सरदार वल्लभ भाई पटेल का जीवन परिचय, पुण्यतिथि, निबंध, मूर्ति, किताबें, के बारे में (Sardar Vallabhbhai Patel Biography In Hindi, History, Quotes, Death Anniversary)
आजादी के पहले की बात करे तो उस समय में ना तो कोई प्रधानमंत्री होता था और ना ही कोई राष्ट्रपति, बल्कि उस समय वजूद था राजाओं और महाराजाओं का, जो कि अपने राज्य के लिए अपने हिसाब से कानून बनाते और उस पर शासन करके अपना राज्य चलाते थे और यही वजह थी कि आजादी के बाद पूरे 562 राजा अपनी सियासत को एक अलग देश घोषित करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन भारत को उसके 562 टुकड़े होने से बचाने के लिए किसी को श्रेय जाता है तो वो प्रतिभाशाली नेता और लौह पुरुष के नाम से प्रसिद्ध सरदार वल्लभभाई पटेल को।
तो आज के इस लेख में हम आपको सरदार वल्लभ भाई पटेल का जीवन परिचय (Sardar Vallabhbhai Patel Biography In Hindi) के बारे में पूरी जानकरी देने वाले है.
सरदार वल्लभ भाई पटेल का जीवन परिचय (Sardar Vallabhbhai Patel Biography In Hindi)
नाम (Name) | सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) |
पूरा नाम (Full Name) | वल्लभभाई झावेरभाई पटेल |
जन्म तारीख (Date Of Birth) | 31 अक्टूबर 1875 |
जन्म स्थान (Place) | नडियाद, बॉम्बे, ब्रिटिश भारत |
उम्र (Age) | 75 वर्ष (मृत्यु के समय ) |
मृत्यु की तारीख (Date of Death) | 15 दिसंबर 1950 |
मृत्यु स्थान (Place of Death) | मुंबई |
मृत्यु का कारण (Cause Of Death) | दिल का दौरा |
धर्म (Religion) | हिन्दू |
जाति (Cast) | कुर्मी |
व्यवसाय (Business) | राजनीतिज्ञ, बैरिस्टर |
राजनीतिक दल (Political Party) | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
शिक्षा (Educational Qualification) | कानून की डिग्री |
नागरिकता (Nationality) | भारतीय |
राशि (Zodiac Sign) | मकर |
भाषा (Languages) | हिंदी, इंग्लिश |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | विवाहित |
पुरस्कार (Awards) | भारत रत्न (1991) मरणोपरांत |
मूर्ती (Statue) | स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, गुजरात |
पिता का नाम (Sardar Vallabhbhai Patel Father Name) | झावर भाई |
माता का नाम (Sardar Vallabhbhai Patel Mother Name) | लाड़ बाई |
पत्नी का नाम (Sardar Vallabhbhai Patel Wife Name) | झवेरबाई |
भाइयों का नाम (Sardar Vallabhbhai Patel Brother Name) | सोम भाई, बिट्ठल भाई, नरसीभाई |
बहन का नाम (Sardar Vallabhbhai Patel Sister Name) | दहिबा |
बेटा का नाम (Sardar Vallabhbhai Patel Son Name) | दह्याभाई |
बेटी का नाम (Sardar Vallabhbhai Patel Son Name) | मणिबेन |
पोते का नाम (Sardar Vallabhbhai Patel Grandchildren) | गौतम पटेल, बिपिन पटेल |
सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म एवं प्रारंभिक जीवन (Sardar Vallabhbhai Patel Birth & Early Life )
गुजरात के नाडियाड में 31 अक्टूबर 1875 को साधारण से एक कृषक परिवार में सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म हुआ था, उनके पिता का नाम झवेरभाई पटेल और माता का नाम लाड़ बाई पटेल था. वल्लभ भाई पटेल बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में तेज और दूरदर्शी थे. वल्लभ भाई पटेल की शुरुआती पढ़ाई गांव से ही पूरी की लेकिन उनके घर वाले उन्हे गैर जिम्मेदार लड़का मानते थे और ताना सुनाते थे. वल्लभ भाई पटेल ने खुद से वादा किया कि मैं बड़ा आदमी बनकर दिखाऊंगा इसलिए नौकरी करके कुछ पैसे कमाने लगे और इंग्लैंड में जाकर वकालत की पढाई की, इसी बीच उनकी आर्थिक स्थिति काफी ख़राब थी उनके पास किताब खरीदने तक के पैसे भी नहीं थे, वल्लभ भाई पटेल अपने दोस्तों की किताबो से पढाई किया करते थे. उनके माता पिता ने उनकी शादी झावेरबा से करवा दी जिनसे दो बच्चे थे, एक बेटा दह्याभाई और एक बेटी मणिबेन. वल्लभ भाई इतने ज्यादा बुद्धिमान थे कि इंग्लैंड में उन्होंने 36 महीने की पढाई 30 महीने में पूरी की और अपने कॉलेज में अवल आकर नाम रोशन किया. इसके बाद वापस अपने देश भारत लौट आये और अहमदाबाद (गुजरात) में बेरिस्टर के रूप में काम करने लगे.
