महावीर जयंती कब है और क्यों मनाई जाती है, निबंध, हार्दिक शुभकामनाएं, स्टेटस कितनी तारीख को है, महत्व, इतिहास (Essay On Mahavir Jayanti 2024 In Hindi, Date, Wishes, Quotes, Celebrated, Festival, History)
Mahavir Jayanti 2024 – आजादी के बाद या उससे पहले, भारत में सभी धर्मों और समुदायों के लोग सभी त्योहारों को अपने-अपने पारंपरिक तरीके से बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं. देश में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी धर्मों के लोग रहते हैं. और सभी धर्मो के लोग त्यौहार को मिलजुल कर मनाते है. और इन्हीं त्योहारों में से एक है महावीर जयंती. यह त्योहार जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. हर वर्ष महावीर जयंती का पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. भगवान महावीर स्वामी ने पांच महाव्रतों अहिंसा, अहिंसा, तप, तीन गुप्त, आत्मज्ञान और संयम का संदेश दिया. इसके साथ ही जाति और लैंगिक भेदभाव को समाप्त करने का उपदेश दिया. इन्हें सन्मति, अतिवीर, वीर और वर्धमान के नाम भी जाना जाता है.
आज के इस आर्टिकल में हम आपको महावीर जयंती कब (Mahavir Jayanti 2024 in Hindi) है और क्यों मनाई जाती है. और महावीर जयंती का इतिहास और महत्व के बारें में पूरी जानकरी देने वाले है.
महावीर जयंती 2024 (Mahavir Jayanti 2024 in Hindi)
त्यौहार | महावीर जयंती 2024 |
महावीर जयंती कब है? | 21 अप्रैल |
त्यौहार | महावीर जयंती 2023 |
नाम | भगवान महावीर स्वामी |
भगवान महावीर का जन्म | 599 BCE |
भगवान महावीर का जन्म स्थान | क्षत्रियकुंड, वैशाली, बिहार, भारत |
भगवान महावीर की उम्र | 72 साल |
भगवान महावीर के पिता | सिद्धार्थराजा |
भगवान महावीर की माता | त्रिशाला |
भगवान महावीर के भाई | नंदीवर्धना, सुदर्शना |
भगवान महावीर के पत्नी | यशोदा |
भगवान महावीर के जाति | जनिज्म |
भगवान महावीर का धर्म | जैन |
महावीर जयंती कब है ? (Mahavir Jayanti Date 2024)
साल 2024 में महावीर जयंती का पर्व पुरे देश में 21 अप्रैल रविवार के दिन मनाया जाएगा. जैन धर्म के लोगो में महावीर जयंती पर्व का विशेष महत्व माना गया है. भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे. इनका जन्म 599 ईसा पूर्व में बिहार के कुंडाग्राम में हुआ था.
महावीर जयंती क्यों मनाई जाती है? (Why We Celebrate Mahavir Jayanti In Hindi)
जैन समाज के 24वें तीर्थंकरों में से अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को हुआ था. जिसके कारण जैन अनुयायी इस दिन को उनके जन्मदिन के रूप में सेलिब्रेट करते हैं. भगवान महावीर का जन्म बिहार के कुंडाग्राम में राजा सिद्धार्थ और रानी त्रिशला के घर हुआ. इनके बचपन का नाम वर्धमान था. मात्र तीस वर्ष की आयु में भगवान महावीर ने ज्ञान की प्राप्ति के लिए राजमहल में जीवन के सुख-वैभव का त्याग करते हुए तपोमय साधना का मार्ग अपनाया था. यह उनकी साढ़े बारह वर्ष की तपस्या और जीवन के कष्टों का सजीव इतिहास है. उसने तपस्या और ज्ञान द्वारा अपनी सभी इच्छाओं को नियंत्रित करना सीख लिया था. और इसलिए वे महावीर कहलाए जाने लगे.
भारत के प्रमुख त्यौहारों की सूची
भगवान महावीर ने अपने प्रत्येक भक्त को ब्रह्मचर्य, अहिंसा, आचार्य, अपरिग्रह और सत्य के 5 व्रतों का पालन करने के लिए कहा है. इसके साथ ही उन्होंने चार तीर्थों- साधु, साध्वी, श्रावक और श्राविका की स्थापना की. इसलिए उन्हें तीर्थंकर भी कहा जाता है. वर्षों से चली आ रही सामाजिक विसंगतियों को दूर करने के लिए भगवान महावीर ने भारत की मिट्टी को चंदन बना दिया. उन्होंने जात-पात से उठकर समाज के और कल्याण की बात कही. भगवान महावीर के सिद्धांतों को जैनियों ने अपने जीवन में शामिल किया है. महावीर स्वामी के जन्मदिन को जैन समुदाय द्वारा महावीर जयंती के रूप में मनाया जाता है.
महावीर जयंती 2024 शुभ मुहूर्त और तिथि
भारतीय कैलंडर की माने तो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 21 अप्रैल 2024 को प्रातः 06:24 बजे से होगी. और यह तिथि समापन 22 अप्रैल 2024 को प्रातः 08:05 बजे होगी. इस हिसाब से उदया तिथि 22 अप्रैल को हो रही है, इसलिए महावीर जयंती का पर्व 21 अप्रैल को ही मनाया जायेगा.
महावीर जयंती कैसे बनाते हैं?
