Dhanteras 2023, Date And Time, Puja Vidhi , Aarti In Hindi, Festival, Essay, Shubh Muhurat, Celebration, India Calendar, Rangoli, Wishes, Images, Pdf (धनतेरस कब है, सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, आरती, क्यों मनाया जाता है, क्या खरीदना चाहिए, धन्वंतरि जयंती, कथा)
Dhanteras 2023 in Hindi – दीपों का महापर्व दिवाली को हर धर्म और जाति के लोग बड़ी धूमधाम से सेलिब्रेट करते है. यह महापर्व सुख-समृद्धि और सौभाग्य लेकर आता है. दीपावली का पर्व कार्तिक अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक मास के शुक्लपक्ष तक मनाया जाता है. इस साल दिवाली 12 नवम्बर रविवार के दिन है. दीपावली का त्योहार पांच दिनों तक मनाया जाता है. इस त्योहार की शुरुआत धनतेरस (Diwali 2023 Dhanteras) से होती है. हिंदू धर्मो की मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन सोने और चांदी से बनी चीज़ें या फिर बर्तन खरीदते है. क्यों कि इस दिन वस्तुओं की खरीदारी करना शुभ माना जाता है. धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरी की पूजा की जाती है. इस दिन से लोग अपने घरों में लाइट लगाकर रोशन करते है.
आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे धनतेरस कब है (Dhanteras 2023 in Hindi), धनतेरस शुभ मुहूर्त, धनतेरस की पूजा विधि, धनतेरस क्यों मनाया जाता है, धनतेरस में क्या खरीदना शुभ होता है.
धनतेरस कब है (Dhanteras 2023 in Hindi)
हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल धनतेरस का पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है. साल 2023 में धनतेरस 10 नवम्बर की शाम 06:20 से शुरू होकर 10 नवम्बर को शाम 08:19 तक रहेगा. ऐसे में धनतेरस का महापर्व दिवाली से दो दिन पूर्व 10 नवम्बर (When Is Dhanteras 2023) को मनाया जाएगा. हालाँकि इस बार तिथियों के हेर फेर की वजह से जो लोग धनतेरस का उपवास रखते हैं वह 10 नवम्बर को ही रखें.
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धनतेरस 2023 का शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2023 Shubh Muhurat)
तिथि | दिनांक | समय | दिन |
कृष्ण पक्ष त्रयोदशी आरंभ | 10 नवम्बर 2023 | दोपहर 12:34 से | शुक्रवार |
कृष्ण पक्ष त्रयोदशी समाप्त | 11 नवम्बर 2023 | दोपहर 01:56 तक | शनिवार |
पूजन शुभ मुहूर्त | 10 नवम्बर 2023 | शाम 05:29 से 08:07 तक | शुक्रवार |
प्रदोष काल | 10 नवम्बर 2023 | शाम 5:29 से रात 8:07 तक | शुक्रवार |
वृषभ काल | 10 नवम्बर 2023 | शाम 6:58 से रात 8:54 तक | शुक्रवार |
किसकी पूजा होती है धनतेरस के दिन
धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरी की पूजा की जाती है. इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु ने भगवान धन्वंतरी के रूप में जन्म लिया था. इस दिन भगवान धन्वंतरी अपने हाथों में अमृत कलश को लेकर प्रकट हुए. इनके साथ-साथ माँ लक्ष्मी और कुबेर देवता की भी पूजा की जाती है. इसलिए इस दिन बर्तन को खरीदना शुभ (Dhanteras Celebration) माना जाता है.
भगवान धन्वंतरि कौन हैं?
भगवान धन्वंतरि, भगवान विष्णु जी के ही अवतार है. मान्यताओं के मुताबिक भगवान विष्णु जी ने कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धन्वंतरी के रूप में अवतार लेकर हाथों में अमृत कलश लेकर समुद्र से प्रकट हुए थे, देवताओं के वैद्य भगवान धन्वंतरि हैं. आरोग्य सुख के लिए भगवान धन्वंतरि की पूजा अर्चना की जाती है.
