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Shane Warne Death – ऑस्ट्रेलिया के पूर्व लेग स्पिनर शेन वार्न का 4 मार्च 2022, गुरुवार को निधन थाईलैंड के विला हो गया है। इनके निधन से पूरा क्रिकेट जगत स्तब्ध है, क्योंकि यह उम्मीद के विपरीत था। शेन वार्न के मुरीद हर देश मे है। अपने कैरियर के दौरान इन्होंने जितनी प्रसिद्धि पाई थी, उतना हर गेंदबाज का सपना होता है लेकिन नही मिल पाती। इसलिए इनके पूरे कैरियर को और नजदीक से देखने के लिए हम क्रिकेटर शेन वार्न का जीवन परिचय (Shane Warne Biography in Hindi) आपके लिए लेकर आए है।
क्रिकेटर शेन वार्न का जीवन परिचय । Shane Warne Biography in Hindi
नाम (Name) | शेन कीथ वार्न |
निक नाम ( Nick Name) | वॉर्न, वारने, हॉलीवुड |
जन्म तारीख (Date of birth) | 13 सितंबर 1969 |
जन्म स्थान (Place) | विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया |
मृत्यु तारीख (Date of Death ) | 4 मार्च 2022 |
मृत्यु स्थान (Place of Death) | कोह समुई, थाईलैंड |
मृत्यु का कारण (Death Cause) | दिल का दौरा पड़ने से |
उम्र (Age) | 52 साल (मृत्यु के समय) |
धर्म (Religion) | ईसाई धर्म |
व्यवसाय (Business) | पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर |
शिक्षा (Educational Qualification) | ग्रेजुएट |
स्कूल (School) | हैम्पटन हाई स्कूल, मेलबर्न मेंटोन ग्रामर स्कूल, मेलबर्न |
कॉलेज(College) | मेलबर्न विश्वविद्यालय, मेलबर्न |
नागरिकता(Nationality) | आस्ट्रेलियन |
राशि (Zodiac Sign) | कन्या |
भाषा(Languages) | इंग्लिश |
कोच (Coach/Mentor) | जैक पॉटर और टेरी जेनर |
पता (Address) | अप्पर फ़र्नट्री गुल्ली, विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया |
संपत्ति (Net Worth ) | 382 करोड़ |
शेन वार्न का जन्म और परिवार (Shane Warne Birth and Family)
शेन केथ वार्न का जन्म 13 सिंतबर 1969 को ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में हुआ था। इनकी जर्सी नंबर 23 थी। अपने कैरियर में इन्होंने 145 टेस्ट में 708 विकेट लिए है, और 194 एक दिवसीय मैच में 293 विकेट लिए है। इनकी गेंदों को समझना काफी मुश्किल होता था, क्योंकि किसी दूसरे लेग स्पिनर के मुकाबले इनकी गेंदे ज्यादा टर्न हुआ करती थी।पारिवारिक जानकारी (Shane Warne family)
पिता का नाम (Father’s Name) | कीथ वॉर्न |
माता का नाम (Mother’s Name) | ब्रिजेट वॉर्न |
भाई का नाम (Brother’s Name) | जैसन वॉर्न |
बहन का नाम (Sister’s Name) | – |
पत्नी का नाम (Shane Warne Wife) | सिमोन कैलाहान (1995-2005) |
बेटी का नाम (Daughter’s Name) | जैक्सन, समर, ब्रूके |
अंतरराष्ट्रीय कैरियर (International career)
शेन वार्न ने अपना टेस्ट डेब्यू टीम इंडिया के खिलाफ सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में 1992 में किया था। डेब्यू से पहले वह मात्र 7 फर्स्ट क्लास मैच खेल कर आए थे। ऐसे में उनके पास इतना ज्यादा अनुभव भी नहीं था और इसी का असर इनके टेस्ट परफॉर्मेंस पर दिखाई दिया। अपने पहले ही टेस्ट में 150 रन देकर मात्र एक विकेट ही ले सके। आउट होने वाले बल्लेबाज रवि शास्त्री थे। वही अगली मैच में 78 रन देने के बाद भी एक भी विकेट नहीं मिली, जिसके बाद अगले टेस्ट मैच में उन्हें ड्रॉप कर दिया. उनकी खराब परफॉर्मेंस यहीं पर नहीं थमी, 1992 में श्रीलंका के खिलाफ सीरीज हुई थी जिसमें उनका परफॉर्मेंस अपेक्षा के अनुरूप नहीं था, हालांकि एक टेस्ट मैच में उन्होंने बगैर कोई रन दिए आखिरी के 3 विकेट ले लिए थे, जिसके चलते ऑस्ट्रेलिया वह मैच 16 रनों से जीत गया।
इसी मैच में अर्जुन राणातुंगा ने अपने बयान में कहा था कि एक ऐसा बॉलर जिसका एवरेज 300 है, वह आता है और लगातार तीन विकेट लेकर हमारे हाथ से जीत खींच ले जाता है. खराब परफॉरमेंस के कारण उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली जाने वाली सीरीज के पहले टेस्ट में ड्रॉप कर दिया जाता है, लेकिन उनकी जगह जिस स्पिनर को खिलाया जाता है उसका प्रदर्शन बिल्कुल खराब रहता है। जिसके चलते अगले टेस्ट में फिर से लाना पड़ता है और यहां पर पहली बार उन्होंने एक यादगार पर मैच खेला, जिसमें 52 रन देकर 7 विकेट लिए थे.
