भगवान विष्णु के 24 अवतार | Bhagwan Vishnu Ke Avtar Ke Naam

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भगवान विष्णु के अवतार, कितने हैं, नाम बताइए, कौन-कौन से हैं, 9 अवतार, 10 अवतार, 24 अवतार, 52 अवतार 1000 नाम (Bhagwan Vishnu Ke Avtar Ke Naam, Kaun The, Varnan, Kitne Hai, Naam Batao, List)

Bhagwan Vishnu Ke Avtar Ke Naam – जब-जब धरती पर कोई संकट आता है तब-तब भगवान अलग अवतार में प्रकट होकर उस संकट का विनाश करते है. शंकर भगवान और श्री हरी भगवान विष्णु ने कई बार धरती को संकट की घडी से बचाया. हिंदू धर्म की माने तो भगवान के अवतार की अवधारणा एक विशिष्ट विशेषता है. भगवान विष्णु अलग अगल अवतार में प्रकट होकर धर्म की रक्षा, बुराई के लिए पृथ्वी पर अवतार लेते हैं. सभी देवी देवताओं में विष्णु भगवान ही अवतार लेते हैं क्योंकि विष्णु संरक्षक हैं. ब्रह्मांडीय व्यवस्था का ध्यान रखना उसका अनिवार्य कर्तव्य है. अपने कर्तव्य के एक भाग के रूप में, विष्णु जी संसार की व्यवस्था और नियमितता सुनिश्चित करने के लिए कई कर्तव्यों का पालन करते हैं, जिनमें संकट के समय में पृथ्वी पर अवतार लेना महत्वपूर्ण है. भगवान विष्णु के 24 अवतार है जिनमें 10 अवतार भगवान विष्णु के मुख्य अवतार है. श्रीमद् भागवत में श्रीकृष्ण ने कहा है कि –
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥ 

अर्थात् हे भारत, जब-जब इस संसार में धर्म की हानि होती है और अधर्म बढ़ता है तब-तब मैं साकार रूप से लोगों के बीच प्रकट होता हूं, मैं सज्जनों की रक्षा करने आया हूं, मैं दुष्टों का नाश करने आया हूँ.

आज के इस आर्टिकल में हम आपको भगवान विष्णु के 24 अवतार (Bhagwan Vishnu Ke Avtar Ke Naam) के बारें में सम्पूर्ण जानकरी देने वाले है.

Bhagwan Vishnu Ke Avtar Ke Naam

 

भगवान विष्णु के अवतार (Bhagwan Vishnu Ke Avtar Ke Naam)

1. श्री सनकादि मुनि 

भगवन विष्णु ने कौमार सर्ग में चार ब्राह्मणों सनकादिक ऋषि के रूप में प्रथम अवतार लिया जो ब्रह्मा जी की पहली संतान थी. कहा जाता है कि ब्रह्मा जी भगवान विष्णु की नाभि से प्रकट हुए. ब्रह्मा जी ने कई वर्षो तक तपस्या की. इनसे प्रसन्न होकर विष्णु भगवान ने चार मुनि सनक, सनंदन ,सनातन एवं सनत्कुमार के रूप में अवतार लिया. इनकी आयु सर्वदा ही पांच वर्ष थी. ये चारों मुनि प्राकट्य काल से ही उपासना, भजन-कीर्तन, ध्यान में तल्लीन और वेद शास्त्रों का अध्ययन करते है.

2. वराह अवतार 

भगवान विष्णु का दूसरा वराहावतार है. जब जब पृथ्वी पर पाप और कष्ट बढ़ा है तब तब भगवान विष्णु अपना रूप धारण कर दुःख का नाश किया. पौराणिक कथा के अनुसार दैत्य हिरण्याक्ष ने जब पृथ्वी को समुंद्र में छिपा दिया था तब विष्णु भगवान वराह अवतार में सुअर का रूप धारण कर दैत्य हिरण्याक्ष का वध किया था. इनकी धर्मपत्नी माता वाराही हैं जो माता लक्ष्मी जी का रूप हैं.

शंकर भगवान के 19 अवतार

3. नारद अवतार 

भगवान विष्णु ने नारद के रूप में तीसरा अवतार प्रकट किया. देवर्षि नारद ब्रह्मा जी के 6 बेटों में से सबसे छोटे है. ब्रह्मा जी की कठिन तपस्या के बाद नारद ने जन्म लिया. देवर्षि नारद मुनियों के देवता थे और इन्हें ऋषिराज के नाम से भी जाना जाता है. और नारद भगवान विष्णु के परम भक्तों में से एक थे.

