लक्ष्मी अग्रवाल की जीवनी (बायोग्राफी), एसिड अटैक स्टोरी, उम्र, फिल्म, परिवार, जाति, बेटी, पति, हस्बैंड, शादी, फिल्म, जन्मदिन, एसिड अटैक स्टोरी, फोटो, तस्वीर, छपाक फिल्म, सम्पति ( Laxmi Agarwal (Acid Attack Survivor) Biography In Hindi, Acid Attack Story, Birthday, Age, Film, Family, Cast, Husband, Daughter, Net worth, Marriage, Photo)
आज के समय में खुबसूरत होना किसे नही पसंद. खुबसूरत दिखने के लिए लोग क्या कुछ नही करते. लेकिन आज के इस लेख में हम आपको एक ऐसे शख़्सियत से रूबरू करवाने जा रहे है जो एक एसिड अटैक सरवाइवर है. इसके बावजूद भी भारत में एसिड अटैक की बढ़ती घटनाओं का विरोध करना और समाज में रहकर खुलकर अपनी बात रखना.
हम बात कर रहे है आपकी सबकी फेवरेट लक्ष्मी अग्रवाल की. लक्ष्मी अग्रवाल एक सोशल वर्कर, एक एसिड अटैक सरवाइवर है। तो आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम सबकी प्रेरणा लक्ष्मी अग्रवाल की जीवनी (Laxmi Agarwal (Acid Attack Survivor) Biography In Hindi) आपके सामने लेकर आये है। जिसे पढ़ कर आप भी मोटिवेटेड फील करे और अपने जीवन में अपने मकसद से कभी हटे नही। तो चलिए अब शुरू करते है।
लक्ष्मी अग्रवाल की जीवनी (Laxmi Agarwal Biography In Hindi)
नाम (Name) | लक्ष्मी अग्रवाल |
जन्म तारीख (Date of birth) | 1 जून 1990 |
लक्ष्मी अग्रवाल जन्मदिन (Laxmi Agarwal Birthday) | 1 जून |
जन्म स्थान (Place) | नई दिल्ली, भारत |
उम्र (Age) | 33 साल (साल 2023 में) |
धर्म (Religion) | हिन्दू |
जाति (Caste) | वैश्य |
व्यवसाय (Business) | सेलिब्रिटी, सामाजिक कार्यकर्ता |
Famous for (प्रसिद्धि) | एसिड अटैक सर्वाइवर |
शिक्षा (Educational Qualification) | 10वीं |
स्कूल (School) | सर्वोदय कन्या विद्यालय |
कॉलेज (College) | – |
नागरिकता (Nationality) | भारतीय |
राशि (Zodiac Sign) | मिथुन |
भाषा (Languages) | हिंदी, इंग्लिश |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | अविवाहित |
बॉयफ्रेंड (Boyfriend) | अलोक दीक्षित |
बेटी (Daughter ) | पीहू |
बायोपिक | छपाक (2020) |
लक्ष्मी अग्रवाल का जन्म और परिवार (Laxmi Agarwal Birth and Family)
लक्ष्मी अग्रवाल का जन्म का 1 जून 1990 को दिल्ली में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली में मौजूद सर्वोदय कन्या विद्यालय से की है। उनका परिवार एक मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखता था। लक्ष्मी के भाई और पिता की बीमारी के चलते मौत हो गई।
कब और कैसे हुआ लक्ष्मी अग्रवाल पर एसिड अटैक
लक्ष्मी अग्रवाल जब सिर्फ 15 साल की थी तब ही उनके ऊपर एसिड से अटैक हुआ था। उस समय लक्ष्मी सांतवी कक्षा में पढ़ती थी और इस छोटी सी उम्र में 32 वर्ष साल के व्यक्ति ने उनके ऊपर अटैक किया था वो नईम खान था. नईम खान लक्ष्मी को काफी पसंद करता था और लक्ष्मी से शादी भी करना चाहता था लेकिन लक्ष्मी ने उसे न कह दिया. लक्ष्मी के बना करने के बावजूद भी नईम खान उसका पीछा करता था जब लक्ष्मी स्कूल जाती तब नईम उसका इंतज़ार करता इतना ही नही नईम ने लक्ष्मी का 10 महीनों तक लगातार पीछा किया.
