समान नागरिक संहिता क्या है, यूनिफॉर्म सिविल कोड, फायदे और नुकसान, किस राज्य में लागू है, गुण और दोष, निबंध, पक्ष और विपक्ष, बहस (Uniform Civil Code In Hindi pdf, Meaning, Means, Essay, Pros And Cons, Upsc, Article, India)
Uniform Civil Code In Hindi – देश में सभी लोगो के लिए समान कानून की मांग लम्बे समय से उठती रही है. यह मांग न केवल जनता बल्कि कई बार कोर्ट भी सरकार से यह मांग कर चुका है. दिल्ली उच्च न्यायालय भी अपनी टिप्पणी में कह चुका है कि आर्टिकल 44 में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) की जो आशा जतायी गयी थी, अब उसे केवल उम्मीद ही नहीं बल्कि उसे वास्तविकता में बदल देना चाहिए, लेकिन अब प्रश्न है कि समान नागरिक संहिता है क्या? देश के अदालतों को कई मुद्दों पर निर्णय लेने में इस कानून के नहीं होने से किस तरह की समस्याओ का सामना करना पड़ता है!
आज के इस आर्टिकल में हम आपको समान नागरिक संहिता क्या है, (Uniform Civil Code In Hindi) इसके लाभ और फायदे के बारें में पूरी जानकरी देने वाले है.
क्या है समान नागरिक संहिता (What Is Uniform Civil Code In Hindi)
समान नागरिक संहिता (uniform civil code upsc) एक ऐसी व्यवस्था है जिसके अंतर्गत देश अथवा राज्य के सभी वर्गों, धर्मो व क्षेत्रों के लोगो के लिए अलग अलग कानून न होकर एक ही कानून होगा. इस प्रकार समान नागरिक संहिता पुरे देश के लिए एक कानून सुनिश्चित करेगा जो उनके सभी धार्मिक, पारिवारिक और व्यक्तिगत मामलो जैसे संपत्ति, विवाह, विरासत और गोद लेने आदि में लागू होगा. इस कानून के लागू हो जाने के बाद हिन्दू विवाह अधिनियम (1955), हिन्दू उत्तराधिकारी अधिनियम (1956) के साथ ही मुस्लिम पर्सनल लॉ (1937) जैसे धर्म पर आधारित वर्तमान कानून समाप्त हो जायेगे. इस कानून (uniform civil code in India) के लागू होने से धर्म व पंत के आधार पर अलग कोर्ट या फिर कोई अलग व्यवस्था नहीं होगी और देश के सभी लोगो पर समान कानून लागू होंगे.
संविधान का अनुच्छेद 44 क्या है? (Article 44 in Hindi)
भारत का संविधान सभी नागरिको के समान अधिकारों (uniform civil code article 44) का पक्षधर है. संविधान के अनुच्छेद 44 में भी इसका जिक्र मिलता है. आर्टिकल 44 को 23 नवंबर, 1948 को संविधान में जोड़ा गया था. संविधान के अनुच्छेद 44 के अनुसार, ‘राज्य भारत के समूचे क्षेत्रो में सभी नागरिको के लिए एक समान नागरिक संहिता (uniform civil code article) को सुरक्षित करने का प्रयास करेगा अर्थात संविधान सरकार को सभी नागरिको को उन मामलो पर एक साथ लाने का निर्देश देगा जो वर्तमान में उसके व्यक्तिगत कानूनों का हिस्सा है हालांकि यह राज्य की नीति का एक निर्देशक तत्वों में शामिल है लेकिन इसके साथ ही इस अनुच्छेद से यह भी प्रतीत होता है कि यह विषय देश के राज्यों का विषय न होकर समूचे देश का विषय है क्योंकि इसमें देश के सभी नागरिको की बात कही गई न कि देश के कोई राज्य विशेष की.
समान नागरिक संहिता के (फायदे) पक्ष में तर्क (Uniform Civil Code Pros And Cons In Hindi)
- इस कानून के बनने से देश और समाज को सैकड़ो जटिल कानूनों से मुक्ति मिलेगी.
- वर्तमान समय में जो कानून है वह अंग्रेजी शासन के दौर में बनाये गए है और यह सभी भारतीय के मन में हीन भावना पैदा करने वाला है इसलिए नए कानून के द्वारा अंग्रेजों के बनाये कानूनों से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जायेगा.
- एक पति – एक पत्नी का नियम सभी भारतीयों पर लागू होगी और इससे धार्मिक आधार पर एक वर्ग को मिली छूट बंद हो जाएगी.
- न्यायालय के द्वारा विवाह सम्बन्ध विच्छेद अर्थात तलाक के लिए एक सर्वमान्य नियम निश्चित हो जाएगा. जबकि वर्तमान समय में तीन तलाक के कानून पारित होने के बाद भी मुस्लिम पुरुष अपने बेगम को मौखिक तलाक करने की कई बार देखी गई है, यह कानून मुस्लिम पुरुषो के इस प्रवृति पर स्थायी विराम लगा देगा.
- सभी नागरिको के लिए समान कानून होने से देश की एकता में और अधिक वृद्धि होगी.
- जब देश में एकता और शांति होगी तो देश का विकास भी होगा.
- इससे मुस्लिम स्त्रियों को लाभ होगा, मुस्लिम स्त्रियों का ससक्तिकरण होगा.
- राष्ट्रीय स्तर पर देश भर में समान कानून बन जाने से अदालतों को अपने निर्णय लेने में आसानी होगी और न्याय प्रक्रिया अधिक तेज होगी.
