लोकसभा क्या है | Lok Sabha Election In Hindi

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लोकसभा क्या है, अध्यक्ष, सीट,  कार्य, स्पीकर, इतिहास (Lok Sabha Election In Hindi, Speaker , Age Limit, Seats State Wise, Constituency, Chairman)

एक लोकतान्त्रिक देश के लिए जनता की चुनी हुई सरकार होनी आवश्यक है. चुनी हुई सरकार के कारण ही कोई देश लोकतान्त्रिक देश कहलाता है. भारत एक लोकतान्त्रिक देश है. देश की अपनी एक संसद है, जहाँ जनता के चुने हुए प्रतिनिधि होते है. लोकसभा भारत की आम वयस्क जनता की चुनी हुई सभा होती है, इसलिए इसको जनता का सदन भी कहा जाता है जहाँ जनता के चुने हुए प्रतिनिधि भाग लेते है. जानता द्वारा 5 साल के लिए सांसद को चुना जाता है. आजाद भारत के बाद अब तक लोकसभा 16 बार गठित हो चुकी है. और लोकसभा के सभी सदस्यों की बैठक दिल्ली में स्थित संसद भवन में होती है.

आज के इस आर्टिकल में हम आपको लोकसभा क्या है (Lok Sabha Election In Hindi), इतिहास, सदस्य योग्यता और संख्या के बारें में पूरी जानकारी देने वाले है.

Lok Sabha Election In Hindi

क्या है लोकसभा (What Is Lok Sabha In Hindi)

भारत में लोकसभा के गठन की शुरुआत आजादी के बाद से होने लगा है. लोकसभा का गठन वयस्क मतदान के आधार पर प्रत्यक्ष चुनाव के माध्यम से होता है, जिसमे जनता के प्रतिनिधि होते है. वर्तमान में लोकसभा के सदस्यों की संख्या 550 है, जिसमें 530 सदस्य राज्यों के होते है जबकि शेष 20 सदस्य संघ राज्य क्षेत्रो का प्रतिनिधित्व करते है. लेकिन चुनाव 543 सीटों पर ही करवाया जाता है. 2020 से एंग्लो-इंडियन के दो नामित सदस्यों के उपबंध को अब आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. लोकसभा के सीटों का निर्धारण राज्य व क्षेत्र की जनसंख्या के आधार पर निर्धारित किया गया है, ताकि जनता अपने प्रतिनिधि के माध्यम से अपनी समस्याओ को संसद पर पहुंचा सके और क्षेत्र का विकास हो एवं स्वच्छ लोकतंत्र की नींव मजबूत हो सकें. लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है. प्रत्येक 5 वर्षो के बाद नए लोकसभा का गठन का विधान रखा गया है.

लोकसभा का इतिहास (Lok Sabha History In Hindi)

भारत में लोकसभा का अस्तित्व देश की आजादी के बाद आया लोकसभा जिसको जनता का सदन भी कहा जाता है, का गठन 25 अक्टूबर, 1951 से 21 फरवरी, 1952  तक चले आम चुनाव के बाद 17 अप्रैल, 1952 को हुआ. यह भारत का पहला लोक सभा सत्र था और इसमें कांग्रेस को बहुमत मिला था. जिसके बाद जवाहर लाल नेहरू चुनी हुई सरकार का नेतृत्व करते हुए भारत के प्रधानमंत्री बन गए थे. यह जवाहर लाल नेहरू का दूसरा कार्यकाल था, जबकि चुनी हुई संसद के बहुमत दल के नेता के रूप में वह पहली बार देश के मुखिया नियुक्त हुए थे. लोकसभा का पहला सत्र 13 मई, 1952 से आरम्भ हुआ था. 

लोकसभा का अध्यक्ष (Speaker of lok sabha is elected)

लोकसभा को सुचारु रूप से चलाने के लिए उसमे एक अध्यक्ष चुनने की परम्परा होती है. वह लोकसभा का सबसे बड़ा अधिकारी होता है. लोकसभा के प्रत्येक सदस्य लोकसभा के सत्र के दौरान उसकी बातो को मानने के लिए बाध्य है. लोकसभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष लोकसभा का पीठासीन अधिकारी होता है. वर्तमान में 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला है.

कार्यवाहक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर)

नवगठित लोकसभा में, जब उसमें अभी कोई अध्यक्ष नहीं चुना गया होता है, तब उस नवगठित सभा को चलाने के लिए के प्रोटेम स्पीकर चुनने का विधान रहा है. इसके लिए यह आवश्यक होता है कि प्रोटेम स्पीकर के पास संसद का एक लम्बा अनुभव रहा हो. उसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा शपथ ग्रहण के साथ होती है. उसके मुख्य रूप से दो कार्य है-पहला, वह संसद के नवनिर्मित सदस्यों को शपथ दिलवाता है. दूसरा, नए अध्यक्ष के चुनाव प्रक्रिया का भी वह अध्यक्षता करता है.

लोकसभा के कुछ प्रमुख कार्य

लोकसभा का सबसे प्रमुख काम देश में कानून का निर्माण करना है. लोकसभा द्वारा पारित विधेयक राज्य सभा चला जाता है. जहाँ से पारित होने के बाद वह राष्ट्रपति के पास उसकी मंजूरी के लिए चला जाता है. राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद कोई विधेयक कानून का स्वरुप ले लेता है.

लोकसभा के सदस्य विभिन्न कार्यवाही के द्वारा जिसमें आम बहस, चर्चा, विरोध आदि के द्वारा मंत्रिमंडल व उसके कार्यो पर नियंत्रण रखता है. अपने विभिन्न प्रयासों से मंत्रिमंडल की निरंकुशता पर रोक लगता है.

