विधानसभा क्या है? शक्तियाँ एवं कार्य, संगठन, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, निबन्ध, अधिकार (Vidhan Sabha Kya Hai, Essay on Legislative Assembly in Hindi)
आज के इस आर्टिकल में हम आपको विधानसभा क्या है? शक्तियाँ एवं कार्य (Vidhan Sabha Kya Hai) के बारें में पूरी जानकारी बताने वाले है.
विधान सभा क्या है ? (Vidhan Sabha Kya Hai)
संसद की तरह राज्य में भी विधानमंडल का गठन किया गया है। संसदीय लोकतान्त्रिक व्यवस्था की स्थापना केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर किया गया है। राज्यों के स्तर पर विधानमंडल एक-सदनीय और द्वि-सदनीय हो सकती है। किसी राज्य में एक सदन तो किसी में दो सदन है। इन सदनों को क्रमशः विधान परिषद् और विधान सभा कहा जाता है। सामान्य बोलचाल की भाषा में विधान परिषद् को उच्च सदन और विधान सभा को निम्न सदन के उपनाम से जाना जाता है पर संविधान में ऐसा कोई वर्गीकरण नहीं किया गया है। व्यवहार में विधान सभा ही अधिक शक्तिशाली होती है और यह लोकप्रिय भी होती है क्योंकि इनके सदस्य आम जनता के द्वारा व उनके बीच के चुने हुए प्रतिनिधि होते है। विधान सभा की शक्ति का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि इसके बिना राज्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। जबकि भारत के अधिकांश राज्यों में विधान परिषद् नहीं है। वहां के सदन एक-सदनीय है अर्थात वहां केवल विधान सभा ही है। वास्तव में, संसद को यह अधिकार दिया गया कि वो किसी राज्य के विधान परिषद् को भंग कर सकता है अथवा जिस राज्य में विधान परिषद् नहीं है वहां विधान परिषद् की स्थापना कर सकता है ।
संविधान के द्वारा किसी राज्य की विधानसभा के अधिकतम और न्यूनतम सदस्यों की संख्या निर्धारित कर दी गई है। संविधान में राज्य के विधान सभा के लिए सदस्य की अधिकतम संख्या 500 और न्यूनतम संख्या 60 तक हो सकती है। हालांकि भारत में ऐसे कुछ राज्य भी है जहाँ विधान सभा की न्यूनतम संख्या 60 से भी कम है। गोवा, मिज़ोरम, सिक्किम, पांडिचेरी भारत के ऐसे ही राज्य है जहाँ, विधानसभा में सदस्यों की संख्या 60 से भी कम है।
राज्य के भौगोलिक आधार पर उनके अलग अलग निर्वाचन क्षेत्र का विभाजन किया गया है। उस निर्वाचन क्षेत्र को उस राज्य का विधान सभा क्षेत्र कहा जाता है और वहां से चुने हुए प्रतिनिधि वहां के विधायक कहलाते है। किसी क्षेत्र को विधान सभा कहलाने के लिए आवश्यक है कि वहां की आबादी कम से कम 75 हजार हो।
विधानसभा का कार्यकाल (Term of the Assembly)
संविधान के अनुच्छेद 172 के आधार पर प्रत्येक राज्य में विधान सभा की अवधि 5 वर्ष निर्धारित की गई है। लेकिन मुख्यमंत्री के सलाह पर राज्यपाल अवधि पूर्ण होने से पहले भी विधान सभा को कभी भी भंग कर सकता है। इसके अलावा राज्य सरकार के विरुद्ध पारित अविश्वास प्रस्ताव के बाद भी विधान सभा समय से पूर्व भंग की जा सकती है। इसके साथ ही राज्यपाल की अनुशंसा पर राष्ट्रपति अनुच्छेद 356 के अंतर्गत भी राज्य की विधानसभा को कभी भी भंग कर सकता है। विधान सभा भंग होते ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाता है। परन्तु कुछ विशेष परिस्थिति में अथवा अनुच्छेद 352 के अंतर्गत राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति में संसद किसी राज्य की विधान सभा का कार्यकाल एक बार में छः महीने के लिए बढ़ा भी सकती है।
विधान सभा के सदस्यों की योग्यता
- उसे भारत का नागरिक होना चाहिए ।
- उसकी आयु 25 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए ।
- उसे केंद्र सरकार या राज्य सरकार के किसी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए।
- सरकार द्वारा कोई लाभ न मिला हो।
- दिवालिया या पागल न हो ।
विधान सभा के सदस्यों का निर्वाचन और कार्यकाल
विधान सभा के सदस्यों का निर्वाचन केंद्रीय चुनाव आयोग के द्वारा प्रत्यक्ष विधि से होता है। इसमें वहां के संबंधित वयस्क मतदाता मतदान करके अपनी प्रत्याशी को चुनते है। सबसे अधिक मत प्राप्त करने वाले प्रत्याक्षी को विजयी घोषित किया जाता है और वे वहां के विधायक चुने जाते है। विधान सभा के सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष निर्धारित किया गया है।
विधान सभा के कार्य और अधिकार
विधायी शक्तियां (Legislative Powers)