भगवान महावीर ने 12 वर्ष तक कठोर मौन तपस्या की थी जिसके बाद उन्होंने अपने मन और इंद्रियों पर काबू पा लिया था. निडर, सहिष्णु और अहिंसक होने के चलते उनका नाम महावीर हुआ. 72 वर्ष की आयु में उन्होंने पावापुरी से मोक्ष प्राप्त किया. महावीर जयंती के दिवस पर जैन समुदाय के लोग भगवान महावीर की मूर्ति का सोने और चांदी के कलश से जलाभिषेक कर पूजा करते है और प्रभातफेरी, अनुष्ठान और शोभायात्रा निकालते है. इस दौरान जैन धर्म के गुरु भगवान महावीर के सिद्धांतों और उपदेशों का पाठ पढ़ाते है और उनके बताए रास्ते पर चलने की प्रेरणा देते है.
महावीर जयंती का महत्व
महावीर जयंती जैन धर्म के लोगों के लिए बेहद खास मानी गई है. इस दिन जैन संप्रदाय के लोग द्वारा प्रभात फेरी, अनुष्ठान और शोभायात्रा निकाली जाती है. भगवान महावीर ने मनुष्य को मोक्ष प्राप्ति के लिए पांच नियमों की स्थापना की, जिन्हें पंच सिद्धांत के नाम से जाना जाता है. यह पंच सिद्धांत इस प्रकार है – अहिंसा, सत्य अस्तेय, अपरिग्रह, और ब्रह्मचर्य. महावीर जयंती के दिवस पर भगवान महावीर की पूजा अर्चना कर उनके द्वारा दिए गए उपदेशों और सिद्धांतों का मनन किया जाता है और उनके बताए रास्ते पर चलने की अथिक प्रयास किये जाते है. इसके साथ ही धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है.
भगवान महावीर के 5 सिद्धांत (Mahavir ji Five Lessons)
भगवान महावीर ने जीवन में सफल होने के पांच सिद्धांत बताये है जिन्हें पंचशील सिद्धांत के नाम से भी जाना जाता है. महावीर स्वामी के इन 5 सिद्धांतों को को जिसने अपना लिया उसे हर कदम पर सफलता मिलेगी और मोक्ष की प्राप्ति होगी.
सत्य – हमेशा सत्य की राह पर चलो. यह रास्ता पथरीला जरूर होगा लेकिन अंत में जीत आपकी जरुर होगी.
अहिंसा – जैन धर्म की माने तो “अहिंसा परमो धर्म”. मलतब इस संसार में किसी मनुष्य, पशु पक्षी या कोई जीव के साथ हिंसा न करो. शारीरिक तौर पर किसी को कष्ट न दो और किसी के बारें में कभी बुरा मत सोचो.
अपरिग्रह – किसी चीज या जीव से अधिक लगाव मत रखो. भगवान महावीर के सिद्धांतों के अनुसार मनुष्य के मन को सजीव या निर्जीव वस्तुओं पर केन्द्रित करने का दुःख मुख्य कारण है. मन को कभी किसी वस्तु पर न भटकने दे.
अस्तेय – कभी किसी की वस्तु चोरी नही करनी चाहिए. यदि कुछ लेना हो तो सामने वाले की अनुमति से ही लिया जा सकता है. इसके अलावा दूसरों के प्रति मन में गलत विचार न रखें.
ब्रह्मचर्य – इस सिद्धांत का तात्पर्य अविवाहित रहना नहीं बल्कि अपने अंदर छिप ब्रह्म को जानना है. खुद को समय देना है. उनका कहना था कि ब्रह्मचर्य उत्तम तपस्या, नियम, ज्ञान, दर्शन, चरित्र, संयम और शील का मूल है.
महावीर जयंती की शुभकामनाएं (Mahavir Jayanti Wishes In Hindi)
आत्मा अकेले ही आती है और अकेले ही चली जाती है,
और न ही कोई इसका साथ देता है न ही कोई इसका दोस्त होता है.
Happy Mahavir Jayanti!
हम भगवान महावीर को खोजने कहां जाएं,
हम उन्हें बिना जगह के कहां पाएंगे,
चंदन के समान भक्ति करो भाइयो,
भगवान महावीर स्वयं आपके द्वार आएंगे।
महावीर जयंती की शुभकामनाएं।
क्रोध को शांति से जिएं, दुष्टों को धर्म से जीतो,
दान द्वारा कंजूस को जियो, असत्य के लिए दान से जियो,
असत्य को सत्य के साथ जियो, महावीर जयंती की शुभकामनाएं।
ईश्वर का कोई अलग अस्तित्व नहीं है.
सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास करके हर कोई देवत्व प्राप्त कर सकता है.
Happy Mahavir Jayanti!
क्रोध को शांति से जीतो,
दुष्टों को धर्म से जीतो,
दान से कंजूस को जीतो,
और असत्य को सत्य से जीतो।
Happy Mahavir Jayanti!
निष्कर्ष – आज के इस लेख में हमने आपको बताया महावीर जयंती कब (Mahavir Jayanti 2023 in Hindi) है और क्यों मनाई जाती है. और महावीर जयंती का इतिहास और महत्व के बारें में. उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी. अगर आपका कोई सुझाव है तो कमेंट करके जरूर बताइए. अगर आपको लेख अच्छा लगा हो तो रेटिंग देकर हमें प्रोत्साहित करें.
FAQ
Q : महावीर जयंती कब है 2024?
Ans : 21 अप्रैल 2024 को
Q : महावीर जयंती कौन बनाते हैं?
Ans : जैन समुदय के लोग
Q : महावीर का दूसरा नाम क्या है?
Ans : वर्धमान
Q : महावीर जयंती का मतलब क्या होता है?
Ans : जैन धर्म के लोग इसे महावीर स्वामी के जन्मोत्सव के तौर पर मनाते है.
Q : महावीर के पांच सिद्धांत क्या हैं?
Ans : अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, और अपरिग्रह
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