गांधी जयंती पर भाषण हिंदी में | Gandhi Jayanti Speech in Hindi

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गांधी जयंती पर भाषण हिंदी में, स्पीच इन हिंदी, 10 लाइन, निबंध, 10 पंक्तियां ( Gandhi Jayanti Speech In Hindi, Par Nibandh, Essay In Hindi, 250 Words, 300 Words, 2 Oct, A Short Speech, Class 4, Teachers)

Gandhi Jayanti Speech in Hindi – प्रत्येक वर्ष देशभर में 2 अक्टूबर को बड़े ही धूम धाम के साथ गांधी जयंती मनाई जाती है. इस दिन स्कूलों और कॉलेजों में कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते है, छात्र – छात्राएं भाषण देते है और गांधी जी के योगदान को याद करते है. शिक्षकों के द्वारा उन विद्यार्थियों को गांधी जी के आदर्शो व मूल्यों पर चलने की सलाह दी जाती है. उन्हें सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया जाता है, ताकि वे जीवन की चुनौतियों का धैर्य के साथ सामना करते हुए अपने उद्देश्य की प्राप्ति कर सकें. चूँकि गांधी जी का देश के प्रति दिया गया योगदान अतुलनीय है इसलिए कृतज्ञ राष्ट्र उनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय त्यौहार के रूप मनाता है. अर्थात स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस की भांति भारत में गांधी जयंती एक राष्ट्रीय त्यौहार है.

आज के इस आर्टिकल में हम आपको गांधी जयंती पर भाषण हिंदी में (Gandhi Jayanti Speech in Hindi) के बारें में बताने जा रहे है.

Gandhi Jayanti Speech in Hindi

गांधी जयंती हाइलाइट 2023 (Gandhi Jayanti Highlights 2023)

नाम (Name) मोहन दास करमचंद गांधी
अन्य नाम (Other Names) राष्ट्रपिता (बापू)
जन्म तारीख (Date Of Birth) 2 अक्टूबर 1869
गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) 2 अक्टूबर
जन्म स्थान (Place) गुजरात के पोरबंदर क्षेत्र में
उम्र (Age) 78 साल
मृत्यु की तारीख (Date of Death) 30 जनवरी 1948
मृत्यु का कारण (Death Cause) बंदूक की गोली से
मृत्यु स्थान (Place Of Death) दिल्ली
हत्यारे का नाम नाथूराम गोडसे
व्यवसाय  (Profession) राजनीतिज्ञ, स्वतंत्रता सेनानी
संगठन (Organization) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
शिक्षा (Educational Qualification) बैरिस्टर
नागरिकता (Citizenship) भारतीय
जाति (Cast) गुजराती
भाषा (Languages) हिंदी
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) विवाहित
पिता का नाम (Mahatma Gandhi Father Name) करम चंद गाँधी
माता का नाम (Mahatma Gandhi Mother Name) पुतली बाई
पत्नी का नाम (Mahatma Gandhi Wife) पुतली बाई
संतान (Mahatma Gandhi children) पुतली बाईहरिलाल, मणिलाल, रामदास, देवदास

2 अक्टूबर गांधी जयंती पर निबंध (2 Oct Gandhi Jayanti Speech In Hindi)

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था जबकि माता का नाम पुतलीबाई था. जिस समय गांधी जी (A Short Speech On Gandhi Jayanti) का जन्म हुआ था उस समय भारत अंग्रेजो के हाथो परतंत्र था. देशवासी गुलामी के दंश झेल रहे थे. वह देश के लिए बड़ा विकट समय था. अंग्रेजो से लड़ना भारतीयों के लिए बड़ी चुनौती बन रही थी क्योकि अंग्रेज जितने शक्तिशाली थे वे उतने ही संगठित भी थे. जबकि उस समय देश में एकजुटता की भारी कमी थी अर्थात भारतीय लड़ तो रहें थे मगर उनमें एक कुशल नेतृत्व की कमी थी. परिणाम यह हो रहा था कि अंग्रेज बारी बारी से सभी क्रांतिकारियों को भयानक तरीके से दण्डित कर रहें थे, बेरहमी के साथ कुचल रहें थे.

उन्ही दिनों अपनी आरंभिक पढाई भारत में पूरी करने के बाद गांधी जी आगे जी कानून की पढाई करने के लिए लंदन चले गए. लंदन में बैरिस्टर की पढाई पूरी करने के बाद एक केस के सिलसिले में उनका दक्षिण अफ्रीका जाना हुआ और फिर वे वही रहकर लम्बे समय तक वकालत की. साथ ही रंगभेद के विरुद्ध आंदोलन भी लड़ा. चूँकि दक्षिण अफ्रीका में भी उन दिनों अग्रेजो का ही शासन था इसलिए वहां की स्थिति भारत से भी बुरी थी. अंग्रेज काले लोगो अर्थात अश्वेत लोगो के साथ घोर अमानवीय व्यवहार किया करते थे. वहां रंग भेद चरम पर था. यह भेदभाव किसी भी समाज के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है. गांधी जी ने वहां रहते हुए रंगभेद को देखा. स्वयं उनके साथ भी रंगभेद हुआ. एक ठंड भरी रात्रि में उन्हें ट्रेन से इसलिए उतार दिया गया क्योकि उस कम्पार्टमेंट में गोरे लोग बैठे थे. उन्हें ठंड में ठिठुरते हुए सारी रात प्लेटफॉर्म पर ही बितानी पड़ी. 