सरदार वल्लभ भाई पटेल का स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी
खेड़ा सत्याग्रह आन्दोलन – सरदार वल्लभ भाई पटेल का पहला और बड़ा योगदान खेडा संघर्ष था। उस समय गुजरात का खेड़ा अनेक महामारी से दुखी था, तब महात्मा गाँधी जी ने वल्लभ भाई से कहा कि वो खुद खेड़ा के सभी किसानों के साथ अंग्रेजों के खिलाफ सचाई की आवाज उठाये और किसानों ने ब्रिटिश सरकार से भारी कर में छूट की मांग की। जब ब्रिटिश सरकार ने किसानों की मांग को नहीं माना और तब ब्रिटिश सरकार ने कर वसूलना काम नहीं किया। तब वल्लभ भाई पटेल ने पूरी तरीके से किसान का समर्थन किया और इस जंग में पूरा सहयोग किया, जंग की आग इतनी ज्यादा थी कि ब्रिटिश सरकार को किसानों के आगे झुकना पड़ा और भारी करों में छूट दी गयी। और यह सरदार वल्लभभाई पटेल की पहली सफलता थी।
बारडोली सत्याग्रह – 1928 में गुजरात के बारडोली में सत्याग्रह हुआ जिसका नेतृत्व सरदार वल्लभभाई पटेल ने किया. यह सत्याग्रह किसानों द्वारा अंग्रेजो के खिलाफ था. 1928 में ब्रिटिश सरकार ने किसानों के कर (Tax) में 30% तक की बढ़ोतरी कर दी थी। किसानों के साथ मिलकर वल्लभ भाई पटेल ने अतिरिक्त कर वसूली का जमकर विरोध किया. सरकार ने भी इस सत्याग्रह कुचलने का कठोर कदम उठाए लेकिन वल्लभ भाई पीछे हटने वालों में से कहा थे, अंतत: किसान भाइयो की मांगो को मानना पड़ा और सरकार को झुकना पड़ा. और इस बारडोली सत्याग्रह आन्दोलन के बाद से पुरे देश में वल्लभभाई पटेल को सरदार पटेल से ख्याति मिलने लगी.
