ब्रिक्स सम्मेलन क्या है | BRICS Full Form In Hindi

Rate this post

ब्रिक्स सम्मेलन क्या है, मुख्यालय, ब्रिक्स फुल फॉर्म, ब्रिक्स मीनिंग इन हिंदी, सम्मेलन, देशों के नाम, कार्य, अध्यक्ष, स्थापना (BRICS Full Form In Hindi, Brics Summit, Brics Ki Sthapna, Headquarters, News, Members, Established, Countries, Purpose)

BRICS Full Form In Hindi – ब्रिक्स विश्व के पांच बड़े अर्थव्यवस्था वाले देशो का एक समूह है. ब्रिक्स नाम इन देशो के नाम के पहले अंग्रेजी लेटर के मेल से बना है. इन देशो में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका है. इस समूह की बैठक प्रत्येक वर्ष होती है, जिसकी अध्यक्षता अलग अलग देशो को दी जाती रही है. इस बैठक में राष्ट्राध्यक्षक भाग लेते है, जैसे भारत की ओर से प्रधानमंत्री मोदी तो रूस की ओर से ब्लादिमीर पुतिन.

2023 में साउथ अफ्रीका में हुए सम्मेलन के बाद  ब्रिक्स में 6 नये देश (new members of brics) शामिल हो गये है लेकिन यह शामिल 1 जनवरी 2024 से होंगे अब  ब्रिक्स के देशों की लिस्ट में 11 देश (new member of brics) हो गये है. 

आज के इस आर्टिकल में हम आपको ब्रिक्स सम्मेलन क्या है (BRICS Full Form In Hindi), ब्रिक्स की फुल फॉर्म क्या है, ब्रिक्स का मुख्यालय कहां है, ब्रिक्स की स्थापना कब हुई, कितने देश शामिल है और इनके कार्य और अध्यक्ष के बारें में पूरी जानकारी देने वाले है.  

BRICS Full Form In Hindi

ब्रिक्स सम्मेलन 2023 (BRICS Summit 2023)

सम्मेलन (BRICS Summit 2023) ब्रिक्स सम्मेलन 2023
ब्रिक्स का फुल फॉर्म (BRICS Full Form) Brazil, Russia, India, China, South Africa
उद्देश्य (BRICS Purpose) राजनीतिक और आर्थिक कार्य
सदस्य देश (BRICS Countries) ब्राजील, रूस, भारत, चीन , दक्षिण अफ्रीका, अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात
मुख्यालय (BRICS Headquarters) शंघाई
स्थापित (BRICS Established) 16 जून 2009

 

ब्रिक्स की स्थापना कब हुई (When Was BRICS Established In Hindi)

BRIC की स्थापना जून 2006 (Brics Ki Sthapna) में हुई थी लेकिन उस समय इसमें केवल चार देश ही शामिल थे. उस समय इसमें साऊथ अफ्रीका शामिल नहीं था. इसलिए इसका नाम उस समय BRIC था लेकिन में 2010 इसमें साऊथ अफ्रीका भी शामिल हो गया. साऊथ अफ्रीका (brics new member) के शामिल होने के बाद इस समूह का नाम BRIC से BRICS हो गया. ब्रिक्स का मुख्यालय (brics headquarters) चीन के सबसे बड़े व्यवसायिक शहर शंघाई में स्थित है.

ब्रिक्स के सम्बन्ध में सबसे बड़ी महत्वपूर्ण बात यह है कि ब्रिक्स नाटो की तरह कोई अंतर्राष्ट्रीय संगठन नहीं है और न ही यह किसी संधि के तहत बनाई गई है. यह एक स्वैच्छिक समूह है जो आर्थिक हितो के उद्देश्य से बनाई गई है. इसकी अध्यक्षता B-R-I-C-S देशो के क्रम के आधार पर राष्ट्राध्यक्षों के द्वारा प्रतिवर्ष आयोजन किये जाते है. BRIC का पहला शिखर सम्मेलन साल 2009 में रूस में हुआ था.   

भविष्य में ब्रिक्स (BRICS in the future)

ब्रिक्स में भारत, चीन, रूस जैसे देशो के शामिल होने से यह समूह एक बड़े आबादी व क्षेत्रफल का नेतृत्व करता है. वर्तमान में ब्रिक्स देशो के अंतर्गत आने वाले देशो की कुल आबादी लगभग 43% है जबकि ब्रिक्स देशो के विश्व के सकल घरेलु उत्पात (जीडीपी) में योगदान 31.5% है, जो विश्व के विकसित देशो के समूह जी-7 के योगदान 30% से अधिक है. लेकिन आने वाले समय में इसके सदस्य देशो की संख्या में वृद्धि हो सकती है. बताया जा रहा है कि ब्रिक्स में 30 विकासशील देशो ने जुड़ने की इच्छा जाहिर की है, उनमें 22 देशो ने औपचारिक रूप से आवेदन भी दिया. इनमें ईरान, यूएई, अर्जेंटीना, मिस्र, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, बांग्लादेश आदि देश शामिल है. इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि इस समूह का भविष्य उज्ज्वल है.