एंड्रयू साइमंड्स का जीवन परिचय
1993-1999 तक का सफर
1993 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज सीरीज का आयोजन हुआ, जो इंग्लैंड में खेली गई थी। इसमें कुल 6 टेस्ट मैच खेले गए थे जिसमें शानदार प्रदर्शन करते हुए 34 विकेट लिए और इस सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। इसी सीरीज में तीसरे मैच में उन्होंने वह ऐतिहासिक गेंद फेंकी जिसे बॉल ऑफ द सेंचुरी कहा जाता है।
यह गेंद लेग स्टंप से बाहर जा रही थी, लेकिन लगभग 90 डिग्री का टर्न लेकर स्टंप पर जा लगी थी. 1993 में इन्होंने इस तरह कुल 73 विकेट लिए। 1994 में जब इंग्लैंड की टीम एशेज सीरीज के पांच टेस्ट मैच खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया गई तो इसमें भी शेन वार्न का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा।
दूसरे टेस्ट मैच में 71 रन देकर 8 विकेट लिए, जो कि उनके कैरियर की सबसे बेहतरीन गेंदबाजी रही। सेकंड टेस्ट मैच में इन्होंने अपने टेस्ट करियर की पहली और एकमात्र हैट्रिक ली थी। शुरुआत के दो टेस्ट मैच जीतने के बाद तीसरे टेस्ट मैच में लगातार 19 ओवरों तक बल्लेबाजी करके मैच को ड्रॉ कराया था। 1995 में ऑस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज का दौरा किया, जिसमें वार्न ने 15 विकेट लिए और टीम को 20 साल बाद वेस्टइंडीज की जमीन पर जीत मिली।
शेन वॉर्न लगातार अच्छा खेल रहे थे तभी 1998 में वह 300 विकेट पूरे कर लेते हैं, और डेनिस लिली के बाद 300 विकेट लेने वाले, ऑस्ट्रेलिया के दूसरे गेंदबाज बन जाते हैं।
1996 वर्ल्ड कप में जो भारतीय महाद्वीप में खेला गया था, उसके ये प्रमुख खिलाड़ी बन जाते हैं। सेमीफाइनल जो कि वेस्टइंडीज के खिलाफ था, उसमें अपनी टीम को जीत दिलाने में काफी अहम भूमिका निभाई, लेकिन फाइनल के पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान का एक बयान आता है, जिसमें वह कहते हैं कि सिर्फ वार्न अकेले मैच नहीं जिता सकते और कुछ ऐसा हुआ भी। फाइनल में जो कि श्रीलंका के खिलाफ खेला गया था, उसमें से वार्न ने बिना विकेट लिए 58 रन दिए, जिसके चलते श्रीलंका पहली बार विश्व चैंपियन बनने में सफल हुई।
2001-2003 तक का सफर
2000 में शेन वॉर्न की उंगली में चोट लग गई, जिसके कारण वह कई सीरीज नहीं खेल पाए थे, लेकिन 2001 में आखिरकार चोट से उबरते हुए इन्होंने इंडिया के खिलाफ एक सीरीज खेल। जिसमें 3 मैच खेले गए और इसमें कुल 10 ही विकेट हासिल कर पाए। इन का एवरेज 50.50 का रहा, वहीं दूसरी तरफ भारत के स्पिनर हरभजन सिंह तहलका मचा रहे थे। इतने ही मैच खेलकर 32 विकेट लिए थे।
इस प्रदर्शन का असर सीरीज पर पड़ा क्योंकि ऑस्ट्रेलिया यह सीरीज 2-1 से हार गई थी और उसी के साथ उसकी लगातार नौ जीत का सिलसिला भी टूट गया। तभी 2001 में एशेज खेली गई, जिसमें वार्न ने 31 विकेट लिए और ऑस्ट्रेलिया सीरीज जीत गई. वार्न अपने खेल के लिए जितना प्रसिद्ध थे उतना ही ज्यादा चर्चित वह अपने व्यवहार के लिए भी रहते थे।
2003 में वर्ल्ड कप शुरू होने के ठीक 1 दिन पहले उन्हें वापस घर इसलिए भेज दिया क्या, क्योंकि उनके ऊपर यह आरोप लगा था कि उन्होंने नशीली दवाओं का सेवन किया है। जिसके बाद उनका टेस्ट कराया गया और टेस्ट से पता चला कि उन्होंने कुछ ऐसी दवाई ली थी। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड ने उन पर 1 साल का प्रतिबंध लगा दिया।
वार्न ने पहले ही बता दिया था कि 2003 वर्ल्ड कप के बाद वह क्रिकेट के सीमित ओवर के मैच नहीं खेलेंगे, लेकिन इस बैन के कारण वह वर्ल्ड कप का हिस्सा भी नहीं बन सके। इस एक साल में उन्होंने कई अलग-अलग ब्रॉडकास्टर के लिए कॉमेंट्री की, कई टीमों में सेलिब्रिटी क्रिकेट का हिस्सा बने.
