मीसा कानून क्या है | MISA Law In Hindi

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मीसा कानून क्या है, फुल फॉर्म, अर्थ, शुरुआत, राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, एक्ट, मीसाबंदी पेंशन योजना, कब लागु किया, कब हुआ ख़त्म  (MISA Law In Hindi, 1971, UPSC, MISA Act Repealed, Full Form, DMK, Drishti IAS, Punishment)

MISA Act In Hindi – स्वतंत्रता के बाद भारत ने पहली बार आपातकाल के रूप में घोर राजनीतिक संकट देखा था. ऐसा संकट, जिससे भारत की लोकतान्त्रिक व्यवस्था चरमरा गई थी. देश में हर ओर हाहाकार मचा था और सरकार जनता सहित विरोधी नेताओ और मीडिया के लोगो को चुनचुन कर जेल में डाला जा रहा था. आम नागरिको को परेशान किया जा रहा था, जो भी सरकार का विरोध करता उसे खुलेआम जेल में डाल दिया जाता. इससे पहले ऐसा आतंक भारत ने अंग्रेजी शासन के समय झेला था और आजादी के बाद जनता जब चैन की साँस ले रही थी और सोच रही थी कि अब उसे आराम से जीने का अवसर मिलेगा. तब कांग्रेस की इंदिरा सरकार ने देश में आतंक मचा रखा था. आपातकाल देश के लिए एक काला धब्बा के सामान है, लेकिन यह आपातकाल जिस कानून के दुरूपयोग के कारण भयानक रूप लिया था उस कानून का नाम था मीसा कानून.

आपने कई बार मीडिया के माध्यम से या फिर अन्य श्रोतों से मीसा कानून का नाम सुना होगा. क्या था मीसा कानून (MISA Law In Hindi), यह कब लगाया गया था?,  इस कानून के कारण देश ने क्या झेला? इसका अंत कब हुआ? इन्ही सब के बारें में हम आपको विस्तार से बताने वाले है.

misa kanoon kya hai

मीसा कानून क्या है? (MISA Act In Hindi)

मीसा (MISA Kanoon Kya Hai) एक ऐसा कानून था, जिसका प्रयोग इंदिरा गांधी ने मुख्य रूप से अपने विरोधियों को अपने रास्ते से हटाने के लिए किया था. इंदिरा गांधी ने इस कानून को देश हित के लिए नहीं लाया था बल्कि उसका उद्देश्य अपने विरोधियों को ठिकाने लगाना था, साथ ही देश में आतंक फैलाना था. यह स्वतंत्र भारत का अब तक का सबसे भयानक व अत्यंत क्रूर कानून था, जो केंद्र सरकार को पूर्णतः निरंकुश बनाता था. इसके अंतर्गत ऐसे ऐसे प्रावधान थे कि सरकार बिना वारंट के भी किसी को भी, कभी भी, कही से भी पकड़ कर जेल में डाल सकती थी.

इस कानून का कितना आतंक था इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि आजादी के बाद देश में सबसे अधिक उथल पुथल यदि आयी तो वो इसी कानून के कारण आयी. इसके आतंक को इसी बात से भी समझा जा सकता है कि जिसने भी उस आपातकाल को देखा था उसे आज भी वह भयानक दिन की याद करके डर लगता है. इतना ही नहीं कई राज्यों की राज्य सरकारे मीसा के तहत जेल गए लोगो को पेंशन देती है. यह पेंशन की राशि दस हजार से लेकर पच्चीस हजार तक प्रति महीने तक थी.

इस कानून के माध्यम से इंदिरा गांधी ने देश में रिरंकुश शासन की स्थापना की थी जिसकी निंदा आज तक भी हर ओर होती है और इसकी एक बड़ी कीमत कांग्रेस को आज तक चुकानी पड़ रही है क्योकि इसके माध्यम से देश में लोकतंत्र ख़त्म कर दिया गया था. इंदिरा गांधी जो चाहती थी वो कर रही थी. देशभर में त्राहिमाम मचा हुआ था और सरकार जनता पर अत्याचार पे अत्याचार किये जा रही थी.

इस कानून के तहत पकडे गए व्यक्ति की कानून से भी सहायता नहीं मिल पा रही थी और वे भेड़ बकरियों की भांति कैद किये जा रहे थे. आज जिन्हे हम वरिष्ठ नेता के रूप में याद करते है, उनमें कई नेता उन दिनों जेल में बंद कर दिए गए थे. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, जयप्रकाश नारायण, मोरारजी देशाई, अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद, चंद्रशेखर, जॉर्ज फर्नांडिस, लालू यादव, शरद यादव जैसे विरोधी नेताओ को इंदिरा गांधी ने जेल में बंद करवा दिया था.

मीसा का फुल फॉर्म क्या है (MISA Act Full Form In Hindi)

MISA का हिंदी में अर्थ है आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम और इंग्लिश में Maintenance of Internal Security Act.

मीसा कानून को कब लागु किया गया था?

आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम अर्थात मीसा (MISA) साल 1971 में पारित हुआ था. कहने को तो यह देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए बनाया गया था मगर बाद में चलकर जब इंदिरा गांधी ने साल 1975 में देश में आपातकाल लगा दिया था, तब इंदिरा गांधी ने इसी कानून में कई संसोधन करके इसे और भी निरंकुश बना दिया गया था.