ब्रिक्स के कार्य और उद्देश्य (BRICS Objectives And Functions In Hindi)

ब्रिक्स का मुख्य उद्देश्य विश्व व्यापार में विकासशील देशो की भागीदारी सुनिश्चित करना है, उन्हें विकसित देशो के द्वारा उत्पन्न किये गए व्यापारिक प्रतिस्पर्द्धा से बचाना है. इस तरह से यह एक समूह विकासशील देशो का एक ऐसा गठबंधन है, जिसका उद्देश्य मूल रूप से सदस्य देशो के साथ साथ अन्य विकासशील देशो के आर्थिक हितो की रक्षा करना है. इसके लिए व्यापार, सदस्य देशो के मुद्रा से विनिमय करना आदि कई बाते शामिल है, ताकि विश्व पटल पर अमरीका के डॉलर का दबदबा से छुटकारा पाया जा सकें. यदि उद्देश्य की सफलता की बात करें तो यह अपने उद्देश्य में कुछ हद तक सफल होता दिख भी रहा है. लेकिन फिर भी इसमें अभी बहुत बाधाएं है क्योकि ब्रिक्स के प्रमुख उद्देश्यों में एक प्रमुख उद्देश्य ब्रिक्स का अपना स्वयं के मुद्रा को प्रचलन में लाना है. मगर भारत चीन के बीच के रिश्ते और अन्य कई पहलुओं के कारण यह मामला फिलहाल अभी ठंडा है. बावजूद इसके, यह अपने अन्य कई उद्देश्यों में सफल होता अवश्य दिख रहा है. यह अपने मूल उद्देश्य, ‘जो सदस्य देशो के बीच शांति, विकास और सहयोग को बढ़ावा देने के वादे पर टिका है’ के सिद्धांत को आगे बढ़ा रहा है.

ब्रिक्स की स्थापना का उद्देश्य क्या है (What is the purpose of establishing BRICS?)

साल 1990 से पहले तक अमरीका (USA) और सोवियत संघ रूस (USSA) में शीत युद्ध चला लेकिन सोवियत संघ के विघटन के बाद यह शीत युद्ध समाप्त हो गया और विश्व में अमरीका ही एकमात्र महाशक्ति बचा. अब अमरीका को  विश्व में कोई दूसरा देश टक्कर देने वाला नहीं बचा. इसी व्यवस्था के विरुद्ध ब्रिटेन के अर्थशास्त्री जिम ओ’नील (jim o neill brics) ने कहा था कि अमेरिका को रोकने के लिए समान अर्थव्यवस्था वाले देश होने चाहिए क्योकि ऐसा नहीं होने से आर्थिक अस्थिरता को बढ़ावा मिल सकता है. बताया जाता है, बाद में इसी विचारधारा को ध्यान में रखकर ब्रिक्स की नींव रखी गई. इसमें वैसे ही देश शामिल किये गए, जो बड़े भू भाग, बड़ी आबादी और बड़ी अर्थव्यस्था का नेतृत्व करते है.

ब्रिक्स और भारत का रिश्ता (India and BRICS Relations)

भारत ब्रिक्स का तीन बार अध्यक्षता कर चुका है. कोविड के कारण 2021 में भारत वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से सभा का नेतृत्व किया था. इतना ही नहीं भारत इस समूह का सबसे प्रमुख सदस्य देश है. भारत एक बड़ी आबादी, बड़े क्षेत्रफल और बड़े अर्थव्यवस्था वाला देश है. इसलिए भारत के बिना यह समूह अधूरा है. दूसरी ओर भारत के लिए भी यह समूह काफी उपयोगी है. इसके कई कारण है. भारत एक उभरती हुई अर्थव्यस्था है. इसलिए उसे बड़े पैमाने पर विकास कार्य के लिए ऋण की आवश्यकता होगी. ब्रिक्स के द्वारा विकसित न्यू डेवलपमेंट बैंक से भारत को सहयोग मिल सकता है. इसके साथ ही भारत को रूपये को डॉलर के विकल्प में भी सदस्य देशो के बीच विनिमय का माध्यम बना सकता है. इन सब से अलग हटकर यदि बात करें, तो भारत लम्बे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, विश्व बैंक आईएमएफ जैसे कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओ में सुधार के लिए आवाज उठा रहा है. तो इस परिपेक्ष्य में भारत को ब्रिक्स के रूप में एक विकल्प मिल सकता है, जहाँ उसकी भूमिका एक महत्वपूर्ण सदस्य के रूप है और जहाँ उसकी बात सुनी जाती है.