2004 से रिटायरमेंट तक का सफर
1 साल के बैन के बाद 2004 में श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने वापसी की। इस सीरीज में इनका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा. इस सीरीज में कुछ विकेट लेने के बाद ही यह दुनिया के दूसरे ऐसे गेंदबाज बन गए जिन्होंने 500 विकेट लिए थे। इसके बाद भारत का दौरा हुआ जहां 15 अक्टूबर 2004 को दूसरे टेस्ट मैच में इरफान पठान को आउट करते हैं, जिससे इनके 533 विकेट हो गए और अपने प्रतिद्वंदी मुथैया मुरलीधरन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए।
इस सीरीज में इनके 14 विकेट थे, जिसके चलते 1969 के बाद पहली बार ऑस्ट्रेलिया, भारत में सीरीज जीतने में सफल हुई। इसके बाद ही सफलता की नई ऊंचाई को छूते गए। 11 अक्टूबर 2005 को एशेज सीरीज के तीसरे मैच में इन्होंने अपना 600 वा विकेट लिया और ऐसा करने वाले दुनिया के पहले गेंदबाज बन गए।
2005 में उन्होंने 96 विकेट लिए थे और एक कैलेंडर ईयर में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया।
21 दिसंबर 2006 को उन्होंने अपना रिटायरमेंट घोषित कर दिया। इनका रिटायरमेंट पांच मैचों की एशेज श्रंखला के बाद लागू होता। इस श्रृंखला के चौथे मैच में इन्होंने अपना 700वा विकेट लिया, जिसके बाद मैदान पर मजूद 89,155 लोगों ने खड़े होकर तालियों से शेन वॉर्न को सम्मानित किया। इसी सीरीज में मोंटी पनेसर को एलबीडब्ल्यू आउट करके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इन्होंने अपने 1000 विकेट पूरे कर लिए।
इन्होंने अपने कैरियर का आखिरी टेस्ट मैच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में खेला, यही वह ग्राउंड था जहां से उन्होंने अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुआत की थी। उनका आखिरी टेस्ट विकेट एंड्रयू फ्लिंटॉफ बने। शेन वॉर्न दुनिया के ऐसे 2 गेंदबाजों में से एक हैं जिन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय कैरियर में 1000 विकेट लिए हैं।
फ्रैंचाइज़ी क्रिकेट (2008-2013)
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद 2008 में इन्होंने राजस्थान रॉयल की तरफ से खेलना शुरू किया। ये इस टीम के कप्तान थे और अपने पहले ही सीजन में राजस्थान रॉयल्स को चैंपियन बना दिया। इसके बाद 4 साल तक लगातार कप्तानी करते रहे और 2011 में आईपीएल खेलना छोड़ दिया। नवंबर 2011 में ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग की एक टीम मेलबर्न स्टार की तरफ से खेलना शुरू किया। यहां भी 2 साल तक खेलते रहे आखिरकार जुलाई 2013 में आधिकारिक रूप से क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया।
शेन वार्न की नेट वर्थ (shane warne Net Worth)
शेन वार्न की कुला सम्पति लगभग 382 करोड़ रूपये है. इनकी कमाई का मुख्य जरिया विज्ञापन, कॉमेंट्री और क्रिकेट खेलना था.
शेन वार्न का निधन (shane warne death)
शेन वार्न (rip shane warne) की मृत्यु 4 मार्च-2022 को थाईलैंड में उनके खुद के विला में हुआ था। वो अपने विला में अचेत पाए गए थे, जिसके बाद हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी उन्हें बचाया नही जा सका। मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया गया। उन्हें शराब और अल्कोहल लेने की लत थी और कही न कही यही बुरी आदत उनकी मृत्यु का कारण बनी है।
निष्कर्ष :- तो दोस्तों यह था हमारे ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज खिलाड़ी शेन वार्न का जीवन परिचय (Shane Warne Biography in Hindi) उम्मीद है कि आपको शेन वार्न के जीवन परिचय का यह पोस्ट पसंद आया होगा। ऐसे ही जानकारी प्राप्त करने हेतु हमारे वेबसाइट पर हमेशा आते रहें।
FAQ
Q : शेन वार्न की पत्नी का नाम क्या है?
Ans : सिमोन कैलाहन
Q : शेन वार्न किस देश के लिए क्रिकेट खेलते थे?
Ans : शेन वार्न ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर है
Q : शेन वार्न का निधन कब हुआ?
Ans : 4 मार्च 2022 को
Q : शेन वार्न की उम्र क्या थी?
Ans : 52 साल
Q : शेन वार्न का निधन कैसे हुआ?
Ans : दिल का दौरा पड़ने से
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