गणतंत्र दिवस 2023 निबंध, भाषण, तथ्य (Gantantra Diwas, Republic Day Essay Speech Facts In Hindi)
भारत में गणतंत्र दिवस हर साल मनाया जाता है। यह 26 जनवरी के दिन ही मनाया जाता है। इस दिन सभी सरकारी कार्यालय में झंडारोहण किया जाता है और कार्यक्रम भी प्रस्तुत होता है। इस दिन पुरे दिन में अवकाश होता है।
गणतंत्र दिवस पर निबंध (Essay on Republic Day)
गणतंत्र दिवस पर निबंध (150 शब्द)
भारत के राष्ट्रीय पर्व की यदि बात करें तो भारत के तीन राष्ट्रीय पर्व है। गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गाँधी जयंती। गणतंत्र दिवस भारत का एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है। यह राष्ट्रीय पर्व हम भारत वासियों के लिए शान और स्वाभिमान का प्रतिक है। क्योकि इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था और संविधान के लागू होते ही हमारा देश एक लोकतान्त्रिक देश घोषित हो गया। यही कारण है कि इस दिन को हमारे देश और देशवासियों के आत्मगौरव व सम्मान से भी जोड़ा जाता है। इस दिन देश भर में हर ओर अनेक छोटे-बड़े कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। शिक्षण संस्थान हो या कोई सरकारी ऑफिस हो या फिर कोई प्राइवेट संस्थान, प्रत्येक स्थान पर बहुत धूम धाम के साथ कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते है। देश में हर ओर मनाया जाने वाला यह कार्यक्रम प्रत्येक भारतवासी को एक नवीन उत्साह और उमंग से भर देता है। क्योकि यह वो गौरव का दिन है जब हमारे देश में अंग्रेजी कानून को हटाकर अपना कानून लागू किया गया और भारत के संसद को अपना एक गौरवमय संविधान मिला । इसलिए यह राष्ट्रीय त्यौहार प्रत्येक भारतवासी के सम्मान का प्रतिक है। यह दिवस उन्हें स्मृति दिलाता है कि वो एक लोकतान्त्रिक देश की जनता है और विश्व में उनका एक महत्वपूर्ण स्थान है।
गणतंत्र दिवस पर निबंध (250 शब्द)
भारतीय संविधान के बनने के इतिहास बात करें तो स्वतंत्रता के बाद संविधान को तैयार करने की प्रक्रिया आरम्भ हुई थी। इसके लिए संविधान सभा का गठन किया गया। इसमें 389 सदस्य थे मगर बटबारे के बाद इसमें 299 सदस्य ही रह गए थे। इस सभा में 229 निर्वाचित थे जबकि 70 मनोनीत थे। इस सभा में स्त्रियों की भी प्रतिनिधि थे और उनकी संख्या 15 थी। संविधान सभा की पहली बैठक दिल्ली में संसद भवन में हुई थी। संविधान सभा के प्रथम अध्यक्ष सांसद, शिक्षाविद, अधिवक्ता व पत्रकार रहे डॉ सच्चिदानंद सिन्हा को चुना गया था। बाद में डॉ राजेंद्र प्रसाद को अध्यक्ष चुन लिया गया। डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में संविधान समिति की बैठकों में इस लोकतान्त्रिक संविधान की पूरी परिकल्पना को तैयार किया गया। इसके बाद भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में प्रारूप समिति का गठन किया गया।
भारत के संविधान को बनाने में कुल मिलाकर 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन लगे थे। संविधान बनाने के बाद इसको लागू करने के लिए 26 जनवरी की तारीख को चुना गया। क्योकि इस दिन 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से पूर्ण स्वराज्य की घोषणा की गई थी। इस प्रकार 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू कर दिया गया। संविधान के लागू होते ही भारत विश्व का एक गणतंत्र देश घोषित हो गया। इसलिए इस ऐतिहासिक दिवस को गणतंत्र दिवस के रूप में जाना जाता है और प्रत्येक वर्ष इसे एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है।