4. नर-नारायण 

भगवान विष्णु ने नर-नारायण दो रूपों में चौथे अवतार लिए. इस रूप में भगवान ने बद्रीनाथ तीर्थ में कड़ी तपस्या की थी. शास्त्रों की माने तो नर और नारायण ब्रह्माजी के बेटे धर्म और पुत्रबधु रुचि के बच्चे और ब्रह्मदेव के प्रपौत्र थे.  इस संसार में धर्म के प्रसार प्रचार का क्रेडिट इन्हीं को ही जाता है. द्वापर युग में श्रीकृष्ण और अर्जुन के रूप में नर-नारायण ने जन्म लिया.

5. कपिल मुनि

भगवान विष्णु ने कपिल मुनि के रूप में पांचवा अवतार लिया. यह प्राचीन भारत के एक मुनि थे. इनके पिता कर्दम ऋषि और माता मनुपुत्री देवहूति थी.

6. दत्तात्रेय अवतार

भगवान दत्तात्रेय विष्णु के ही अवतार है. इनके पिता महर्षि अत्रि जो सप्तऋषियों में से एक है और माता सहधर्मिणी अनुसूया सतीत्व के प्रतिमान के रूप है. धर्म ग्रंथों के अनुसार ब्रह्मा जी के अंश से चंद्रमा, शंकर भगवान के अंश से दुर्वासा और विष्णु भगवान के अंश से दत्तात्रेय ने जन्म लिया.

7. यज्ञ 

भगवान विष्णु के सांतवे अवतार भगवान यज्ञ है. ग्रंथों की माने तो स्वयंभुव मन्वन्तर में भगवान यज्ञ का जन्म हुआ था. यज्ञ भगवान की पत्नी दक्षिणा के 12 तेजस्वी पुत्रों ने जन्म लिया. और सभी पुत्र स्वायम्भुव मन्वन्तर में बारह देवता के नाम से जाने जाते है.

8. भगवान ऋषभदेव

भगवान विष्णु के आंठ्वे अवतार भगवान ऋषभदेव है. यह जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर हैं और इन्हें आदिनाथ के नाम से भी जाना जाता है. वर्तमान में भगवान ऋषभदेव अवसर्पिणी काल के प्रथम तीर्थंकर हैं.

9. आदिराज पृथु 

आदिराज पृथु भगवान विष्णु के ही नौवाँ अवतार है. धर्म ग्रंथों के अनुसार प्रजापति अंग और सुनीथा के बेटे का नाम वेन था. और वेन का बेटा पृथु  था. राजा वेन ऋषियों को भगवान की पूजा न करके स्वयं की पूजा करने के लिए बोलता था. इस बात से तंग आकर ऋषियों ने राजा वेन को मार डाला. और इनकी भुजाओं का मन्थन किया. जिसमें पुरुष के रूप में पृथु जो भगवान् विष्णु के अवतार और स्त्री के रूप में अर्चि जो माता लक्ष्मी का अवतार के रूप में जन्म लिया.

10. मत्स्य अवतार 

भगवान विष्णु के दसवें मत्स्य अवतार है. दुनिया को विनाश से बचाने के लिए मछली (मत्स्यावतार) के अवतार में प्रकट हुए थे. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार एक दुष्ट राक्षस ने वेदों को चुराकर जल के भीतर छुपा दिया. तब विष्णु भगवान मछली का रूप धारण कर वेदों का पता लगाया और उन्हें स्थापित किया.

11. कूर्म अवतार 

कूर्म को कच्छप अवतार (कछुए) भी कहते हैं. इस अवतार में विष्णु भगवान ने समुद्रमंथन के दौरान मंदार पर्वत को अपने पीठ पर (कवच) पर रखकर संभाला था. मंदर पर्वत और नाग की मदद से देवों एंव असुरों ने समुद्र मंथन संपन्न कर 14 रत्न पाए थे.

12. भगवान धन्वन्तरि

देवताओं और राक्षस ने मिलकर जब समुद्र मंथन किया तो सबसे पहले उसमे से विष निकला जिसे भगवान शंकर ने पी लिया. समुद्र मंथन के दौरान कई रत्न निकले लेकिन अंत में भगवान धन्वन्तरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए जिन्हें हम औषधियों के स्वामी भी बोलते है. भगवान धन्वन्तरि ही विष्णु भगवान के अवतार है. जिसे हम दिवाली के एक दिन पहले धनतेरस के रूप में मनाते है.

