उत्तर प्रदेश का इतिहास और अन्य जानकरी | Uttar Pradesh History in Hindi

4.7/5 - (48 votes)

उत्तर प्रदेश का इतिहास, राजधानी, भाषा, जिले, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, पर्यटन स्थल (Uttar Pradesh History In Hindi, Capital, Rajdhani, District, Cities, Language, Area, Culture, Tourism )

भारत में हर एक राज्य अपने आप में खुद की पहचान रखता है. फिर चाहे वो भाषा हो या संस्कृति. उत्तर प्रदेश देश की सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है. और क्षेत्रफल की दृष्टि से देखे तो देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य है. वैदिक युग में उत्तर प्रदेश ब्रह्मर्षि देश के तौर पर जाना जाता था. और वही इस धरा पर महाभारत और रामायण की रचना हुई.

आज हम आपको उत्तर प्रदेश का इतिहास (Uttar Pradesh History in Hindi) और इससे संबंधित जानकारी देने वाले है तो इस लेख को अंत तक पढना.

Uttar Pradesh History in Hindi

उत्तर प्रदेश का इतिहास और अन्य जानकरी (Uttar Pradesh History in Hindi)

राज्य उत्तर प्रदेश (यूपी)
गठन 1 अप्रैल 1937 संयुक्त प्रांत के रूप में
राज्य का दर्जा 26 जनवरी 1950
राजधानी लखनऊ
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक
आधिकारिक भाषा हिंदी
अन्य भाषाएँ उर्दू, अवधी, बघेली, भोजपुरी, ब्रज, बुंदेली, कन्नौजी, कौरवी
प्रमुख धर्म हिंदू धर्म और इस्लाम
क्षेत्रफल 2,40,928 वर्ग किमी (भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य)
जनसंख्या 241,066,874
लिंग अनुपात 912 प्रति हजार
साक्षरता दर 81.8 (पुरुष)
73.0 (स्त्री)
जीडीपी (2020–21) 17.05 लाख करोड़
उच्च न्यायालय इलाहाबाद उच्च न्यायालय
लोकसभा के सदस्य 80
राज्यसभा के सदस्य 31
विधान सभा के सदस्य 403
विधान परिषद के सदस्य 100
जिले 75
शहर और कस्बे 915
नगर निगम 17
विकास खंड 822
राज्य पशु बारहसिंघा
राज्य पक्षी सारस, क्रेन
राजकीय चिन्ह मछली एवं तीर कमान
राज्य मछली मोय, चीतल
राज्य वृक्ष अशोक
राज्य पुष्प पलाश, ढाक, टेसू
प्रमुख फसलें धान, गेहूं, जौ, बाजरा, मक्का, उड़द (काला चना), मूंग अरहर
प्रमुख खनिज चूना-पत्थर, डोलोमाइट, साबुन का पत्थर, जिप्सम, बॉक्साइट, कांच-रेत, मैंगनीज, गैर-प्लास्टिक अग्नि मिट्टी
प्रमुख हस्तशिल्प चिकन का काम, कढ़ाई, लकड़ी का काम, लकड़ी के खिलौने और फर्नीचर, मिट्टी के खिलौने, कालीन बुनाई, रेशम और पीतल के बर्तन का काम
प्रधान लोककथाएँ बिरहा, चित्ती, कजरी, फाग, रसिया, आल्हा, पूरन भगत, भर्तृहरि
प्रमुख नदियाँ गंगा, यमुना, गोमती, राम गंगा, घाघरा, बेतवा, केन
प्रमुख लोक नृत्य चारकुला, कर्म, पांडव, पाई-डंडा, थारू, धोबिया, राय, शायरा आदि
ऐतिहासिक स्थान पिपरावा, कौशाम्बी, श्रावस्ती, सारनाथ (वाराणसी), कुशीनगर, चित्रकूट, लखनऊ, आगरा, झांसी, मेरठ

उत्तर प्रदेश का इतिहास ( Uttar Pradesh History in Hindi)

भारत में 28 राज्य हैं जिनमें से उत्तर प्रदेश एक बड़ा और जानबहुल राज्य है. उत्तर प्रदेश जिसे प्राचीन काल में ब्रह्मर्षि देश के नाम से जानते है. उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में पुरातत्व खोज से पता चलता है कि यहां का इतिहास बहुत ही पुराना है. मध्य पाषाण काल ​​से यहाँ के लोग व्यवस्थित होने के साथ साथ कृषि और भेड़ बकरी पालन भी करते थे. पहले आर्य भारत में अपना बस्ती स्थापना कर बैठे. उनका मुख्य कार्य कृषि था. उस समय वैदिक सभ्यता का जन्म यहीं से हुआ था. सिंधु और सतलुज के किनारे बसी हड़प्पा और मोहनजोदड़ो सभ्यता को आर्य धीरे धीरे गंगा और यमुना के तट पर मैदानी इलाकों में आकर बसने लगे. और उसके बाद यहां वाराणसी के काशी विश्वनाथ जी का पवित्र स्थल विकसित हुआ.