राजनीतिक जीवन
सरदार पटेल गुजरात के सबसे लोकप्रियता नेता थे उनके विचार ब्रिटिश अफसर के विचार से अलग अलग थे। इसलिए राजनीति से दिलचस नही थी लेकिन उसी साल एक मीटिंग में उनकी मुलाकत महात्मा गाँधी जी से हुई और गाँधी जी से प्रभावित होकर आजादी के लड़ाई में शामिल हुए और 1920 में इंडियन नेशनल कांग्रेस में उन्हें गुजरात का सेक्रेटरी बना दिया गया और 1945 तक इसी पद पर बने रहे. सरदार पटेल को 1922, 1924 और 1927 में नगर पालिका अहमदाबाद में अध्यक्ष बनाया. 1931 में इनको भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष पद कार्य भार सोपा. 1947 में आजादी के बाद सरदार पटेल को देश का पहला गृहमंत्री और उपप्रधानमंत्री चुना गया।
हिंदुस्तान का एकीकरण
इंग्लैंड से स्वदेश लौटने के बाद सूट बूट पहने वाले वल्लभ भाई पटेल देसी कपड़े पहने लगे और सभी साथ मिलकर 1947 भारत को आजादी दिलाई और लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 562 अलग अलग देसी रियासतें को एक हिंदुस्तान बनाया, 562 अलग राजाओं को एक साथ लाना जो की बहुत मुश्किल काम था। सरदार वल्लभभाई पटेल ने आजादी से ठीक पहले ही वीपी मेनन के साथ मिलकर बहुत राज्यों को समझा कर भारत में मिलाने के लिये काम शुरू कर दिया। तीन राज्यों को छोडकर सभी राजा ने अपनी इच्छा से भारत के एकीकरण का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। केवल जम्मू एवं कश्मीर, जूनागढ तथा हैदराबाद राज्य के राजाओं ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। जूनागढ के राजा का बहुत विरोध आम जनता के द्वारा हुआ तो वह जूनागढ़ छोड़कर पाकिस्तान चला गया और जूनागढ की रियासत भी भारत में विलय हो गया। जब हैदराबाद के राजा ने भारत में मिलने का प्रस्ताव को ठुकरा दिया तो सरदार वल्लभभाई पटेल जी ने सेना भेजकर निजाम को आत्मसमर्पण करा लिया। लेकिन नेहरू ने कश्मीर को यह कहकर अपने पास रख लिया कि यह समस्या एक अन्तराष्ट्रीय समस्या है।
सरदार बल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय सम्मान एवं पुरस्कार (Sardar Vallabhbhai Patel Awards)
- सरदार पटेल के सम्मान में भारत का दूसरा सबसे बड़ा बांध सरदार सरोवर बांध गुजरात में बनाया गया.
- 1991 में इन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया और गुजरात के अहमदाबाद का हवाई अड्डे का नाम सरदार. वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा रखा गया.
- सरदार पटेल के सम्मान में से कई शैक्षणिक संस्था हैं.
- अहमदाबाद में उनके नाम पर सरदार वल्लभभाई पटेल स्टेडियम भी बनाया गया है.
- 2013 में सरदार पटेल के जन्मदिवस के मौके पर इनके सम्मान में स्टेच्यु ऑफ़ यूनिटी शिलान्यास किया था, जो गुजरात के भरूच के पास नर्मदा जिले में स्थित हैं.
- सरदार पटेल के मजबूत इरादों की वजह से लौह पुरुष कहा जाने लगा और साथ ही हर काम में आगे रहने के कारण उन्हे सरदार की उपाधि पहले ही मिल गई थी।
- भारत सरकार ने 31 अक्टूबर 2014 को उनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाए , इसकी घोषणा की थी।
सरदार पटेल की की मृत्यु (Sardar Vallabhbhai Patel Death Anniversary)
1948 में सरदार पटेल की गाँधी जी के साथ एक मीटिंग थी लेकिन पटेल किसी कारणवश वहां नहीं पहुंच पाए और नाथूराम गोडसे द्वारा गाँधी जी की हत्या कर दी गयी। इस मौत से सरदार पटेल को गहरा सदमा लगा और 15 दिसम्बर 1950 को महाराष्ट्र के बिरला हाउस में हार्ट अटैक आने की वजह से इस दुनिया को अलविदा कर गये.