13. मोहिनी अवतार

मोहिनी भगवान विष्णु का स्त्री अवतार है. इस अवतार में उन्हें अति सुंदर स्त्री के रूप में दिखाया है. जो कोई भी इनके प्रेम में वशीभूत होकर सब कुछ भूल जाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान देवताओं और राक्षस को सागर से अमृत प्राप्त हुआ. तब देवताओं को यह भय हुआ कि कहीं राक्षस अमृत पीकर अमर हो न जाये. इसका समाधान के लिए भगवान विष्णु के पास गये और उनसे कहा कि हमें इससे बचाओं प्रभु. तब जाकर विष्णु भगवान ने मोहिनी का अवतार लेकर देवताओं को अमृत पिलाया और राक्षस को मोहित कर अमर पिलाने से रोका.

14. भगवान नृसिंह 

एक कथा के अनुसार दैत्यराजा हिरण्यकश्यप नाम का राक्षस हुआ करता था. हिरण्यकश्यप अपनी प्रजा के लोगो को भगवान की पूजा नही करने को बोलकर स्वयं की पूजा करवाता था. और जो इनका पालन नही करता उसे मौत के घाट उतार देता था. तभी हिरण्यकश्यप के घर में बेटे के रूप में प्रह्लाद का जन्म हुआ जो भगवान विष्णु का परम भक्त था और इनकी पूजा भक्ति में लीन रहता था. हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे को कई बार विष्णु जी की पूजा करने से रोका लेकिन प्रह्लाद ने एक न सुनी. तंग आकर हिरण्यकश्यप अपनी बहन होलिका के पास गया और कहा कि तुम इसे जलती आग में लेकर बैठ जाओ तुम्हारे पास तो अग्नि से बचने की शक्ति है. होलिका जलती हुई आग में प्रह्लाद को लेकर बैठ गई लेकिन प्रह्लाद बच गया और होलिका जल गई. प्रह्लाद के बच जाने पर हिरण्यकश्यप क्रोधित हो गया और अपने दरबार में खम्भे से बांध दिया और कहा क्या अब तेरे भगवान तुझे बचाने आएंगे तभी भगवान विष्णु खम्भे को तोड़ते हुए नरसिंह के अवतार में प्रकट हुए और सायं की बेला में सभा की दहलीज पर दरवाजे की चौकट पर बैठकर अपनी जांघ पर अपने नाख़ून से हिरण्यकश्यप का वध कर दिया.

15. वामन अवतार 

त्रेतायुग में भगवान विष्णु वामन अवतार में प्रकट हुए. इस अवतार में भगवान विष्णु ब्राम्हण बालक का रूप लेकर राजा बलि के पास गए और उनसे तीन पग धरती मांगी थी. राजा बलि ने छोटा सा बालक देखकर उन्हें तीन पग धरती देने का वचन दिया. इसके बाद ब्राम्हण बालक ने एक पग में धरती एवं दूसरे पग में स्वर्गलोक नाप लिया. तीसरे पग के लिए कोई जगह नही बची तो राजा बलि ने अपना सिर आगे कर दिया. और यह देखकर भगवान विष्णु प्रकट हुए और बलि को पाताललोक का स्वामी बना दिया.

16. हयग्रीव अवतार 

विष्णु भगवान हयग्रीव अवतार में प्रकट हुए थे. जिनका सिर घोड़े का और शरीर इंसान का था. इस अवतार में विष्णु भगवान ने हयग्रीव नाम के ही दैत्य का वध किया था जिसका सिर भी घोड़े का और शरीर मनुष्य का था. इस दैत्य की मृत्यु सिर्फ वो ही कर सकता था जिसका सिर घोड़े का और शरीर इंसान का हो.

17. श्रीहरि अवतार 

एक कथा के अनुसार इंद्रद्युम्न नाम का एक राजा था जो अगस्त्य मुनि के श्राप से हाथी में और हुहु नामक गंधर्व देवल मुनि के श्राप से मगरमच्छ बन गया और दोनों के बीच युद्ध हुआ. हाथी यानि गजेंद्र की प्रार्थना सुनकर भगवान विष्णु श्रीहरि अवतार में प्रकट हुए और अपने चक्र से मगरमच्छ को मार डाला. और भगवान विष्णु की मदद से गज की विजय हुई.

