रूस और यूक्रेन का विवाद क्या है, (Russia Ukraine War in Hindi, News, live update)
रूस और यूक्रेन का विवाद क्या है, (Russia Ukraine War in Hindi)
रूस और यूक्रेन के बीच पहले तनाव और फिर बाद में लगातार स्थिति बिगड़ते बिगड़ते युद्ध भी शुरू हो गए। स्थिति चिंताजनक है। यह विश्व के साथ साथ भारत के लिए भी अच्छा नहीं है क्योकि भारत विश्व का एक जिम्मेदार देश है और कही न कही भारत अपनी सुरक्षा उपकरणों को लेकर रूस पर निर्भर भी है। ऐसी स्थिति में भारत बहुत सोच समझ कर कोई निर्णय ले रहा है। भारत, रूस और यूक्रेन के बीच किसी भी विवाद के निपटारे के लिए हमेशा से बातचीत का रास्ता अपनाने पर जोर देता रहा है। जबकि अमरीका और यूरोपीय देशो के उकसावे के कारण यूक्रेन भ्रम में डूबा रहा और उसे लगा कि उसे नाटो और अमरीका का पूरा पूरा साथ मिल जाएगा मगर जब स्थिति बिगड़ी तो वे सभी मिलकर रूस के विरूद्ध केवल प्रतिबन्ध की झड़ी लगाने से ज्यादा अब तक कुछ नहीं कर पाए हैं। प्रथम विश्व युद्ध के कारण
रूस और यूक्रेन के बीच का सम्बन्ध (Russia-Ukraine Relations)
हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का यह कहना कि यूक्रेन और रूस के नागरिक एक ही हैं और यूक्रेन को रूस से अलग नहीं रखा जा सकता। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के सम्बन्ध में ऐसा इसलिए कहा क्योंकि वर्तमान यूक्रेन एक समय सोवियत संघ का एक भाग हुआ करता था। यूक्रेन 1991 तक सोवियत संघ का एक हिस्सा था। लेकिन सोवियत संघ के विधटन के बाद यह एक स्वतंत्र देश बन गया। जबकि यूक्रेन के इतिहास पर एक दृष्टि डाले तो यूक्रेन 19वीं सदी से पहले तक एक स्वतंत्र देश हुआ करता था लेकिन आपसी फूट, अराजकता व कमजोर शासन के कारण यूक्रेन रूसी साम्राज्य के अधीन होता चला गया और द्वितीय विश्व युद्ध तक तो पूरा यूक्रेन रूसी साम्राज्य का एक हिस्सा बन कर रह गया। लेकिन 1991 में सोवियत संघ के विधटन के बाद यूक्रेन ने अपनी स्वतंत्रता प्राप्त कर ली और इस तरह से वहां के लोगो ने फिर से अपने अतीत के गौरव को प्राप्त कर लिया।
यूक्रेन की समस्या के पीछे रूस की भूमिका
वर्तमान में यूक्रेन की समस्या के पीछे सोवियत संघ की ही भूमिका रही हैं। रूस का ध्यान हमेशा से यूक्रेन पर रहा हैं। रूस ने ही यूक्रेन में अलगाववाद की नींव रखी। उसने यूक्रेन के लोगो में विभाजनकारी बीज बोए। 1917 की कम्युनिस्ट क्रांति के बाद यूक्रेन उन देशो में शामिल था जहाँ गृहयुद्ध की अग्नि जल रही थी। जब यह 1922 सोवियत संघ में शामिल हुआ तब रूस ने वहां सामाजिक स्तर पर बहुत बदलाव किये। रूसी अन्याय का विरोध करते हुए यूक्रेन के लाखो नागरिक भूख से मारे गए। रूस ने वहां के वहां जनसंख्या के अनुपात में भी बदलाव लाया। लाखो रूसी नागरिको को यूक्रेन में बसाया गया जिसके बाद तो वहां की आबादी का अनुपात ही बदल गया। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का जीवन परिचय
यूक्रेन का पूर्वी हिस्सा, पश्चिम हिस्से से पहले ही रूसी साम्राज्य के अधीन आ गया था। यहाँ रूसी बोलने वाले लोग भी अधिक हैं और उनके सम्बन्ध भी रूस से अच्छे हैं। इसका एक कारण वहां की आबादी कही न कही रूस से ही जुडी हुई हैं। इस कारण वहां की अधिकांश आबादी रूस का समर्थक रहा हैं। जबकि उसके विपरीत पश्चिम भाग की आबादी यूक्रेन की भाषा बोलने वाली हैं और उनका सम्बन्ध रूस से अच्छा नहीं हैं।
किसी भी देश को स्वतंत्र रहने के लिए राष्ट्रवाद व देश के प्रति अपनापन सबसे बड़ा अस्त्र – शस्त्र होता हैं। जबकि यूक्रेन में इसका अभाव रहा हैं। स्वतंत्र होने के बाद भी यूक्रेन के पूर्वी भाग में राष्ट्रवाद की नींव कमजोर रही हैं। वहां के लोग रूस को पसंद करते हैं और उनकी भाषा भी रूसी हैं। देश में भी अराजकता की स्थिति लगातार बनी रही। इस प्रकार यूक्रेन के एक बड़े हिस्से में जहां एक ओर राष्ट्रवाद की कमी रही तो दूसरी ओर कमजोर शासन रहा। जिसका सीधा-सीधा लाभ रूस को होता चला गया और आज स्थिति यह आ गई कि यूक्रेन शक्तिशाली रूस के सामने पूरी तरह से असहाय हो गया जबकि समूचा विश्व देखता रह गया।
