New Parliament Building – नया संसद भवन बनाकर तैयार हो चूका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई को उद्घाटन किया था. जानते है क्या है इसकी विशेषता और लागत के बारें में.
New Parliament Building in Hindi – संसद भवन (New Sansad Bhavan) को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है. देश की पुरानी संसद भवन की नींव साल 1921 में रखी गई थी और साल 1927 में तत्कालीन वायसराय द्वारा इसका उद्घाटन किया गया था. अब 96 साल बाद एक बार फिर संसद भवन को नया रूप देकर भव्य बनाया गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनवरी 2020 में नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी और तीन साल बाद 28 मई 2023 को प्रधानमंत्री ने इसका उद्घाटन (New Parliament Building Inauguration) किया.
अब कई लोगो के मन में यह सवाल आ रहा होगा कि जब पुरानी संसद भवन है तो नया संसद भवन को बनाने का क्या मकसद रहा है. आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे कि नया संसद भवन क्यों बना गया, अंदर से कैसा दिखता है नया संसद भवन (new sansad bhavan facts in hindi), क्या है इसकी विशेषता और नए संसद भवन का नाम और निर्माण में कितना खर्चा आया. विस्तार से सभी के बारे में पूरी जानकारी देने वाले है.
न्यू संसद भवन (New Parliament Building)
भवन | न्यू संसद भवन |
पार्ट | सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट |
काम चालू हुआ | 10 दिसंबर 2020 |
उद्घाटन हुआ | 28 मई 2023 |
किसने उद्घाटन किया | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने |
लागत | 862 करोड़ रूपये |
जगह | नई दिल्ली |
मालिक | भारत सरकार |
जमीन | 700,000 वर्ग फुट |
आर्किटेक्ट | बिमल पटेल |
कांट्रेक्टर | टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड |
बैठने की क्षमता | 1,272 |
नए संसद भवन की आवश्यकता क्यों है?
नए संसद भवन का निर्माण सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के अंतर्गत किया जा रहा है. और इस प्रोजेक्ट में करीब 13,450 करोड़ रुपये खर्च होने वाले है. आपकी जानकारी के लिए बता दूँ सेंट्रल विस्टा राजपथ के दोनों तरह की जगहों को बोलते है. जहां राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट समेत करीब तीन किलोमीटर लंबा इलाका है। इसके साथ ही उपराष्ट्रपति भवन, संसद, साउथ ब्लॉक और नॉर्थ ब्लॉक भी इस प्रोजेक्ट में आते हैं. और इन सभी भवनों पर नई बिल्डिंग बनाई जाएगी. और नया संसद भवन (India Ka New Sansad Bhavan) इसी प्रोजेक्ट का ही एक पार्ट है.
नए संसद भवन के निर्माण का मुख्य कारण यह है कि पुराना संसद भवन 100 वर्ष पुराना है. और भविष्य को को देखते हुए संसद भवन में सांसदों के बैठने के लिए अच्छी और पर्याप्त जगह नहीं है. वर्तमान में लोकसभा में 545 सीटें हैं. और साल 1971 जनगणना के आधार पर सीटों में कोई बदलाव नही किया गया है. और सीटों की संख्या भी साल 2026 तक यूं ही बनी रहेगी. ऐसे भी भविष्य में नवनिर्वाचित सांसद आयेंगे तब उनके लिए पर्याप्त जगह नहीं होगी.
पुराना संसद भवन स्वतंत्र भारत से पहले बना था, उस समय कई खास बातों का ध्यान नहीं रखा गया था, जैसे सीसीटीवी, सीवर लाइन, अग्निशमन, एयर कंडीशनिंग और ऑडियो वीडियो सिस्टम. बदलते वक्त के साथ इन सभी को संसद भवन में लगाया किया गया, लेकिन ये ठीक से स्थापित नहीं हो पाए और भवन में सीलन जैसी कई समस्याएं उत्पन्न हो गईं. संसद भवन में सैकड़ों कर्मचारी काम करते हैं और उनकी संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. जिससे भवन में भीड़भाड़ का माहौल देखने को मिल रहा है. इन सभी कारणों को ध्यान में रखते हुए नए संसद भवन का निर्माण किया गया.
नए संसद भवन की विशेषताएं क्या है?
नया संसद भवन 700,000 वर्ग फुट (New Sansad Bhavan Area) में फैला हुआ है. इसे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनाया जा रहा है. इसकी बनावट त्रिकोणीय है. इसके अंदर राज्यसभा, लोकसभा, संवैधानिक अधिकारियों और सेंट्रल लाउंज के कार्यालय होंगे.
नए संसद भवन की बैठने की क्षमता पुरानी संसद भवन से अधिक है. वर्तमान संसद भवन में लोकसभा की 550 सदस्य और राज्यसभा की 240 सदस्य हैं. लेकिन नए संसद भवन में लोकसभा के 888 सदस्य और राज्यसभा के 300 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है. यहां एक साथ 1,280 सांसद बैठ (new parliament building seating capacity) सकते हैं. लोकसभा चेंबर राष्ट्रीय पक्षी मयूर की और राज्य सभा चेंबर राष्ट्रीय फुल कमल की थीम पर बनाया गया है.
नए संसद भवन में 3 दरवाजे है, जिन्हें हम शक्ति द्वार, ज्ञान द्वार और कर्म द्वार के नाम से जाना जायेगा. इसी के साथ ही भवन के अंदर देश के प्रधानमंत्रियों, भीमराव आंबेडकर, महात्मा गांधी, सरदार पटेल और चाणक्य की मूर्ति लगाई जाएगी.
