आरक्षण का रत्ती भर भी लाभ प्रदान नहीं होता है। ना ही इनको आरक्षण का प्रमाण पत्र दिया जाता है। तो चलिए जान लेते हैं कि किस आधार पर क्रीमी लेयर होने का पता चलता है।
- जिनके माता या पिता सवैधानिक पद यानि IPS, IAS की नौकरी करते हैं
- प्रथम क्लास (Group A) पद पर किसी भी सरकारी नौकरी में है।
- प्रोफेशनल या व्यापारी हैं तथा उनकी आय 8 लाख से अधिक है।
- कृषि भूमि सीलिंग सीमा 85% से अधिक होने पर।
- शहरों में आवासीय प्लॉट होना।
ऊपर बताए गए पांचों बिंदुओं के दायरे में जो आते हैं उन्हें ओबीसी के आरक्षण का बिल्कुल भी फायदा नहीं मिलता है।
नॉन क्रीमी लेयर – इस वर्ग के लोगो के परिवार की सालाना इनकम 8 लाख से कम है उनको इस वर्ग में रखा गया है. इस वर्ग में सम्मिलित होने वाले लोगो को सरकार द्वारा OBC Non-Creamy Layer का सर्टिफिकेट दिया जाता है. इस सर्टिफिकेट से इस वर्ग के परिवार जन सरकारी योजना, सरकारी नौकरी में सुविधा का लाभ ले सकते है.
ओबीसी में शामिल होने के फायदे (OBC Category Benefits)
- ओबीसी वर्ग में आने वाली जाति को सबसे बड़ा लाभ तो शिक्षा के क्षेत्र में मिलता है क्योंकि भारत सरकार द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं में ओबीसी वर्ग के छात्रों को आयु सीमा में छूट मिलती है साथ ही कट ऑफ मार्क्स में भी छूट मिलती हैं।
- ओबीसी वर्ग में आने वाले छात्रों को कॉलेज और स्कूल में एडमिशन में लाभ मिलता है साथ ही उन्हें छात्रवृत्ति जैसी सुविधाएं भी सरकारी यौजना के तहत दी जाती है.
- समय-समय पर भारत सरकार द्वारा बहुत सी योजनाएं चलती रहती है जिनमें अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को इसका फायदा देखने को मिलता है।
गलत ओबीसी प्रमाण पत्र बनवाने के नुकसान
भारत में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो आरक्षण के चक्कर में गलत प्रमाण पत्र बनवा लेते हैं तो सरकार द्वारा उनके लिए कठोर दंड का प्रावधान किया गया है जो निम्न है –
- अगर कोई गलत ओबीसी प्रमाण पत्र बनवाना है तो सरकार के नियमों के अनुसार उसके खिलाफ एफ आई आर दर्ज की जाएगी।
- यदि गलत प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी प्राप्त कर लेता है बाद में सूचना मिलने पर इस बात का पता चलता है तो उनका पूरा वेतन काट लिया जाएगा और नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा।
- गलत प्रमाण पत्र बनवाने वाले व्यक्ति पर धारा लगाकर कठोर कार्रवाई करने का प्रावधान निर्धारित किया गया है।
ओबीसी वर्ग में आने वाली जातियां (Castes in OBC Category)
अलग अलग राज्य में जातियों को अलग अलग वर्ग में बाटा गया है राजस्थान, बिहार और उत्तर प्रदेश राज्य में कुछ जातियां ऐसी है जिनको जर्नल में दिखाया गया है और कुछ को ओबीसी में।
- अहीर (यादव)
- भादवा भट
- चरण
- बंजारा
- जांगिड, खाती, सुथार
- भारभुजा
- छिप्पा
- डाकोत
- दर्ज़ी
- धाकड़
- धीवर, माली, क़ीर
- गाड़िया-लोहार
- घांची
- तेली
- गिरी गोसाईं
- गुर्जर
- हेला
- जनवा
- सिरवी
- जोगी, नाथ
- कच्ची, कच्ची कुशवाहा
- कलाल (टक)
- कांबी
- कंडेरा, पिंजरा
- मंसूरी
- खारोल
- किराड़
- कुम्हार (प्रजापति)
- कुमावत लखेरा
- मनिहार लोधी
- लोहार, पांचाल
- महा-ब्राह्मण
- माली सैनी, बागवान
- मेर
- मिरासी, धड़ी
- मोग्या
- नाई, सैन
- पटवा
- राइका
- रावत
- स्वामी
- सतिया-सिंधी
- सिकलीगर
- सिरकीवाल
- स्वर्णकार, सुनार, सोनी
- तमोली (तम्बोली)
- जाट
- डांगी
- विश्नोई
- मेव
- खेरवा
- धोबी(मुसलमान)
- सपेरा
- सिन्धी मुसलमान
- चुंगर
- रत्त
- मोची
- देशवाली
- कोतवाल
- चोबदार
ओबीसी सर्टिफिकेट आवेदन के लिए दस्तावेज (OBC Documents Required)
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट
- वोटर आईडी कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
- पैन कार्ड
- राशन कार्ड
- रेंट एग्रीमेंट
- आय प्रमाण पत्र
- बिजली या पानी बिल
इसके अलावा भी बहुत सारी जातियां हैं जो ओबीसी वर्ग में शामिल है लेकिन यदि आप अलग अलग राज्य में कौन-कौन सी कास्ट ओबीसी में शामिल है इसके बारे में संपूर्ण जानकारी लेना चाहते हैं तो आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके सेंट्रल गवर्नमेंट की ऑफिशियल वेबसाइट से जान सकते हैं।
निष्कर्ष :- तो आज के इस लेख में आपने जाना अन्य पिछड़ी जाति (OBC) किसे कहते है? अन्य पिछड़ा वर्ग में कौन-कौन सी जाति आती है (OBC me kon kon si jati aati hai list), ओबीसी का फुल फॉर्म, ओबीसी जाति प्रमाण पत्र, ओबीसी जाति लिस्ट के बारे में
FAQ
Q : ओबीसी की फुल फॉर्म क्या है?
Ans : OTHER BACKWARD CLASSES
Q : ओ बी सी का क्या अर्थ है?
Ans :अन्य पिछड़ा वर्ग
Q : ओबीसी में कितनी जाती है Rajasthan?
Ans :अहीर, भादवा, बंजारा जांगिड, दर्ज़ी, धाकड़, माली, लोहार, गुर्जर, कुशवाहा , कुम्हार, कुमावत, लखेरा, लोहार, पांचाल , माली, सैनी, नाई, सैन , सुनार, सोनी, तम्बोली, जाट आदि।
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