18. परशुराम अवतार

विष्णु भगवान परशुराम के अवतार में प्रकट हए थे. परशुराम जमदग्नि ऋषि और रेणुका के बेटे और भगवान शंकर के भक्त थे. इनसे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने इन्हें परशु शस्त्र दिया था. वैसे इनका नाम राम था लेकिन परशु लेने के बाद परशुराम हो गया.

19. महर्षि वेदव्यास 

महर्षि वेदव्यास विष्णु भगवान के ही अवतार माना जाता है. और इन्होंने ही महाभारत ग्रंथ की रचना की है. महर्षि वेदव्यास का पूरा नाम महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास है.

20. हंस अवतार

भगवान विष्णु के चौबीस अवतारों में बीसवां अवतार है हंस अवतार. इस अवतार में इन्होंने कार्तिक शुक्ल की नवमी को हंस के रूप में प्रकट हुए और सनकादि ऋषियों की शंकाओं का निवारण किया.

21. श्रीराम अवतार

त्रेतायुग में अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर में बेटे के रूप में पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्म हुआ. रावण का आतंक खत्म करने के लिए श्रीराम के अवतार में भगवान विष्णु ने प्रकट लिया. महर्षि वाल्मीकि ने संस्कृत महाकाव्य रामायण में राम की कहानी लिखी थी.

22. श्रीकृष्ण अवतार

भगवान विष्णु के सबसे श्रेष्ठ अवतारों में से एक है यशोदा नंदन श्रीकृष्ण. द्वापरयुग में अधर्मियों के नाश के लिए और कंस का वध के लिए भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के अवतार में प्रकट हुए. महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण की बड़ी भूमिका थी. इस युद्ध में वे अर्जुन के सारथी बने थे. उनकी बहन सुभद्रा अर्जुन की पत्नी थीं और युद्ध शुरू होने से पहले उन्होंने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था.

23. बुद्ध अवतार 

धार्मिक ग्रंथों की माने तो बौद्धधर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध भगवान विष्णु के अवतार थे इन्हें महात्मा बुद्ध भी कहा जाता है.

24. कल्कि अवतार 

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु का आखरी अवतार कल्कि अवतार होगा. कलयुग के अंत में कल्कि अवतार के रूप में भगवान विष्णु प्रकट होंगे और पृथ्वी से सभी पापों और बुरे कर्मों का नाश करेंगे. ऐसा माना जाता है कि सतयुग के संधिकाल में कल्कि अवतार होगा.

भगवान विष्णु के 10 मुख्य अवतार (10 Main Avatars Of Vishnu)

  1. मत्स्य अवतार
  2. कूर्म अवतार
  3. वराह अवतार
  4. नृसिंह अवतार
  5. वामन अवतार
  6. परशुराम अवतार
  7. श्रीराम अवता
  8. श्रीकृष्ण अवतार
  9. बुद्ध अवतार
  10. कल्कि अवतार

निष्कर्ष– आज के इस लेख में हमने आपको बताया भगवान विष्णु के 24 अवतार (Bhagwan Vishnu Ke Avtar Ke Naam) के बारें में बताया. उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी.

FAQ

Q : भगवान विष्णु के 24 अवतार कौन कौन से हैं?
Ans : मत्स्य, कूर्म, वराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध, कल्कि अवतार

Q : भगवान के 10 अवतार कौन कौन से हैं?
Ans : मत्स्य, वराह, कूर्म, वामन, नरसिंह, परशुराम, राम, कृष्ण

Q : पहला कृष्ण या विष्णु कौन है?
Ans : विष्णु भगवान श्री कृष्ण के रूप में प्रकट हुए.

Q : श्री कृष्ण कौन से अवतार थे?
Ans : विष्णु भगवान के आठवें अवतार थे.

Q : विष्णु का पहला अवतार कौन था?
Ans : मत्स्य अवतार

Q : गौतम बुद्ध विष्णु ભગવાન के कौन से अवतार थे?
Ans : नवें अवतार

Q : भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार कहां लिया था
Ans : राजा हिरण्यकश्यप के महल में

Q : भगवान विष्णु का सबसे छोटा अवतार कौन सा था?
Ans : मत्स्य अवतार

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