गणतंत्र दिवस हमें देश में स्थापित गणतंत्र और संविधान का महत्व समझाता है। देश की स्वतंत्रता के लिए अनेक – अनेक लोगो ने अपने जीवन की जो आहुति दी थी, उसके परिणामस्वरूप ही यह शुभ दिन देश को देखने को मिला। यह दिवस उन महान आत्माओ को भी याद करने वाला दिवस है।
गणतंत्र दिवस पर निबंध (300 शब्द)
इस दिन देशभर में उत्सव का माहौल रहता है। यह एक राष्ट्रीय पर्व है। इसलिए इसमें सभी बढ़ चढ़ कर भाग लेते है। देशभर के सभी स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालयों में ध्वजारोहण किया जाता है। विद्यार्थियों के द्वारा इस दिवस के उपलक्ष्य में स्कूलों व कॉलेजों में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। देशभर में जगह जगह देशभक्ति गीत की गूंज हमें सुनने को मिलता है व अनेक स्थानों पर नाटक व चलचित्रो का प्रदर्शन भी किया जाता है। इन सब का मुख्य उद्देश्य इस दिवस पर उन देशभक्तो के बलिदान को अपने स्मृति में लाना होता है जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए हँसते हँसते अपनी जान दे दी थी। इसलिए इस दिवस पर देश के शहीदों को और उनके बलिदान को याद किया जाता है।
इस कार्यक्रम में थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बैंड पारम्परिक धुन के साथ मार्च करते है। इसी को बीटिंग द रिट्रीट कहा जाता है। यह कार्यक्रम सेना के बैरक वापसी का प्रतीक स्वरुप होता है। यह कार्यक्रम राजधानी दिल्ली के राजपथ का एक हिस्सा रायसीना हिल्स और विजय चौक पर आयोजित किया जाता है। बीटिंग रिट्रीट का यह कार्यक्रम 26 जनवरी से चौथे दिन यानि हर वर्ष 29 जनवरी को आयोजित किया जाता है। इस आयोजन के माध्यम से गणतंत्र दिवस के आयोजन की आधिकारिक समापन किया जाता है।
इस वर्ष से (2022) बीटिंग रिट्रीट में बजाये जाने वाले गाँधी के प्रिय ईशाई धुन ‘अबाइड विद मी’ के स्थान पर हिंदी गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगो’ की धुन बजाई जायेगी। इससे पहले बीटिंग रिट्रीट में गाँधी के पसंदीदा ईशाई धुन ‘अबाइड विद मी’ बजाई जाती रही थी। लेकिन अब ‘मोदी सरकार ने भारतीयकरण व देशभक्ति को प्रोत्साहित करने के लिए हिंदी गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगो’ की धुन की स्वीकृति दी है। मोदी सरकार का यह निर्णय जहाँ एक ओर भारतीयता को बढ़ाने वाला है वही इससे हिंदी भाषा के गौरव को और भी बढ़ावा मिला है।
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गणतंत्र दिवस से जुड़े कुछ तथ्य (Republic Day Facts)
- गणतंत्र दिवस प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है।
- 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था।
- भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है।
- भारत के संविधान में विश्व के विभिन्न देशो के संविधानो की अच्छी बातो व नीतियों को शामिल किया गया है।
- देश का अपना संविधान के लागू होते ही भारत को एक गणतंत्र देश की मान्यता मिल गई।
- इस दिन के बाद से भारत के पास अपना लिखित कानून हो गया। जिसके आधार पर देश की विधि व्यवस्था चलायी जाने लगी।
- यह दिन उन अनगिनत बलिदानियों को याद करने का भी दिन है जिनके कारण यह शुभ दिन हमें देखने को मिला है।
- इस दिन को राष्ट्रीय पर्व घोषित किया गया है।
- इस दिन पुरे देश में उत्सव का माहौल रहता है।
- मुख्य उत्सव राजधानी दिल्ली में होता है।
- इस दिन दिल्ली के राजपथ पर एक भव्य परेड का आयोजन किया जाता है।