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धनतेरस में बर्तन क्यों खरीदे जाते हैं?
भगवान विष्णु जी के अवतार रूपी भगवान धन्वंतरि जब प्रकट हुए तब उनके हाथों में अमृत से भरा हुआ कलश था. इसलिए इस दिन कई सालों से बर्तन (About Dhanteras Festival) खरीदने की परम्परा चली आ रही है. इसके अलावा सोने और चांदी से बने आभूषण भी खरीदना शुभ माना जाता है. धनतेरस के दिन आप धातु से बना कोई भी समाना खरीद सकते हो.
भगवान धन्वंतरी की पूजा विधि (Dhanteras Puja Vidhi)
धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि की पूजा करने के लिए साफ जगह पर चौकी पर लाल कपडा बिछाकर भगवान धनवंतरि की फोटो स्थापित करें. जल का लोटा रखे. जल लेकर तीन बार अर्पित करें. भगवान धनवंतरि की फोटो पर जल छिड़ककर अक्षत और रोली से तिलक लगाए. और उन्हें वस्त्र अर्पित करें. हाथ जोड़कर सबसे पहले भगवान गणेश जी के मंत्रो का जाप करे और उन्हें प्रणाम करें. क्योंकि गणेश जी सर्वप्रथम पूजनीय हैं और किसी भी देवता की पूजा अर्चना करने से पहले भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है. इससे हमारे द्वारा की गई पूजा सफल हो जाती है. अब अपने हाथों में लाल फूल और अक्षत लेकर भगवान धनवंतरि का ध्यान करते हुए उन्हें अर्पित करे और”‘ओम श्री धनवंतरै नम:” मंत्रो का जप करें.
धन्वंतरि भगवान की आरती (Dhanvantari Aarti in Hindi)
ॐ जय धन्वंतरि देवा, ॐ जय धन्वंतरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा॥
ॐ जय धन्वंतरि देवा…………
तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट, आकर दूर किए॥
ॐ जय धन्वंतरि देवा…………
आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया॥
ॐ जय धन्वंतरि देवा…………
भुजा चार अति सुन्दर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी॥
ॐ जय धन्वंतरि देवा…………
तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे॥
ॐ जय धन्वंतरि देवा…………
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा
वैद्य-समाज तुम्हारे, चरणों का घेरा॥
ॐ जय धन्वंतरि देवा…………
धन्वंतरिजी की आरती, जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे॥
ॐ जय धन्वंतरि देवा…………
भगवान धन्वंतरि के मंत्र (Bhagwan Dhanvantari Mantra)
ॐ श्री धनवंतरै नम:
ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धनवंतराये:,
अमृतकलश हस्ताय सर्वभय विनाशाय सर्वरोगनिवारणाय,
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप,
श्री धन्वंतरि स्वरूप श्री श्री श्री अष्टचक्र नारायणाय नमः
ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः,
सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम,
कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम,
वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम.
निष्कर्ष– आज हमने आपको बताया धनतेरस कब है (Dhanteras 2023 in Hindi), धनतेरस शुभ मुहूर्त, धनतेरस की पूजा विधि, धनतेरस क्यों मनाया जाता है, धनतेरस में क्या खरीदना शुभ होता है. उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी.
FAQ
Q : धनतेरस का मुहूर्त कब है?
Ans : 10 नवम्बर को सुबह 6 बजकर 31 मिनट से दोपहर 2 बजकर 34 मिनट तक
Q : धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए?
Ans : सोने, चांदी से बने चीज़े और बर्तन
Q : धनतेरस पर हमें कितने दीये जलाने चाहिए?
Ans : 13 दीये
Q : धनतेरस के लिए कौन सी धातु शुभ है?
Ans : सोने और चांदी
Q : धनतेरस की पूजा का मुहूर्त कब है?
Ans : शाम 5:44 से 6:05 तक
Q : धनतेरस पर पैसा खर्च करना चाहिए?
Ans : खुद का पैसा खर्च करो.
Q : धनतेरस कब है?
Ans : 10 नवम्बर 2023 को
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