22 फरवरी 2005 के दिन तकरीबन 11 बजे लक्ष्मी दिल्ली के खान मार्किट की तरफ जा रही थी रास्ते में लक्ष्मी को नईम खान और उसके छोटे भाई की गर्लफ्रेंड दिखे. लक्ष्मी ने इन्हें देखकर रास्ता बदला लेकिन नईम खान ने लक्ष्मी का पीछा किया. नईम खान के छोटे भाई की गर्लफ्रेंड ने लक्ष्मी को धक्का देकर सड़क पर नीचे गिरा दिया और नईम खान ने मौका देखकर लक्ष्मी के उपर एसिड डाल दिया.
लक्ष्मी सड़क पर पड़ी रही तभी वह से गुजर रहे एक टैक्सी ड्राईवर लक्ष्मी की गंभीर हालत देखकर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवा दिया.
एसिड अटैक के घटना से जुड़ी कुछ बाते
लक्ष्मी अग्रवाल ने अपने इंटरव्यू में कई बार बताया है कि जब एसिड अटैक से डॉक्टर उनकी आंखों को सिल रहे थे तब वह होश में थी और उन्हे पता चल रहा था कि आस पास क्या हो रहा है परंतु लक्ष्मी को यह नहीं समझ में आ रहा था कि उनके साथ यह सब हो ही क्यों रहा है? लक्ष्मी ने काफ़ी बार बताया है की जब वो हॉस्पिटल में 2 महीने से भी ज्यादा रहने के बाद वह घर लौटी तो उनके घर वालो ने घर में मौजूद सभी आईने हटा दिए थे। लेकिन लक्ष्मी के घरवाले उनसे जितना उनकी सचाईं छुपाने की कोशिश कर रहे थे लक्ष्मी ने कई ना कई से अपने चेहरे को आईने में देख ही लिया था। लक्ष्मी अग्रवाल बताती है कि वो खुद अपने चेहरे को आईने में देखते ही काफी डर गई थी और इतना ही नहीं वो अपना चहेरा देख कर काफी दिनों तक खूब रोई थी और उन्हें इसका काफी ज्यादा दुख हुआ था। लक्ष्मी अग्रवाल इंटरव्यू में आगे बताती हैं, कि उन्होंने उसी समय अपने मन में ठान लिया कि उनके जिंदगी में अब जीने का कोई मकसद नहीं रह गया है। लक्ष्मी अपने आपको खत्म कर लेना चाहती थी। लेकिन जब उन्होंने अपने माता-पिता के बारे में सोचा तो उन्होंने अपने मन के अंदर से आत्महत्या का विचार त्याग दिया और उन्होंने बताया कि उस समय जीवन जीना उनके लिए इतना आसान बिल्कुल भी नही था।
लक्ष्मी अग्रवाल बताती हैं, कि जब भी वो कहीं बाहर या फिर अपने घर के छत पर टहलने निकलती थी तो बहुत से लोग उनके चेहरे को देखकर अपने मुंह को फेर लेते थे और ऐसे देखते थे जैसे पता नही उन्होंने कितनी डरावनी चीज को देख ली है।
लक्ष्मी अग्रवाल बताती है कि बहुत से लोगों ने उनको और उनके माता पिता जो यह भी सलाह दे दी थी कि लक्ष्मी अपने चेहरे को हमेशा ढक कर रखा करे नहीं तो लक्ष्मी का चेहरा देख कर आस पास के रहने वाले छोटे बच्चे डर जाते है। उन्होंने अपने इंटरव्यू में यह भी बताया कि उन्हें इस एसिड अटैक के बाद दुनिया में एक बार नहीं बल्कि अनेकों बार अपमान का सामना करना पड़ा। और वो कहती है कि आज वो उन सभी लोगो को शुक्रिया कहना चाहती है जिन्होंने उन्हे किसी ना किसी किसी तरह से अपमानित किया। लक्ष्मी अग्रवाल बताती हैं, कि जब लोगों के द्वारा वो काफी अपमानित होने लगी एवं उन्हे लोग घृणा से देखने लगे तो उनके अंदर एक ऐसी बात जाग गई कि अब दुनिया को तो कुछ करके दिखाना ही पड़ेगा अन्यथा यह लोग मुझे जीवन भर अपमानित करते रहेंगे। उसी दिन से लक्ष्मी ने ठान लिया था कि वो अपना नाम खुद के दम पर लोगों को याद दिलाना चाहती है।