इसके साथ ही ब्रिक्स वो मंच है जहाँ भारत, रूस एवं चीन एक साथ है और भारत इससे रूस को चीन के अधिक पास आने में रोक सकता है. इसलिए यह समूह भारत के लिए आर्थिक, राजनीतिक और कूटनीतिक रूप से अति महत्वपूर्ण है. तभी तो दक्षिण अफ्रीका में होने वाले 2023 के सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भाग ले चुके है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस समूह को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया है.

2023 में होने वाले ब्रिक्स की बैठक (BRICS Summit 2023 In Hindi)

कोविड की समाप्ति के बाद पहली बार यह बैठक राष्ट्राध्यक्षको के प्रत्यक्ष रूप से मिलने के लिए दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग (brics 2023 host country) में 23 से 24 अगस्त को हुई है. यह ब्रिक्स का 15वां सम्मेलन (15th brics summit 2023) होगा, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी भी भाग लेंगे. हालांकि रूसी राष्ट्रपति पुतिन इस बार भी सम्मेनल में प्रत्यक्ष भाग नहीं लिया.

ब्रिक्स में हुए 6 नए देश शामिल (6 New Countries in BRICS In Hindi)

ब्रिक्स का 15वां सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 23 और 24 अगस्त 2023 को आयोजित किया गया था. अब तक इसमें 5 देश शामिल थे लेकिन इस बैठक के बाद  ब्रिक्स देशों के समूह में 6 देश (new brics members) और जुड़ने वाले है. इनमे  मिस्र, अर्जेंटीना, इथियोपिया, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात  और सऊदी अरब देश शामिल हुए है.  लेकिन यह नये 6 देश 1 जनवरी, 2024 से ब्रिक्स (brics new members 2023) का हिस्सा होंगे.

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन सूची  (BRICS Summit List)

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन वर्ष होस्ट कंट्री
1 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2009 रूस
2 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2010 ब्राज़िल
3 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2011 चीन
4 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2012 भारत
5 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2013 दक्षिण अफ्रीका
6 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2014 ब्राज़िल
7 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2015 रूस
8 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2016 भारत
9 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2017 चीन
10 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2018 दक्षिण अफ्रीका
11 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2019 ब्राज़िल
12 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2020 रूस
13 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2021 भारत
14 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2022 चीन
15 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2023 दक्षिण अफ्रीका

निष्कर्ष :- तो आज के इस लेख में आपने जाना ब्रिक्स सम्मेलन क्या है (BRICS Full Form In Hindi), ब्रिक्स की फुल फॉर्म क्या है, ब्रिक्स का मुख्यालय कहां है, ब्रिक्स की स्थापना कब हुई, कितने देश शामिल है और इनके कार्य और अध्यक्ष  के बारे में. उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आयी होगी. उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी. अगर आपका कोई सुझाव है तो कमेंट करके जरूर बताइए. अगर आपको लेख अच्छा लगा हो तो रेटिंग देकर हमें प्रोत्साहित करें.

FAQ

Q : ब्रिक्स सम्मेलन 2023 कहां होगा
Ans : दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में

Q : ब्रिक्स 2023 की मेजबानी कौन करेगा?
Ans : दक्षिण अफ्रीका

Q : 15 ब्रिक्स सम्मेलन कहां होगा
Ans : दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में

Q : ब्रिक्स का मुख्यालय कहाँ है?
Ans : चीन के शंघाई में

Q : ब्रिक्स में शामिल होने वाला आखिरी देश कौन सा है?
Ans : दक्षिण अफ्रीका

Q : ब्रिक्स देशों की संख्या कितनी है?
Ans : ब्राजील, रूस, भारत, चीन , दक्षिण अफ्रीका, अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात

Q : ब्रिक्स देश में कौन कौन से देश आते हैं?
Ans : ब्राजील, रूस, भारत, चीन , दक्षिण अफ्रीका, अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात

Q : अब तक कितने ब्रिक्स सम्मेलन हो चुके हैं?
Ans : 14 ब्रिक्स सम्मेलन

यह भी पढ़े

Previous articleहरियाली तीज लेटेस्ट डिजाइन मेहंदी,  Hariyali Teej Mehndi Design 2023
Next articleआखिर क्यों होती है रोलेक्स की घड़ियां इतनी महंगी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here