पीएफआई संगठन क्या है | PFI Full Form In India In Hindi

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जांच एजेंसी एनआईए ने देश के 12 राज्यों में पीएफआई यानि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कई ठिकानों पर छापेमारी की है. जिनमे दिल्ली, कर्नाटक, असम, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र सहित कई राज्य के नाम शामिल है. और अभी तक 150 से ज्यादा पीएफआई संगठन के सदस्यों की गिरफ्तारी हो चुकी है. जांच और सबूतों के आधार पर केंद्र सरकार ने इस पीएफआई के साथ आठ संगठन को बैन कर दिया है.

आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएफआई संगठन क्या है ( PFI Full Form In India In Hindi) क्यों इसकी जड़ पुरे देश में फैलती जा रही है, और क्यों एनआईए इनके ठिकानों पर रेड मार रही है. इन सभी के बारे में पूरी जानकारी देने वाले है.

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क्या है पीएफआई और फुलफॉर्म (PFI Full Form In Hindi)

पीएफआई को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) के नाम से जाना जाता है. इसकी स्थापना भारत के दक्षिणी राज्य केरल के कालीकट में साल 2006 में हुई थी. यह एक इस्लामिक चरमपंथी संगठन है. जिसके अंतर्गत अल्पसंख्यकों और पिछड़ों के हक़ की आवाज बुलंद करना है. इसका हेडक्वार्टर दिल्ली के शाहीन बाग में स्थित है. पीएफआई की माने तो इस समय देश के 23 से ज्यादा राज्यों में इनके संगठन एक्टिव है. भारत में सिमी यानि स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट पर प्रतिबंध लगने के बाद पीएफआई की जड़ तेज़ी से फ़ैल गई. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केरल, कर्नाटक जैसे साउथ इंडिया में पीएफआई की पकड़ काफी मजबूत बताई जा रही है. इसके कई संगठन है जिनमे स्टूडेंट के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया और माहिलाओ के लिए नेशनल वीमेंस फ्रंट जैसे संगठन शामिल है. इतना ही नही इलेक्शन के दौरान मुस्लिम मतदाताओं का सपोर्ट पाने के लिए राजनीतिक पार्टियां भी इनकी मदद लेती है.

क्या है पीएफआई का इतिहास (PFI History In Hindi)

पीएफआई का फुलफॉर्म है पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) . इसकी नींव 22 नवंबर 2006 को भारत के दक्षिणी राज्य केरल के कालीकट में रखी गई थी. इसका जन्म एनडीए यानि नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट के रूप में हुआ. फिर इसमें और भी कई मुस्लिम संगठनों का विलय हुआ जिनमे राष्ट्रीय विकास मोर्चा, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी, गोवा के सिटिजन्स फोरम, आंध्र प्रदेश के एसोसिएशन ऑफ सोशल जस्टिस, राजस्थान के कम्युनिटी सोशल एंड एजुकेशनल सोसाइटी और मनीथा नीति पसराय जैसे नाम शामिल है. इसके बाद इन सभी को पीएफआई यानि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के नाम से जाना जाने लगा. पीएफआई ने धीरे-धीरे पुरे देश में अपने पैर पसार लिए है. मुस्लिम संगठन होने के चलते इनकी अधिकतर गतिविधियां मुस्लिमों समुदाय के मुद्दों के इर्द गिर्द ही रहती है. कई बार तो इस संगठन के लोग मुस्लिम आरक्षण को लेकर सड़कों पर आ गए थे. दिल्ली में हुए सीएए और एनआरसी को लेकर भी इस संगठन ने देश का माहौल खराब कर रखा था. इसके अलावा दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाकों में दंगा,  यूपी के हाथरस कांड, जहांगीरपुरी में हुई हिंसा भी पीएफआई का नाम सामने आया है.

क्या है पीएफआई का असल मकसद

पीएफआई का असल मकसद है मिशन 2047. साल 2047 तक देश को एक मुस्लिम राष्ट्र बनाना है. इस मिशन के अंतर्गत देश में अलग-अलग राज्य में संगठन स्थापित करना और मुस्लिम लोगों को जोड़कर प्लानिंग करना. उनका मानना था कि पढ़े लिखे लोग तो इसमें शामिल नही होने लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर मुस्लिम लोगों को इसका हिस्सा बनाते है. देश के अलग-अगल राज्य से चुनिन्दा लोगो को चुना जाता है फिर उन्हें कराटे, मार्शल आर्ट और हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है. इसके अलावा इन्हें नारेबाजी भी सिखाई जाती है. वर्तमान में मिशन 2047 का ट्रेनिंग कैंप पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, बिहार और झारखंड में है. जहां एनआईए ने छापेमेरी की है.

पीएफआई का प्रेसिडेंट (लीडर) कौन है (PFI Leader Name)

पीएफआई का प्रेसिडेंट ओएम अब्दुल सलाम है. जो केरल राज्य में बिजली बोर्ड विभाग में सीनियर असिस्टेंट के तौर पर कार्यरत है. और वाईस प्रेसिडेंट ईएम अब्दुल रहीमान. इसका मुख्यालय दिल्ली में है लेकिन पहले केरल के कोझीकोड में हुआ करता था.

क्या भारत में पीएफआई प्रतिबंधित है? (PFI Banned In India)

देश में एनआईए ने पीएफआई के कई ठिकानों पर छापेमारी की है. इस पर केंद्र सरकार संज्ञान लेते हुए इस चरमपंथी समूह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर 5 साल के लिए प्रतिबंधित लगा दिया है  22 सितंबर को एनआईए ने 15 से अधिक राज्यों में छापेमारी की थी. और एनआईए को पीएफआई के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता रहने के कई साबुत भी मिले है. जिसके आधार पर यह बड़ा निर्णय लिया लिया गया है.