- राज्य की समस्त विधायी शक्तियां विधान सभा में केंद्रित होती है। राज्य की साधारण विधेयक विधान परिषद् और विधान सभा दोनों सदनों में पेश किया जाता है मगर धन विधेयक केवल विधान सभा में ही पेश किया जाता है। द्वि-सदनीय प्रणालियों वाले राज्यों में विधान सभा से धन विधेयक के पास हो जाने के बाद उसे विधान परिषद् के पास भेजा जाता है। विधान परिषद् इसे अधिकतम 14 दिनों के लिए ही रोककर रख सकता है।
- विधान सभा (विधानमंडल) राज्य सूची में वर्णित विषयों पर कानून बनाने के लिए सक्षम है। इसके अलावा समवर्ती सूची में वर्णित विषयों पर भी कानून बना सकती है।
कार्यपालिका संबंधी शक्तियां (Executive Powers)
राज्य के प्रशासन पर विधान सभा का पूर्ण नियंत्रण होता है। राज्य की विधि व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने की जिम्मेदारी विधान सभा के पास ही होती है। मुख्यमंत्री और राज्य के मत्रिपरिषद सामूहिक रूप से विधान सभा के प्रति जिम्मेदार होते है। विधान सभा के सदस्य विभिन्न तरीके से सरकार पर नियंत्रण रखते है। विधान सभा के सदस्य को सरकार से प्रश्न अथवा पूरक प्रश्न पूछने का अधिकार है। विधान सभा के सदस्य सरकार के कार्यो की आलोचना कर सकते है और आवश्यकता पड़ने पर विधान सभा में सरकार के विरुद्ध अविश्वास का प्रस्ताव भी ला सकते है। अविश्वास प्रस्ताव के पारित होते ही सरकार को त्यागपत्र देना होता है। सरकार के विरुद्ध अविश्वास का प्रस्ताव केवल विधान सभा में ही लाया जा सकता है।
वित्तीय शक्तियां (Financial Powers)
राज्य की वित्तीय शक्तियों पर विधान सभा का ही पूर्ण नियंत्रण होता है। धन विधेयक केवल विधान सभा में ही पेश किये जाते है। इसके अलावा राज्य का वार्षिक बजट भी विधान सभा में ही पेश किये जाते है। विधान सभा की स्वीकृति के बिना सरकार न तो कोई कर लगा सकती है और न ही धन खर्च कर सकती है।
इस प्रकार राज्य में विधान सभा शासन की बागडोर पर नियंत्रण रखती है। जिन राज्यों में विधानमंडल एक-सदनीय है वहां विधानमंडल की सारी शक्तियों का प्रयोग विधान सभा ही करती है साथ ही जिन राज्यों में विधानमंडल द्वि-सदनीय है वहां भी विधान सभा अधिक शक्तिशाली होती है। धन विधेयक के अलावा साधारण बिलो में भी विधान सभा का ही मत मान्य होता है। राज्य के विधानमंडल में संयुक्त बैठक का भी कोई प्रावधान नहीं है। इसके अतिरिक्त विधान सभा के निर्वाचित सदस्यों को राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेने का भी अधिकार प्राप्त है। विधान सभा, विधानपरिषद के गठन या भंग करने के सम्बन्ध में भी प्रस्ताव पारित कर सकती है। अब चूँकि विधान सभा के सदस्य प्रत्यक्ष विधि से जनता के द्वारा चुने हुए होते है इसलिए लोकतान्त्रिक व्यवस्था को बनाये रखने के लिए उनके सदन – विधान सभा को अधिक अधिकार दिया गया है।
विधान सभाओं की सूची
विधान सभा | जगह | सीटों की संख्या |
आंध्र प्रदेश विधान सभा | हैदराबाद | 175 |
अरुणाचल प्रदेश विधान सभा | ईटानगर | 60 |
असम विधान सभा | दिसपुर | 126 |
बिहार विधान सभा | पटना | 243 |
छत्तीसगढ़ विधान सभा | रायपुर | 90 |
दिल्ली विधान सभा | नयी दिल्ली | 70 |
गोवा विधान सभा | पणजी | 40 |
गुजरात विधान सभा | गांधीनगर | 182 |
हरियाणा विधान सभा | चंडीगढ़ | 90 |
जम्मू और कश्मीर विधान सभा | श्रीनगर | 87 |
झारखंड विधान सभा | रांची | 82 |
कर्नाटक विधान सभा | बेंगलुरु | 225 |
केरल विधान सभा | तिरुवनंतपुरम | 141 |
मध्य प्रदेश विधान सभा | भोपाल | 230 |
महाराष्ट्र विधान सभा | मुंबई | 288 |
मणिपुर विधान सभा | इम्फाल | 60 |
मेघालय विधान सभा | शिलोंग | 60 |
मिज़ोरम विधान सभा | आइज़ोल | 40 |
नागालैण्ड विधान सभा | कोहिमा | 60 |
ओडिशा विधान सभा | भुवनेश्वर | 147 |
पांडिचेरी विधान सभा | पांडिचेरी | 30 |
पंजाब विधान सभा | चंडीगढ़ | 117 |
राजस्थान विधान सभा | जयपुर | 200 |
सिक्किम विधान सभा | गंगटोक | 32 |
तमिलनाडु विधान सभा | चेन्नई | 235 |
तेलंगाना विधान सभा | हैदराबाद | 119 |
त्रिपुरा विधान सभा | अगरतला | 60 |
उत्तराखंड विधान सभा | देहरादून | 71 |
उत्तर प्रदेश विधान सभा | लखनऊ | 403 |
पश्चिम बंगाल विधान | कोलकाता | 295 |
निष्कर्ष- आज के इस लेख में हमने आपको बताया एविधानसभा क्या है? शक्तियाँ एवं कार्य (Vidhan Sabha Kya Hai) के बारें में. उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी. अगर आपका कोई सुझाव है तो कमेंट करके जरूर बताइए. अगर आपको लेख अच्छा लगा हो तो रेटिंग देकर हमें प्रोत्साहित करें.
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