इस घटना के बाद गांधी जी ने अग्रेजो के विरुद्ध आवाज उठानी शुरू की. वे दक्षिण अफ्रीका के लोगो को एकजुट करने लगे और फिर जल्द ही वहां उन्होंने अंग्रेजो के विरुद्ध आंदोलन शुरू कर दिया.

गांधी जयंती पर भाषण हिंदी में (Gandhi Jayanti Speech In Hindi For Students)

बाद में 1915 में जब वे भारत आएं तब उन्हें भारत में भी अंग्रेजो के अत्याचारों को देखने को मिला. वे भारत में भी अंग्रेजो के विरुद्ध आंदोलन करना चाहते थे, पर गांधी जी का यह देश मातृभूमि जरूर था इसके बावजूद वे देश की संस्कृति और रहन सहन से अधिक अवगत नहीं थे. क्योकि भारत आने से पहले गांधी जी विदेशी धरती पर अपना जीवन बीता रहें थे. उन्होंने अपनी पढाई लंदन में रहकर पूरी की. जबकि वकालत दक्षिण अफ्रीका में कर रहे थे. इसलिए आंदोलन से पहले देश की जनता की स्थिति को समझना अधिक जरुरी था. इसके लिए उन्होंने भारत का दौरा किया. यहाँ के लोगो के रहन सहन को समझने की कोशिश की, ताकि यहाँ के अनुरूप लोगो को जागृत करने का फार्मूला प्रयोग में लाया जाएँ.

गांधी जी (Mahatma Gandhi Jayanti) देश भर में भ्रमण करके इस बात को समझ गए थे कि इस समय देश जो स्थिति है उसके आधार पर अंग्रेजो से सीधी लड़ाई लड़ना लगभग असंभव सा है. देश भर में गरीबी, भुखमरी सुरसा राक्षसी की भांति मुँह खोले खड़ी थी जबकि अंग्रेज सभी प्रकार के साधन से संपन्न थे. इस विकट परिस्थिति के बावजूद गांधी जी ने देशवासियों को एकजुट करने का निर्णय लिया. इसके लिए उन्होंने अहिंसा को ही आंदोलन का हथियार बनाया. इससे पहले भी वे दक्षिण अफ्रीका में रहते हुए इसका प्रयोग कर चुके थे इसलिए भारत में भी उन्होंने अहिंसा को ही अपने आंदोलन का हथियार बनाया.

उन्होंने समय समय पर देश भर में अंग्रेजो के विरुद्ध कई आंदोलनों का नेतृत्व किया. उन्होंने असहयोग आंदोलन, दांडी यात्रा, नमक सत्याग्रह, भारत छोड़ो जैसे कई बड़े आंदोलन चलाये. इन आंदोलनों में उन्हें देशभर के लोगो का जबर्दस्त सहयोग मिल रहे थे. इसका परिणाम यह हुआ कि इन आंदोलनों का असर देशव्यापी हुआ और इस कारण अंग्रेजी शासन की नींव हिल गई. देश की आजादी में इन आंदोलनों का योगदान रहा है. अब यही कारण है आजादी के बाद उन्हें राष्ट्रपिता की उपाधि दी गई. इतना ही नहीं गांधी जयंती के सम्मान में उस दिन को अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है.

गांधी जयंती पर भाषण हिंदी में (Gandhi Jayanti Speech In Hindi 10 Lines)

गांधी जी की यदि व्यक्तिगत जीवन की बात किया जाएं तो उन्होंने अपना जीवन सीधे साधे तरीके से बिताया था. सदैव अहिंसा का पालन किया. हिंसक आंदोलन के विरुद्ध रहें. वे भाषण कला में माहिर थे. वे लंदन में रहकर कानून की पढाई कर चुके थे. इस कारण उन्हें विद्वान कहा जा सकता है. वे कई किताबे लिख चुके है.

उनमें एक बात और थी जो सबको अपनानी चाहिए, वह था ‘प्रण’ लेने के बाद उस पर टिके रहना. एक बार जो प्रण ले लिया, उसे वे जीवन भर पालन किया करते थे. उन्होंने जीवन भर सच बोलने का प्रण लिया था. और उस प्रण के बाद उन्होंने जीवन में कभी भी झूठ नहीं बोला. सदैव सच बोला.

उनकी इन बातों को आज सभी को अपनाने की जरुरत है. तभी हम जीवन रूपी युद्ध में जीत हासिल कर सकते है. क्योकि जो व्यक्ति मन का ही कमजोर होगा, जो बार बार अपना विचार बदल देगा, वह देश के लिए क्या, वह स्वयं अपने जीवन के संघर्ष का सामना भी सही से नहीं कर सकता है. इसलिए गांधी जयंती के अवसर पर यह कहना उचित होगा कि –  ‘आज सभी को गांधी जी की इन आदतों को अपने जीवन में अपनाने की आवश्यकता है.’

निष्कर्ष – आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बताया जयंती पर भाषण हिंदी में (Gandhi Jayanti Speech in Hindi) के बारें में. उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी. अगर आपका कोई सुझाव है तो कमेंट करके जरूर बताइए. अगर आपको लेख अच्छा लगा हो तो रेटिंग देकर हमें प्रोत्साहित करें.

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