- यह परेड राष्ट्रपति भवन से इण्डिया गेट के बीच आयोजित होता है।
- यहाँ राष्ट्रपति ध्वजारोहण करते है ।
- ध्वजारोहण होते ही राष्ट्रगान आरम्भ हो जाता है।
- ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रपति सेना के टुकड़ियों की सलामी लेते है।
- इस परेड में देश की तीनो सेना – थलसेना, वायुसेना और नौसेना के विशेष प्रशिक्षित जवान भाग लेते है।
- इस परेड में सेना के अलग अलग रेजिमेंट भाग लेते है और राष्टीय ध्वज व राष्ट्रपति दोनों को संयुक्त रूप से सलामी देते हुए आगे बढ़ते जाते है।
- ये परेड बड़े आकर्षक होते है।
- इस परेड में देश की आन-बान-शान की झलक दिखती है।
- परेड में विभिन्न राज्यों की झाकिंयां भी निकाली जाती है।
- इस परेड में कई अन्य प्रतिष्ठित संस्थान भी अपनी अपनी झाकियां निकालते है।
- इससे पहले प्रधानमंत्री इण्डिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति जाकर उन्हें पुष्प अर्पित करके नमन करते है।
- प्रधानमंत्री के अमर जवान पर पुष्प अर्पित करने के बाद शहीद सैनिको की स्मृति में दो मिनट के लिए मौन रखा जाता है।
- गणतंत्र दिवस के दिन देशभर के सभी राज्यों की राजधानियों में भी उत्सव का आयोजन किया जाता है।
- देशभर के स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी, गैर सरकारी संस्थानों में कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते है।
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गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day Speech)
आज का दिन बहुत पावन दिन है। क्योकि आज देश 73वा गणतंत्र दिवस मना रहा है। आज ही के दिन 1950 में देश में अपना संविधान लागू किया गया था। संविधान के लागू होते ही भारत विश्व का एक गणतंत्र देश घोषित हो गया। इसलिए इस ऐतिहासिक दिवस को गणतंत्र दिवस के रूप में जाना जाता है और प्रत्येक वर्ष इसे एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह वो गौरव का दिन है जब हमारे देश में अंग्रेजी कानून को हटाकर अपना कानून लागू किया गया और भारत के संसद को अपना एक गौरवमय संविधान मिला । इसलिए यह राष्ट्रीय त्यौहार प्रत्येक भारतवासी के सम्मान का प्रतिक है। यह दिवस उन्हें स्मृति दिलाता है कि वो एक लोकतान्त्रिक देश की जनता है और विश्व में उनका एक महत्वपूर्ण स्थान है।
यह दिन केवल उत्सव आयोजित करके आनंद मनाने भर का दिन नहीं है बल्कि यह दिन उन अनगिनत बलिदानियों को भी याद करने का दिन है जिनके जीवन की आहुति के कारण हमें आज का यह शुभ दिन देखने का सौभाग्य मिला है।
हमें आज के दिन उनसे व उनकी देशभक्ति से प्रेरणा लेनी चाहिए ताकि हम भी इस देश के लिए, इस देश के लोगो के लिए कुछ ऐसा कर जाएं जिससे इस देश की शान में और अधिक वृद्धि हो। केवल सरकारों का ही नहीं हम देश के नागरिको का भी कर्तव्य है कि हम देश के विकास के लिए अपनी ओर से ऐसा कुछ करें जो हम कर सकते है।
आश्यकता है, एक दृढ ईच्छा शक्ति की। अपने अंदर देशभक्ति की भावना भरने की। यह तभी हो सकता है जब हम अपने अंदर पराजित करने वाली शक्तियों पर विजय प्राप्त कर लें। लोकतंत्र में जनता ही जनार्दन होती है। इसलिए यदि जनता जागरूक और देशभक्त होगी तो शासक – प्रशासक भी अच्छे होंगे। इसमें कोई दो-राय नहीं है।
निष्कर्ष – आज के इस लेख में हमने गणतंत्र दिवस पर निबंध, गणतंत्र दिवस से जुड़े कुछ तथ्य और गणतंत्र दिवस पर भाषण जाना, उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया होगा।
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