भवन में एक सेंट्रल लाउंज बनाया गया है जहा सभी सांसद एक साथ बैठकर संवाद कर सकते है. और इसी लाउंज में एक पीपल का वृक्ष भी लगाया गया है जो देश का राष्ट्रीय वृक्ष है.
इसमें 6 द्वारों और सार्वजनिक सड़कों में देश के विभिन्न हिस्सों की मूर्तियां और कलाकृतियां लगी होगी. गरुड़, गज, अश्व और मगर समेत देश भर में पूजे जाने वाले जानवरों की भी झांकियां होंगी. कहा जा रहा है कि यहां तीन दीर्घाएं होंगी जो आपको भारत के ऐतिहासिक से लेकर आधुनिक युग तक का सफ़र कराएगी.
भवन निर्माण के दौरान ध्वनि और वायु प्रदूषण को रोकने के लिए भी कई कार्य किए गए हैं. इसमें सांसदों का एक अपना अलग से ऑफिस होगा और उस ऑफिस में पेपरलेस बनाने के लिए डिजिटल इंटरफेस का इस्तेमाल किया गया है. यहाँ पर एक लाइब्रेरी, भव्य संविधान हॉल, डाइनिंग हॉल सहित एक बड़ी से पार्किंग है.
वर्तमान यानि पुरानी संसद भवन का निर्माण तब किया गया था जब दिल्ली शहर भूकंपीय क्षेत्र-द्वितीय में था लेकिन अब यह भूकंपीय क्षेत्र- IV में आता है. जिसको ध्यान में रखते हुए निर्माण के दौरान सुरक्षा मानकों का काफी अधिक ध्यान रखा गया है.
नई संसद की सबसे उल्लेखनीय विशेषता इसका कॉन्स्टीट्यूशन हॉल है, जो भवन के केंद्र में स्थित है. और इसके ठीक ऊपर बाहर की तरफ अशोकस्तंभ है. इस हॉल में संविधान की एक प्रति भी रखी जाएगी.
नया संसद भवन का डिजाइनर कौन है?
नया संसद भवन का डिजाइन तैयार गुजरात में स्थित एक आर्किटेक्चर कंपनी एचसीपी (new parliament building design) है. और इस आर्किटेक्चर कंपनी के निदेशक आर्किटेक्ट बिमल पटेल है जिन्होंने ही नए संसद भवन की डिजाइन तैयार की है. आपकी जानकारी के लिए बता दूँ बिमल पटेल कई बड़ी बड़ी बिल्डिंग और इमारतों का डिजाइन तैयार कर चुके है. साल 2019 में उन्हें आर्किटेक्टर फ़ील्ड में अपने काम के लिए पद्मश्री से नवाजा जा चूका है. इन्होने आईआईएम अहमदाबाद कैंपस, काशी विश्वनाथ मंदिर, गुजरात हाईकोर्ट बिल्डिंग, पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी, साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट और टाटा सीजीपीएल टाउनशिप जैसे कई बड़ी बिल्डिंग का डिजाइन बनाया है.
नया संसद भवन किस कंपनी ने बनाया है?
नया संसद भवन को देश की बड़ी और नामी कंपनी ने बनाया है. वह है टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड. नई संसद भवन की इमारत को बनाए के लिए ठेका यानि टेंडर निकाला गया था और यह प्रोजेक्ट टाटा ग्रुप ने 861.9 करोड़ रुपये की बोली लगाकर जीता. इस टेंडर में टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड के साथ लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने भी बोली लगाई थी. लेकिन यह टेंडर टाटा (new parliament building contractor) को मिला.
नई सांसद भवन को बनाने के कितना खर्चा आया?
नई सांसद भवन को बनाने का काम टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड ने 862 करोड़ रुपये की बोली लगाकर जीता है. लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि इसे बनाने में करीब 1200 करोड़ रुपए खर्च (new parliament building cost) किए गए हैं. पुरानी संसद भवन के निर्माण में उस समय 83 लाख रुपए का खर्च आया था.
निष्कर्ष – आज के इस लेख में हमने आपको बताया संसद भवन (new sansad bhavan facts in hindi) क्यों बना गया, अंदर से कैसा दिखता है नया संसद भवन, क्या है इसकी विशेषता और नए संसद भवन का नाम और निर्माण में कितना खर्चा आया के बारें में. उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी. अगर आपका कोई सुझाव है तो कमेंट करके जरूर बताइए. अगर आपको लेख अच्छा लगा हो तो रेटिंग देकर हमें प्रोत्साहित करें.
FAQ
Q : नई संसद की लागत कितनी है?
Ans : 862 करोड़
Q : संसद भवन का मालिक कौन है?
Ans : भारत सरकार
Q : भारत की नई संसद का नाम क्या है?
Ans : संसद भवन
Q : नया संसद भवन कहां है?
Ans : नई दिल्ली में
Q : नया संसद भवन का डिजाइनर कौन है?
Ans : आर्किटेक्ट बिमल पटेल
Q : नई संसद भवन का उद्घाटन कौन करेगा
Ans : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
Q : भारत की नई संसद भवन का उद्घाटन कब है?
Ans : 28 मई को
Q : नए संसद भवन का वास्तुकार कौन है
Ans : आर्किटेक्ट बिमल पटेल
Q : नए संसद भवन का आकार कैसा है
Ans : त्रिकोणीय
Q : नए संसद भवन का डिजाइन किसने तैयार किया
Ans : बिमल पटेल ने
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