- वसीयत, दान या गोद जैसे मामलो में समान कानून होने से कई विसंगतियों से मुक्ति मिलेगी.
- पैतृक संपत्ति में पुत्र – पुत्री और बेटा – बहू को समान अधिकार प्राप्त होगा और संपत्ति पर आधारित कई सामाजिक विसंगतियां समाप्त होगी.
- विवाह विच्छेद (तलाक) के बाद मिलनेवाली अर्जित संपत्ति में पति पत्नी को समान अधिकार होगा.
समान नागरिक संहिता के विपक्ष (नुकसान) में तर्क (Uniform Civil Code Disadvantages In Hindi)
- इसके विरोध में सबसे बड़ा तर्क यह दिया जाता है कि इससे धार्मिक स्वतंत्रता में कमी आएगी हालाँकि यह तर्क कुछ मुस्लिम की ओर से ही दिया जाता है.
- यह कानून मुस्लिमों में होने वाले बहुविवाह और तीन तलाक जैसे भयानक सामाजिक कुरीतियों पर स्थायी रोक लगा देगा, इस कारण से कुछ मुस्लिम इसका विरोध करते है जबकि मौखिक तीन तलाक पर देश में पहले से ही बैन लग चुका है, बावजूद इसके ऐसे मामले दिख जाते है.
- इस कानून का विरोध कुछ मुस्लिम और कुछ सरकार विरोधी राजनीतिक पार्टियां ही करती है जबकि इस कानून की मांग लम्बे समय से उठती रही है.
भारत को समान नागरिक संहिता की आवश्यकता क्यों है? (Why India needs a Uniform civil Code)
- भारत में हिन्दू के लिए अलग और मुसलमानों के लिए अलग कानून है मुसलमानों को कानून में एक पति को चार स्त्रियों से विवाह की छूट मिली हुई है, जबकि अन्य धर्मो में यह अवैध है. यहाँ तक की कट्टर मुस्लिम देश तुर्की और पाकिस्तान में भी इस पर बैन है जबकि भारत में मुस्लिमों को कानून की ओर से छूट दी गई है. परिणामतः इससे जनसंख्या का अनुपात असंतुलित हुआ है.
- हिन्दुओ में लड़कियों के विवाह की आयु निश्चित है जबकि मुस्लिमो में यह अस्पष्ट है मुस्लिमों में लड़कियों के 13 वर्ष में भी विवाह होता रहा है कम आयु में विवाह होने से से मुस्लिम स्त्रियां कुपोषण का शिकार हो जाती है. इतना ही नहीं कम आयु में विवाह होने से उनकी संताने भी अधिक होती है जो देश व समाज दोनों के लिए हानिकारक है.
- तीन तलाक पर रोक लगने के बाद भी मुस्लिम पुरुष तलाक-ए-हसन और तलाक-ए-अहसन उनमे जायज है क्योकि इसमें तलाक का आधार बताने की भी आवश्यकता नहीं है. केवल तीन महीने इंतज़ार करना होता है जबकि दूसरे किसी अन्य धर्मो में यह दूर-दूर तक नहीं है.
- मुस्लिम कानून में मौखिक वसीयत और दान भी मान्य है जबकि हिन्दू सहित अन्य किसी धर्मो में ऐसा बिलकुल भी नहीं है.
- मुस्लिम कानून में उत्तराधिकारी की व्यवस्था बहुत ही जटिल है. पैतृक संपत्ति में बेटा और बेटी के बीच बहुत अधिक भेदभाव है.
- मुस्लिमों में गोद लेने की परम्परा नहीं है जबकि शेष अन्य धर्मो में यह एक सामान्य बात है, इतिहास में भी राजा महाराजा गोद लेते रहे है.
निष्कर्ष :– तो आज के इस लेख में आपने जाना समान नागरिक संहिता क्या है, (Uniform Civil Code In Hindi) इसके लाभ और फायदे के बारे में. उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी. अगर आपका कोई सुझाव है तो कमेंट करके जरूर बताइए. अगर आपको लेख अच्छा लगा हो तो रेटिंग देकर हमें प्रोत्साहित करें.
FAQ
Q : समान नागरिक संहिता का मतलब क्या होता है?
Ans : देश में रहने वाला हर नागरिक, चाहे वह किसी भी धर्म और जाति का हो, उन सभी के लिए समान कानून होना चाहिए.
Q : समान नागरिक संहिता से क्या लाभ है?
Ans : मुसलमान 1 से ज्यादा शादियां करना बंद कर देंगे और उन्हें तलाक लेने के लिए कोर्ट के चक्कर भी लगाने पड़ेंगे, विवाह, तलाक, दहेज, उत्तराधिकार के मामलों में सभी धर्मो का एक ही कानून, मुस्लिममहिलाओं की स्थिति में सुधार और न्यायपालिका में दबे केस जल्द सुलझेंगे.
Q : क्या बीजेपी लाएगी समान नागरिक संहिता?
Ans : बीजेपी 2024 के आम चुनाव से पहले समान नागरिक संहिता पर कोई बड़ा फैसला कर सकती है.
Q : क्या भारत में समान नागरिक संहिता लागू है?
Ans : पुरे देश में नही सिर्फ गोवा में लागू है.
Q : भारत में किन राज्यों में समान नागरिक संहिता है?
Ans : गोवा में
Q : समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य
Ans : गोवा
Q : समान नागरिक संहिता किस राज्य ने शुरू की?
Ans : गोवा
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