हिन्दू धर्म की दो बड़े काव्य रामायण और महाभारत उत्तर प्रदेश से जुड़े हुए हैं. रामायण को लिखने की प्रेरणा महर्षि वाल्मीकि ने उत्तर प्रदेश की तमसा नदी के किनारे से पाया. रामायण के अनुसार भगवान विष्णु के अवतार श्री राम का जन्म उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हुआ था, और महाभारत में लिखा है कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था. हिंदू मान्यता के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जब समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से अमृत निकला तो उसके कुछ बुँदे भारत में गिरी और उनमें से एक बून्द प्रयागराज में गिरी जिसकी वजह से हर 5 साल में कुंभ मेला आयोजित होता है.

जब हम बौद्ध धर्म की बात करते है तो हमें पहले पता चलता है कि गौतम बुद्ध के पिता और माता का जन्म इसी प्रदेश में हुआ था. और गौतम बुद्ध ने अपना पहला प्रवचन वाराणसी के निकट स्थित सारनाथ के चौखंडी स्तूप में दिया था. उनके इस प्रवचन से प्रेरित होकर बहुत से लोगों ने बौद्ध धर्म को ग्रहण किया था. और आज पूरी दुनिया में बौद्ध धर्म का बहुत महत्व है.

भारत के इतिहास में बना जाता है कि दक्षिण भारत के अधिकांश आक्रमणकारी आज के उत्तर प्रदेश के गंगा के मैदानी इलाकों से होकर गुजरे थे. मौर्य, कुषाण, गुप्त, और गुर्जर प्रतिहार शासक भारत के सभी प्रमुख साम्राज्यों की शक्ति और स्थिरता के लिए इस क्षेत्र पर नियंत्रण महत्वपूर्ण था. मगध साम्राज्य के राजा महापद्मनंद और उनके पुत्र धनानंद ने पहले उत्तर प्रदेश को अपने राज्य के सीमा से मिला कर शासन करने लगे थे. उनका शासन काल 168ई. से लेकर 238ई. तक चला. उसके बाद मौर्य वंश के शासक सम्राट अशोक ने अपना राज्य उज्जैन के साथ इस प्रदेश को मुक्त करके शासन किए. उसके बाद समुद्रगुप्त और चंद्रगुप्त द्वितीय ने भी इस प्रदेश में शासन किया. इस काल में बौद्ध संस्कृति बहुत ही सरलता के साथ विकसित होने लगी. एक प्रसिद्ध शासक हर्षवर्धन ने 606 शताब्दी से 647 शताब्दी तक इस प्रदेश में अपना राज्य शासन किया.

बौद्ध धर्म के विकास होने से हिन्दू धर्म की स्थिति कठिन हो चुकी थी. तभी दक्षिण के महात्मा श्री संकरा वाराणसी पहुंचे और फिर से उन्होंने हिन्दू धर्म का प्रचार शुरू किया. धीरे-धीरे हिन्दू धर्म पुनः विकसित होने लगा. आदि गुरु शंकराचार्य ने उत्तर प्रदेश की मैदानों की यात्रा की और हिमालय में बद्रीनाथ धाम पहुंचे थे.