देश में हुई छापेमारी के बाद होम मिनिस्टर अमित शाह ने नेशनल सिक्यूरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल के साथ मीटिंग की जिनमे इनके साथ एनआईए के चीफ भी शामिल थे.

केंद्र सरकार ने इस चरमपंथी संगठन को गैर-कानूनी घोषित करते हुए 5 साल के लिए बैन कर दिया है। होम मिनिस्टर ने 28 सितम्बर 2022 को गजट नोटिफिकेश जारी करते हुए कहा है कि पीएफआई की विनाशकारी गतिविधियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने यूएपीए की धारा 3 की उप-धारा 1 के तहत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग किया है। इस धाराओं में कहा गया है कि अगर सरकार को किसी व्यक्ति, संगठन या किसी अन्य संस्था के खिलाफ राष्ट्रविरोधी या आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का सबूत मिलता है, तो वह उस व्यक्ति, संगठन या अन्य संस्था को प्रतिबंधित कर सकती है।

सरकार ने पीएफआई के अलावा इस 8 संगठनों पर भी लगाया बैन (Banned Organisations List)

  • रिहैब फाउंडेशन(केरल)
  • रिहैब इंडिया फाउंडेशन
  • ऑल इंडिया इमाम काउंसिल
  • कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया
  • नेशनल विमेन फ्रंट
  • जूनियर फ्रंट एम्पावर इंडिया फाउंडेशन
  • जूनियर फ्रंट
  • नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन

पीएफआई पर एनआईए की छापेमारी (NIA Raids PFI)

ईडी और एनआईए ने 22 सितंबर को पीएफआई के 105 से ज्यादा लोगो को गिरफ्तार किया है और  200 अन्य लोग भी हिरासत में है. कर्नाटक, असम, यूपी, दिल्ली, नासिक, मध्यप्रदेश, गुजरात सहित देश के अलग अगल जगहों पर छापेमारी की है.

पीएफआई की मिशन 2047 फंडिंग (Mission 2047 Funding)

पीएफआई का मिशन 2047 है इसमें देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की योजना है. पीएफआई के पास बड़ी तादाद में विदेशों से फंडिंग आ रही है. इसमें जायदातर खाड़ी देश है. ED की रिपोर्ट के अनुसार देश के बाहर रहकर पीएफआई के मेंबर NRI अकाउंट्स के जरिए देश में पैसा ट्रांसफर कर रहे है. इसके अलावा पीएफआई हवाला के जरिये भी पैसा मंगवाता है. उत्तरप्रदेश में हुए हाथरस गैंगरेप केस के बाद मॉरीशस से पीएफआई यूपी में पैसा भेजा गया. देश में पैसा नेपाल और बांग्लादेश के रास्ते आता है.

इन देशों में सक्रिय है पीएफआई

पीएफआई देश के अलावा विदेशों में भी सक्रिय है. जिनमे सऊदी अरब, ओमान, तुर्की, कुवैत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मालदीव, श्रीलंका, बहरीन और मॉरीशस देश शामिल है. खाड़ी देशो में भी पीएफआई के तीन संगठन मौजूद है, जिनमे इंडियन सोशल फोरम, इंडियन फ्रेटरनिटी फोरम और रिहैब इंडिया फाउंडेशन शामिल है. इंडियन सोशल फोरम और इंडियन फ्रेटरनिटी फोरममिडिल ईस्ट देशों से पीएफआई द्वारा भारत विरोधी अभियान के लिए फंडिंग जुटाता है और यह तीनों संगठन विदेशों में रहकर पीएफआई के द्वारा की गई गतिविधियों को छिपाता है.

पीएफआई पर आरोप   

मध्य प्रदेश के खरगौन में दंगा, यूपी  के कानपुर में हिंसा, राजस्थान के करौली में हिंसा, कर्नाटक में बीजेपी के कार्यकर्ता प्रवीण नेत्तारू की हत्या, कर्नाटक में बजरंग दल के कार्यकर्ता का कत्ल और उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल का सिर कलम इन सभी में चरमपंथी संगठन पीएफआई का नाम सामने आया है. इसके अलावा कर्नाटक का हिजाब विवाद, भड़काऊ पोस्टर विवाद, नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आदि में इनका नाम शामिल है.

निष्कर्ष– आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बताया पीएफआई संगठन क्या है ( PFI Full Form In India In Hindi) और इसके बारे में पूरी जानकारी. उम्मीद करते है आपको यह जानकरी जरुर पसंद आई होगी.

FAQ

Q:  पीएफआई का फुल फॉर्म क्या है?
Ans: पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया

Q:  pfi का मतलब क्या होता है
Ans: पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया

Q:  PFI की स्थापना कब हुई?
Ans: 22 नवंबर 2006 में

Q:  पीएफआई का अध्यक्ष कौन है
Ans: ओएम अब्दुल सलाम

Q:  पीएफआई का मुख्यालय कहाँ है?
Ans: दिल्ली में

Q:  पीएफआई क्या है?
Ans: मुस्लिम और पिछडे लोगो के लिए काम करने वाला चरमपंथी संगठन

Q:  क्या पीएफआई भारत में बेन है? 
Ans: हाँ

Q:  पीएफआई की फंडिंग कहां से होती है?
Ans: खाड़ी देशो से

Q:  पीएफआई भारत से बेन कब हुआ?  
Ans: 28 सितम्बर 2022 को

Q:  भारत में पीएफआई  कितने साल के लिए बेन है?  
Ans: 5 साल के लिए

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