मीसा की कुछ मुख्य बातें एवं उस समय की तत्काल की भयावह स्थिति की झलक

  • मीसा कानून साल 1971 में पारित हुआ था. लेकिन इसका विकृत उपयोग साल 1975 – 1976 में आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी ने किया था.
  • यह कानून इंदिरा गांधी ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए पारित किया था ताकि उसके विरुद्ध कोई विरोधी नेता, मीडिया, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्त्ता व जनता आवाज न उठा सकें.
  • मीसा और Defense of India Rules अर्थात डीआईआर के अंतर्गत देश भर में लाखो लोगो को जेल में पकड़कर डाल दिया गया.
  • आजादी के बाद देश में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर देशवासियों की गिरफ्तारी हुई थी जिनमें कई स्त्रियां भी शामिल थी जिन्हे इंदिरा गांधी की तानाशाही सरकार ने पकड़कर जेल में बंद कर दिया था.   
  • मीसा कानून के अंतर्गत कांग्रेस के विरोधियों को अनिश्चितकाल के लिए जेल में डाल दिया गया था.
  • पुलिस को प्रदर्शनकारियों को बिना किसी वारंट के गिरफ्तार करने, उसकी संपत्ति जप्त करने व उसके टेलीफोनिक वार्तालाप की गुप्त तरीके से रिकॉर्डिंग करने की खुली छूट दे दी गई थी.
  • मीसा कानून के अंतर्गत पुलिसिया शासन की स्थापन हो गई थी जिसके अंतर्गत न्यायपालिका के भी अधिकार छीन लिए गए थे. 
  • मीसा कानून के अंतर्गत पकडे गए लोगो को जेल में भी बुरी तरह से प्रताड़ित किया जा रहा था, उनकी संपत्ति जप्त कर ली गई थी.
  • इस दौरान अनेक मर्दो का जबरदस्ती पकड़ पकड़ कर नसबंदी कराया गया, सड़के चौड़ी करने के नाम पर झुग्गियों को तोडा गया और विरोध करने पर उसे जेल में डाल दिया गया.
  • आम जनता की आजादी के साथ साथ प्रेस की आजादी भी छीन ली गई थी.
  • राजनीतिक विरोधियों को कही से भी बिना किसी वारंट के ही उठाकर जेल में डाल दिया गया.
  • जनता के मौलिक अधिकार व अभिव्यक्ति की आजादी पूरी तरह से छीन लिए गए थे.
  • कांग्रेस और इंदिरा गांधी व संजय गाँधी के विरुद्ध कोई नहीं बोल सकता था.
  • प्रेस पर इंदिरा गांधी की सरकार का अधिकार हो गया था, जो भी प्रसारित किया जाना होता था पहले उसे सरकार के पास भेजकर स्वीकृति लेनी होती थी.
  • प्रसारण और प्रकाशन पर आने वाले कोई भी छोटी बड़ी सामग्री को पहले सरकारी अधिकारी के पास भेजकर स्वीकृति लेनी आवश्यक थी.
  • मुख्य बात यह थी की मीसा कानून बनने के बाद से अंत तक कभी इसका सदुपयोग हुआ ही नहीं बल्कि इंदिरा गांधी ने इसका प्रयोग अपने विरोधियों को अपने जेल में डालने और उसे भयानक तरीके से प्रताड़ित करने के लिए किया था.

कब हुआ खत्म मीसा

आपातकाल के बाद जब देश में साल 1977 में आम चुनाव हुआ तब इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कोंग्रस की जबर्दश्त हार हुई. रायबरेली से स्वयं इंदिरा गांधी अपनी सीट से हार गई. उधर संजय गाँधी भी अपनी सीट से हार गए. उसके बाद मोरारजी देसाई के नेतृत्व में देश में जनता पार्टी की सरकार बनी, जो देश की पहली गैर कांग्रेसी सरकार थी. साल 1977 में केंद्र में जनता पार्टी की सरकार आते ही सबसे पहले मीसा कानून को समाप्त कर दिया. इस प्रकार एक क्रूर कानून से देशवासियों को छुटकारा मिला.

लालू यादव की बेटी मीसा भारती का नाम इसी कानून के नाम पर पड़ा है?

मीसा कानून के अंतर्गत कई देश की अनगिनत जनता के साथ साथ कई नेता, सामाजिक कार्यकर्त्ता, पत्रकार भी जेल में डाल दिए थे, उनमे एक नाम बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव का भी है. लालू यादव को आपातकाल में जेल में डाल दिए गया था और वो लम्बे समय तक जेल में ही रहे थे. उन्ही दिनों उनकी बड़ी बेटी का जन्म हुआ और उन्होंने उसका नाम मीसा रख दिया गया.

निष्कर्ष – आज के इस लेख में हमने आपको बताया  मीसा कानून (MISA Law In Hindi) के बारें में. उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी. अगर आपका कोई सुझाव है तो कमेंट करके जरूर बताइए. अगर आपको लेख अच्छा लगा हो तो रेटिंग देकर हमें प्रोत्साहित करें.

FAQ

Q : मीसा एक्ट कब लागु हुआ?
Ans : साल 1971 में

Q : मीसा कानून किसने लागु करवाया?
Ans : तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने

Q : मीसा का फुल फॉर्म क्या है?
Ans : आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम

Q : मीसा एक्ट कब ख़त्म हुआ?
Ans : साल 1977 में

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