जब मुगल शासन की बात आती है, तो ज्ञात होता है कि उत्तर प्रदेश में 1800-1030 ई. तक मुगल उत्तर प्रदेश में आ चुके थे. लेकिन  मुगल शासक मोहम्मद गोरी ने उत्तर प्रदेश के गढ़वाला शासक को हराकर पहले अपने कब्जे में लिया और सारी संपत्ति ले ली जिसके बाद अपने देश वापस चले गए. मुगलों ने उत्तर प्रदेश में लगभग 60 वर्षों तक शासन किया. जिसका केंद्र दिल्ली था. 1526 में, बाबर ने दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी को हराया और सफल शासक बन गया. उनके राजवंश ने 350 से अधिक वर्षों तक शासन किया. महान शासक अकबर ने यहाँ शासन किया. उनके पुत्र जहाँगीर और पोते शाहजहाँ ने भी यहाँ शासन किया था. शाहजहाँ ने फतेहपुर सीकरी में अपनी राजधानी बनाई. और आगरा में ताजमहल बनवाया, उसके बाद उसके पुत्र औरंगजेब ने यहाँ शासन किया. औरंगजेब को जिंदा पीर के नाम से भी जाना जाता था. उत्तर प्रदेश में मुगल साम्राज्य के सुल्तान अकबर ने एक नई मिश्रित संस्कृति का विकास किया. उन्होंने बिना किसी भेदभाव के वास्तुशिल्प, साहित्य, चित्रकला, और संगीत विशेषज्ञों को नियुक्ति किया. कुछ समय ऐसा था की उत्तर प्रदेश में भारतीय संस्कृति संकट में आने लगी. फिर भक्ति आंदोलन के प्रमुख नायक श्री रामानंद जी अपने आंदोलन के साथ और एकता के प्रतीक कबीर जी ने उत्तर प्रदेश की सभी धार्मिक असहिष्णुता के खिलाफ आवाज उठाई. जब मुगलों का पतन हुआ फिर मिश्रित संस्कृति के केंद्र को दिल्ली से लखनऊ स्थानांतरित कर दिया गया. जो अवध के राजा के अधीन था और यहीं से साम्प्रदायिक सद्भाव पनपा.

जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में शासन करना शुरू किया फिर उसने पहले नवाब से उत्तर प्रदेश का बागडोर छीन लिया. उसके बाद सिंधिया और गौरखो से उनका प्रदेश छीन कर ईस्ट इंडिया कंपनी ने उत्तर-पश्चिमी प्रांतों का गठन किया. और बाद में अवध पर विजय हासिल करके आगरा और अवध को अपने नियंत्रण में लेते हुए,  संयुक्त प्रांत के रूप में उत्तर-पश्चिमी प्रांतों को मिला दिया.  साल 1857 से 1959 ई. के बीच ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ विद्रोह हुआ और यह मुख्य रूप से उत्तर-पश्चिमी प्रांतों तक ही सीमित था. 10 मई 1857 को मेरठ में सैनिकों के बीच भड़का उग्र विद्रोह कुछ ही महीनों में 25 से अधिक शहरों में फैल गया. 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण थी, उन्होंने अंग्रेजों के साथ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और ब्रिटिश सेना को बहुत नुकसान पहुँचाया. साल 1858 में विद्रोह के दमन के बाद उत्तर पश्चिम और शेष ब्रिटिश भारत का प्रशासन ईस्ट इण्डिया कम्पनी से ब्रिटिश राज को हस्तांतरित कर दिया गया. 1880 के अंत में भारतीय राष्ट्रवाद का उदय के साथ संयुक्त प्रांत स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी था. प्रदेश ने भारत को मोतीलाल नेहरू, मदन मोहन मालवीय, जवाहरलाल नेहरू और पुरुषोत्तम दास टंडन जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रवादी राजनीतिक नेता दिए. जिन्होंने साल 1922 में भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव को हिला को हिलाकर रख दिया. महात्मा गांधी का असहयोग आंदोलन संयुक्त प्रांत में फैल गया, लेकिन चौरी चौरा कांड में गांव के लोग मिलकर एक थाने को जला डाला. जिसमे 22 पुलिसकर्मी मारे गए जिसके कारण महात्मा गांधी ने अस्थायी रूप से आंदोलन को रोक दिया था. संयुक्त प्रांत मुस्लिम लीग की राजनीति का केंद्र भी था. ब्रिटिश काल के दौरान प्रांत के भीतर ही रेलवे, नहरों और संचार के साधनों का व्यापक विकास हुआ. अंग्रेजों ने यहां आधुनिक शिक्षा को भी बढ़ावा दिया. और लखनऊ विश्वविद्यालय और अनेक महाविद्यालयों की स्थापना करवाई.

साल 1902 नॉर्थ वेस्ट प्रोविंस का नाम बदल कर यूनाइटेड प्रोविन्स ऑफ आगरा एंड अवध कर दिया गया. आम बोलचाल में इसे यूपी कहा जाता था. साल 1920 में  राज्य की राजधानी को प्रयागराज से लखनऊ स्थानांतरित कर दिया गया था. राज्य का उच्च न्यायालय प्रयागराज में है और उच्च न्यायालय की एक पीठ लखनऊ में स्थापित की गई.