लोकसभा न केवल नए कानून बनाती है बल्कि पहले से बने कानून में संसोधन का भी मत्वपूर्ण काम करती है. लोकसभा द्वारा संसोधित कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही कानून का रूप ले लेता है.

लोकसभा और राज्य सभा में अंतर

लोकसभा, जो देश की संसद का निम्न सदन अथवा निचला सदन भी कहलाता है, के सदस्य जनता के प्रति उत्तरदायी होते है, जबकि राज्यसभा, जो उच्च सदन होता है मगर इसके बावजूद वह जनता के प्रति उत्तरदायी नहीं होती है, इसका कारण यह है लोकसभा के सदस्यों का चुनाव देश की आम वयस्क जनता के द्वारा होता है, जबकि राज्यसभा के सदस्य के साथ यह बात लागू नहीं होती है.

लोकसभा धन विधेयक को भी पारित करती है, जबकि राज्यसभा के पास इसका अधिकार नहीं होता है. राज्यसभा सिफारिश अथवा बिना सिफारिश के 14 दिन के अंदर लोकसभा को वापस भेजने के लिए बाध्य है. 

लोकसभा में जिस दल अथवा गठबंधन का बहुमत होता है, राष्ट्रपति के द्वारा उसी दल अथवा गठबंधन को सरकार बनाने का निमंत्रण देने का विधान रहा है. पुनः उस दल अथवा गठबंधन के नेता प्रधानमंत्री नियुक्त नियुक्त किये जाते है.

प्रधानमंत्री लोकसभा में बहुमत दल का नेता होता है. इस कारण प्रधानमंत्री लोकसभा का भी नेता होता है. मंत्रिमंडल भी लोकसभा के प्रति जिम्मेदार होता है.

मोदी सरकार एंग्लो-इंडियन के नामित होने की परंपरा को समाप्त कर दिया

साल 1952 और 2020 के मध्य भारत सरकार की एडवाइस पर देश के राष्ट्रपति द्वारा एंग्लो-इंडियन कम्युनिटी के दो एडिशनल मेम्बर को भी नामित किया गया था, जिसे 104वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2019 द्वारा जनवरी 2020 के बाद समाप्त कर दिया गया.

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आजादी के बाद से साल 2020 तक भारत में एंग्लो इंडियन समुदाय के 2 समुदाय चुनने की परम्परा रही थी. इसका चयन भारत सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा चुना जाता था, लेकिन संविधान के 104 वें संसोधन अधिनियन 2019 के द्वारा जनवरी 2020 में मोदी सरकार के द्वारा समाप्त कर दिया गया. सरकार के अनुसार, वर्तमान समय में एंग्लो इंडियन समुदाय के लोग देश में नहीं के बराबर है.

एंग्लो-इंडियन वे समुदाय के लोग होते है, जिसके पूर्वज किसी न किसी प्रकार से ब्रिटेन के नागरिक रहें है. ये लोग धर्म से प्रायः ईशाई होते है और इनकी भाषा अंग्रेजी होती है. सरकार के अनुसार देश में इनकी संख्या अब 300 से भी कम रह गयी है. ऐसे में इनका प्रतिनिधि होना आवश्यक नहीं है. 

लोकसभा का सदस्य बनने की योग्यता (Lok Sabha Election Candidate Eligibility)

लोकसभा के सदस्य बनने के लिए यह आवश्यक है कि वह भारत का नागरिक हो. उसकी आयु 25 वर्ष या उससे अधिक हो. वह समस्त अहर्ताएं (योग्यताएं) रखता हो, जो कानून द्वारा घोषित है. वह लोकसभा के सदस्य के लिए भारत के किसी भी राज्य से किसी भी संसदयी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ सकता है.

लोकसभा में राज्यों की सीट (Lok Sabha Seats In India State Wise)

क्र. सं.  राज्य और केंद्र शासित प्रदेश का नाम निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या
1 अंडमान निकोबार 1
2 चंड़ीगढ़ 1
3 दादरा और नागर हवेली 1
4 दमन और द्वीप 1
5 दिल्ली 7
6 लक्ष्यद्वीप 1
7 पांडिचेरी 1
8 आंध्रप्रदेश 25
9 असम 14
10 अरुणाचल प्रदेश 2
11 बिहार 40
12 छत्तीसगढ़ 11
13 गोवा 2
14 गुजरात 26
15 हरियाणा 10
16 हिमाचल प्रदेश 4
17 जम्मू और कश्मीर 6
18 झारखण्ड 14
19 केरल 20
20 कर्णाटक 28
21 महाराष्ट्र 48
22 मध्यप्रदेश 29
23 मेघालय 2
24 मणिपुर 2
25 मिजोरम 1
26 नागालैंड 1
27 उड़ीसा 21
28 राजस्थान 25
29 पंजाब 13
30 सिक्किम 1
31 तमिलनाडु 39
32 त्रिपुरा 2
33 उत्तराखंड 5
34 उत्तरप्रदेश 80
35 पश्चिम बंगाल 42
36 तेलंगाना 17

निष्कर्ष :- तो आज हमने आपको बताया लोकसभा क्या है (Lok Sabha Election In Hindi), इतिहास, सदस्य योग्यता और संख्या के बारें में. उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी. अगर आपका कोई सुझाव है तो कमेंट करके जरूर बताइए. अगर आपको लेख अच्छा लगा हो तो रेटिंग देकर हमें प्रोत्साहित करें.

FAQ

Q : भारत में लोकसभा की सीटें कितनी है?
Ans : 543 सीटें

Q : लोक सभा का अध्यक्ष कौन होता है?
Ans : ओम बिड़ला

Q : भारत की संसद कहां है?
Ans : दिल्ली में

Q : भारत की पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष कौन है?
Ans : मीरा कुमार

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