सरदार वल्लभभाई पटेल पर कविता (Sardar Vallabhbhai Patel Poem)
लोह पुरुष की ऐसी छवि
ना देखी, ना सोची कभी
आवाज में सिंह सी दहाड़ थी
ह्रदय में कोमलता की पुकार थी
एकता का स्वरूप जो इसने रचा
देश का मानचित्र पल भर में बदला
गरीबो का सरदार था वो
दुश्मनों के लिए लोहा था वो
आंधी की तरह बहता गया
ज्वालामुखी सा धधकता गया
बनकर गाँधी का अहिंसा का शस्त्र
महकता गया विश्व में जैसे कोई ब्रहास्त्र
इतिहास के गलियारे खोजते हैं जिसे
ऐसे सरदार पटेल अब ना मिलते पुरे विश्व में
सरदार वल्लभभाई पटेल पर कविता
वह सरदार पटेल चाहिये,
जो किसानो के हक की बात करें,
इनके दुःख-दर्द मिटाने के लिए लड़े,
जिसकी ईमानदारी और विनम्रता की बातें सब करें.
वह सरदार पटेल चाहिए,
जो अपनी आखों को क्रोध से लाल करें,
अन्याय के खिलाफ़ मजबूत हाथों से लड़े,
जिसकी आवाज से दुश्मन भी काप उठे.
वह सरदार पटेल चाहिए,
जो भारत को एकता का पाठ पढाये,
हर मजहबों को गले मिलने का सबक सिखाये,
जो हर वक्त सच के साथ खड़ा रहकर दिखाये.
वह सरदार पटेल चाहिए,
जो देश के लिए कुर्बान हो,
जिसका हृदय विशाल हो,
आने वाली पीढ़ियों के लिए मिशाल हो
सरदार वल्लभ भाई पटेल के अनमोल विचार और नारे
“इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है।”
“काम करने में तो मजा ही तब आता है, जब उसमे मुसीबत होती है मुसीबत में काम करना बहादुरों का काम है मर्दों का काम है कायर तो मुसीबतों से डरते हैं लेकिन हम कायर नहीं हैं, हमें मुसीबतों से डरना नहीं चाहिये।”
“मनुष्य को ठंडा रहना चाहिए, क्रोध नहीं करना चाहिए। लोहा भले ही गर्म हो जाए, हथौड़े को तो ठंडा ही रहना चाहिए अन्यथा वह स्वयं अपना हत्था जला डालेगा। कोई भी राज्य प्रजा पर कितना ही गर्म क्यों न हो जाये, अंत में तो उसे ठंडा होना ही पड़ेगा।”
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of unity)
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की याद में गुजरात के नर्मदा जिले के सरोवर बांध के निकट दुनिया की सबसे ऊँची मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को बनवाया।
प्रतिमा का नाम (Name ) | स्टैच्यू ऑफ यूनिटी |
शिलान्यास कब हुआ | 31 अक्टूबर 2013 |
ऊंचाई (Height) | 208 मीटर (682 फीट) |
लम्बाई (Length) | 182 मीटर (597 फीट) |
कहाँ स्थित | साधू बेट नामक स्थान गुजरात |
लागत (Budget) | 3 हज़ार करोड़ (US$438 मिलियन) |
उद्घाटन कब हुआ | 31 अक्टूबर 2018 |
निष्कर्ष :- आज के इस आर्टिकल में आपने जाना भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल का जीवन परिचय (Sardar Vallabhbhai Patel Biography In Hindi) के बारे में. उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी.
FAQ
Q : सरदार पटेल की जयंती कब है?
Ans : 31 अक्टूबर 1875
Q : सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म कहां हुआ था?
Ans : नडियाद
Q : सरदार वल्लभ भाई पटेल की मृत्यु कब हुई?
Ans :15 दिसंबर 1950
Q : सरदार वल्लभ भाई पटेल कौन सी जाती है?
Ans : कुर्मी
Q : सरदार पटेल का पूरा नाम क्या है?
Ans : वल्लभभाई झावेरभाई पटेल
Q : सरदार वल्लभ भाई पटेल को क्या कहा जाता है?
Ans : लौह पुरूष
Q : सरदार वल्लभ भाई पटेल को सरदार की उपाधि कब मिली?
Ans : 1990
Q : सरदार पटेल पुण्यतिथि कब है?
Ans : 15 दिसंबर
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