लक्ष्मी का मानना है कि इस निर्दय दुनिया में सम्मान से जीने का हक हर किसी के पास है और इसी बात को सोचकर उन्होंने अपने अंदर से खुद को खत्म करने का इरादा छोड़ दिया था और फिर यह निश्चय किया कि वो अपने जीवन में प्रगति पाने के लिए पूरी तरह से कोशिश करेंगी।
लक्ष्मी अग्रवाल ही कहती हैं, कि वो अब उन सबसे एक बार तो जरूर मिलना पसंद करेंगी जिन्होंने उनके शरीर को तो झुलसा दिया था लेकिन उनके सपने एवं जीवन में उजाले का दीप जला कर चल दिए।
एसिड अटैक के बाद लक्ष्मी अग्रवाल का जीवन
लक्ष्मी अग्रवाल इस अटैक के कुछ ही दिन बाद हिम्मत के साथ खड़ी हुई और उन्होंने अपने मन में ठान लिया कि जो उनके साथ हुआ वो अब किसी और लड़की के साथ ना हो। जिसके लिए उन्होंने पहले एक रिपोर्ट तैयार की जिसके बाद उस पर 27000 लोगो के साइन लिए और उसके बाद उन्होंने कोर्ट में एसिड अटैक को रोकने और एसिड का घरेलू इस्तेमाल के विरुद्ध एक पीआईएल कोर्ट में दर्ज की। जिसमे उन्होंने वो केस खुद लड़ा और इस केश को जीतने में लक्ष्मी को कुल 8 साल लग गए। उन्होंने कोर्ट में अपनी पीआईएल साल 2006 में दर्ज की थी और उन्हे कोर्ट से उनके हक में जवाब साल 2013 में जाकर मिला। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी उनके जीवन का केवल ही लक्ष्य था कि जिस वजह से उनका चेहरा खराब हुआ ऐसा किसी और के साथ ना हो।
उनके हक में जवाब आते हुए कोर्ट ने कुछ नियम भी बनाए एसिड के बिक्री और खरीदारी पर। नए कानून के अनुसार कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम है ना ही वो एसिड खरीद सकता है और ना ही एसिड बेच सकता है। एसिड को खरीदने के लिए अब उनके पास एक पहचान पत्र की फोटोकॉपी होनी चाहिए। लेकिन उनका मानना यह है कि अभी भी बहुत कुछ नहीं बदलना है अभी भी एसिड खुले आम कोई भी खरीद और बेच सकता है।
लक्ष्मी अग्रवाल का करियर
लक्ष्मी अग्रवाल उस एसिड अटैक के बाद सबसे पहले उन्होंने एक अभियान चलाया जिसका नाम था स्टॉप एसिड अटैक। इस अभियान का सबसे मुख्य चहेरा लक्ष्मी अग्रवाल खुद ही थी। इस अभियान के द्वारा वो देश में मौजूद और भी सभी एसिड अटैक सरवाइवर का चेहरा बन पाई। लक्ष्मी अग्रवाल दुनिया भर में एसिड अटैक के लिए आवाज बन कर उठी।
एसिड की बिक्री को रोकने के लिए उन्होंने कई पीआईएल को कोर्ट में दिया जिसके पक्ष में कोर्ट ने देश भर में नई कानून बनाए। इस कार्य को करने के लिए उन्हे देश भर में सम्मानित किया गया। उन्होंने ना सिर्फ देश भर में सम्मानित किया गया बल्कि विदेशी मीडिया और लोगो ने भी उनकी स्टोरीज को काफी मोटिवेटेड बताया और उन्हे कई बार बड़े बड़े यूनिवर्सिटी में लोगो को मोटिवेट करने के भी बुलाया गया।