रूस और यूक्रेन की सैन्य ताकत (Russia Ukraine Military Comparison)
सेना की ताकत | रूस | यूक्रेन |
सैनिक | 2900000 | 1100000 |
एयरक्राफ्ट | 4173 | 318 |
फाइटर जेट | 772 | 69 |
टैंक | 12,420 | 2596 |
हमलावर हेलीकॉप्टर | 544 | 34 |
तोप | 7571 | 2040 |
आर्मर्ड व्हीकल | 30122 | 12303 |
रूस और यूक्रेन के बीच वर्तमान में उत्पन्न विवाद के पीछे के कारण
- यूक्रेन की सीमा पश्चिम में यूरोप और पूर्व में रूस से सटी हुई हैं।
- 1991 तक यूक्रेन पूर्व के सोवियत संघ का एक भाग था।
- दोनों देशो के बीच ताजा विवाद यूक्रेन के राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच के समय में आरम्भ हुआ जिनको रूस का समर्थन प्राप्त था।
- उस समय के तात्कालिक राष्ट्रपति को देश में हो रहे विरोध का सामना करना पड़ा और अंत में उन्हें देश छोड़कर भागना पड़ा था।
- यूक्रेन के उस समय के तात्कालिक राष्ट्रपति को यूरोप और अमरीका के विरोध का भी सामना करना पड़ा था।
- इस घटना के बाद रूस की नाराजगी बहुत बढ़ गई थी और उसने क्रीमिया पर धावा बोल दिया। रूस ने क्रीमिया को अपने अधिकार में ले लिया। रूस ने वहां पनप रहे अलगाववादियों को पूर्ण सहयोग किया। परिणाम यह हुआ कि इन अलगाववादियों ने रूस के सहयोग से पूर्वी यूक्रेन के एक बड़े भूभाग पर अधिकार कर लिया।
- उसके बाद से रूस के दम पर फल फूल रहे अलगाववादियों और यूक्रेन की सेना के बीच कई बार संघर्ष हुए।
- इन घटनाओ के बाद रूस और यूक्रेन में लगातार टकराव की स्थिति बनी रही। पश्चिमी देशो और अमरीका ने यूक्रेन का साथ दिया और उनके बीच शांति कायम करने की कोशिश की।
- ताजा घटनाक्रम में रूस इसलिए भी अधिक नाराज हो गया क्योंकि यूक्रेन अमरीका समर्थित नाटो से निकटतम सम्बन्ध रखने लगा।
- नाटो अर्थात ‘ उत्तर अटलांटिक संधि संघटन’ का गठन तात्कालिक सोवियत संघ रूस से सामना करने के लिए ही बनाया गया था और इस कारण रूस को नाटो से चिढ़ हैं। नाटो में अमरीका के साथ साथ अन्य तीस अन्य देश शामिल हैं।
- नाटो के चार्ट में एक नियम हैं कि यदि कोई देश नाटो के सदस्य देशो पर आक्रमण करता हैं तो सदस्य देशो को मिलकर उसकी सहायता करनी होगी।
- रूस नाटो के विस्तार के विरोध में रहा हैं। रूस नहीं चाहता हैं कि यूक्रेन का नाटो से कोई सम्बन्ध हो।
- अंत में, रूस नाटो की चिंता छोड़कर यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया। लेकिन आक्रमण के बाद नाटो के सदस्य देश यूक्रेन की सहायता में आगे नहीं आये।
- यूक्रेन पर आक्रमण के बाद अमरीका और यूरोपीय देश रूस पर केवल प्रतिबन्ध लगाने के और ज्यादा कुछ नहीं कर पाए। परिणाम यह हुआ कि यूक्रेन अकेला पड़ गया और वो शक्तिशाली रूस के सामने असहाय सा हो गया।
निष्कर्ष – हाल ही के दिनों में रूस और यूक्रेन के विवाद को लेकर दोनों के बीच युद्ध छिड़ा हुआ है, कई बेगुनहा लोग मारे जा रहे है या फिर अपना घर छोड़ कर जाना पड़ रहा है. ये युद्ध रुकने का नाम ही नही ले रहा. चारो और तबाही का नज़ारा देखने को मिल रहा है. कही पर तीसरे विश्व युद्ध का खतरा तो नही.
FAQ
Q : रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण क्यों किया?
Ans : रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण इसलिए किया क्यों कि रूस नही चाहता कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बने. और हाल ही में यूक्रेन नाटो के नज़दीक आना शुरू कर दिया था और ये बात रूस को बिलकुल भी अच्छी नही लगी. और रूस ने किसी की परवाह किये बगैर यूक्रेन पर धावा बोल दिया.
Q : रूस ने क्रिमिया पर अटैक कब किया ?
Ans : साल 2014
Q : नाटो (NATO) क्या है?
Ans : इसका फुल फॉर्म है उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (North Atlantic Treaty Organization) यानि नाटो (NATO) जब ये बना था तो अमेरिका, ब्रिटेन समेत 12 सदस्य थे लेकिन वर्तमान में 30 सदस्य है.
Q : क्या भारत नाटो का सदस्य है?
Ans : नही
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