उसके बाद उन्होंने कुछ टीवी शोज पर एक होस्ट के रूप में भी काम किया जो लोगो के लिए काफ़ी आश्चर्य की बात थी लेकिन उन्होंने यह करके लोगो को यह भी दिखा दिया कि अगर आप कुछ करना चाहती है तो आपके सामने कोई भी पत्थर आए आप उसे तोड़ ही देंगे।
साल 2014 से उन्होंने एक अभियान की शुरुवात की है जिसका नाम स्टॉप सेल एसिड रखा। इस समय लक्ष्मी अग्रवाल इसी अभियान के लिए काम कर रही है।
लक्ष्मी अग्रवाल पर्सनल लाइफ
लक्ष्मी अग्रवाल की पर्सनल लाइफ कि बात करे तो अभी तक आधिकारिक तौर पर शादी शुदा नही है लेकिन लक्ष्मी अग्रवाल एक सामाजिक कार्यकर्ता आलोक दीक्षित के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहती है। और उन्होंने यह बात किसी से छुपाई नहीं है। आलोक ने दिए अपने इंटरव्यू में बताया था कि वो और लक्ष्मी रहते बिल्कुल पति पत्नी की तरह ही है पर उन्होंने बस शादी नहीं की है। उनका मानना था कि हम दोनो के घर वाले हम दोनों के प्यार को समझते है लेकिन हमारा समाज जो है वो दुल्हन को हमेशा सुंदर लड़की के रूप में ही देखना चाहता है। इसलिए हम समाज को चुनौती देते हुए शादी नहीं करेंगे और लिव इन रिलेशनशिप में ही रहेंगे। उन दोनो के रिलेशन से उनकी एक बेटी भी है जिसका नाम पिहू है।
लक्ष्मी अग्रवाल पर बनीं फिल्म
आप लोगो को तो पता ही होगा कि लक्ष्मी अग्रवाल पर बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में एक मूवी भी बनी है जिसका नाम था छपाक। यह मूवी 10 जनवरी 2020 में रिलीज हुई थी।यह मूवी मुख्य तौर पर लक्ष्मी अग्रवाल पर हुए एसिड अटैक और उसके बाद कैसे उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की कैसे उस कानून को लाने के लिए मेहनत की। और कैसे उनकी प्रेम कहानी परवान चढ़ा सब चीजों को मूवी में दिखाया गया है। मूवी में लक्ष्मी अग्रवाल का रोल दीपिका पादुकोण द्वारा निभाया गया है साथ ही साथ उनके ब्वॉयफ्रेंड का रोल विक्रांत मैसी द्वारा निभाया गया है। यह मूवी ने बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छा पैसा कमाया। साथ ही साथ लक्ष्मी अग्रवाल की कहानी पूरे भारत के सामने भी लेकर आए।
निष्कर्ष – तो दोस्तों आज के इस लेख में हमने आपको लक्ष्मी अग्रवाल की जीवनी (Laxmi Agarwal (Acid Attack Survivor) Biography In Hindi) के बारे में बताया. उम्मीद करते है आपको पंसद आया होगा.
यह भी पढ़े
- जितेंद्र कुमार का जीवन परिचय
- शैलेश लोढ़ा का जीवन परिचय
- कपिल शर्मा का जीवन परिचय
- नूपुर शर्मा का जीवन परिचय
- चंद्रशेखर गुरुजी का जीवन परिचय
- रतन टाटा का जीवन परिचय
- लता मंगेशकर जीवन परिचय
- हरनाज़ कौर जीवन परिचय
- दिलीप जोशी का जीवन परिचय
- राजू श्रीवास्तव का जीवन परिचय
- आशा पारेख का जीवन परिचय