उत्तर प्रदेश राज्य के जिले (Uttar Pradesh District List)

क्र. स. राज्य क्र. स. राज्य
1 अलीगढ़ (Aligarh) 39 अयोध्या ( Ayodhya ) पूर्व नाम – फैज़ाबाद
2 आगरा (Aagra) 40 अंबेडकर नगर (Ambedkar Nagar)
3 आजमगढ़ (Azamgarh) 41 अमेठी (Amethi)
4 अमरोहा (Amroha) 42 औरैया (Auraiya)
5 बिजनौर (Bijnor) 43 बलिया (Ballia)
6 बलरामपुर (Balrampur) 44 भदोही (Bhadohi) पूर्व नाम – संत रविदास नगर
7 बदायूं (Budaun) 45 बाराबंकी (Barabanki)
8 बस्ती (Basti) 46 बरेली (Bareilly)
9 बहराइच (Bahraich) 47 बागपत (Bagpat)
10 बुलंदशहर (Bulandshahar) 48 बांदा (Banda)
11 चित्रकूट (Chitrakoot) 49 चंदौली (Chandauli)
12 देवरिया (Deoria) 50 इटावा (Etawah)
13 एटा (Etah) 51 फर्रुखाबाद (Farrukhabad)
14 फतेहपुर (Fatehpur) 52 फिरोजाबाद (Firozabad)
15 गाजियाबाद (Ghaziabad) 53 गोरखपुर (Gorakhpur)
16 गौतम बुद्ध नगर (Gautam buddha nagar) 54 गोंडा (Gonda)
17 गाजीपुर (Ghazipur) 55 हाथरस (Hathras)
18 हमीरपुर (Hamirpur) 56 हरदोई (Hardoi)
19 हापुड़ (Hapur) 57 जौनपुर (Jaunpur)
20 जालौन (Jalaun) 58 झांसी (Jhansi)
21 कानपुर देहात (Kanpur dehat) 59 कुशीनगर (Kushinagar)
22 कानपूर नगर (Kanpur nagar) 60 कन्नौज (Kannauj)
23 कौशांबी (Kaushambi) 61 कासगंज (Kasganj)
24 लखीमपुर खेरी (Lakhimpur kheri) 62 लखनऊ (lucknow)
25 ललितपुर (Lalitpur) 63 मुज़फ्फरनगर (Muzaffarnagar)
26 महोबा (Mahoba) 64 मिर्जापुर (Mirzapur)
27 मुरादाबाद (Moradabad) 65 मेरठ (Meerut)
28 मऊ (Mau) 66 महाराजगंज (Maharajganj)
29 मथुरा (Mathura) 67 मैनपुरी (Mainpuri)
30 प्रयागराज (Prayagraj) पूर्व नाम – इलाहाबाद 68 पीलीभीत (Pilibhit)
31 प्रतापगढ़ (Pratapgarh) 69 रायबरेली (Raebareli)
32 रामपुर (Rampur) 70 सोनभद्र (Sonbhadra)
33 शामली (Shamli) 71 सहारनपुर (Saharanpur)
34 सम्भल (Sambhal) 72 सुल्तानपुर (Sultanpur)
35 सीतापुर (Sitapur) 73 संत कबीर नगर (Sant kabir nagar)
36 सिद्धार्थ नगर ( Siddharth nagar) 74 शाहजहाँपुर (Shahjahanpur)
37 श्रावस्ती (Shravasti) 75 उन्नाव (Unnao)
38 वाराणसी (Varanasi)

उत्तर प्रदेश पर्यटन स्थल (Uttar Pradesh Tourism)

आगरा ताजमहल, आगरा का किला और फतेहपुर सीकरी
मथुरा वृंदावन, द्वारकाधीश मंदिर, कृष्ण जन्म भूमि मंदिर, बांके बिहारी मंदिर, गोवर्धन, राधा कुंडी, कंस किला
सहारनपुर शाकुंभरी देवी मंदिर
प्रयागराज (इलाहाबाद) आनंद भवन
गोरखपुर नगर गोरखनाथ मंदिर
ललितपुर दशावतार मंदिर
सुल्तानपुर सीताकुंड घाट
झांसी रानी महल
काशी विश्वनाथ मंदिर

उत्तर प्रदेश की यूनिवर्सिटी (Uttar Pradesh Universities)

नेशनल इंस्टीटूट्स

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायबरेली
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान गोरखपुर
फुटवियर डिजाइन और विकास संस्थान नोएडा
भारतीय प्रबंधन संस्थान लखनऊ
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपूर
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान वाराणसी
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान लखनऊ
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान प्रयागराज
मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान प्रयागराज
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च रायबरेली
राजीव गांधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान अमेठी

सेंट्रल यूनिवर्सिटी

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अलीगढ
इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी
राजीव गांधी राष्ट्रीय उड्डयन विश्वविद्यालय अमेठी
रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झाँसी

निष्कर्ष– आज हमने आपको उत्तर प्रदेश का इतिहास (Uttar Pradesh History in Hindi) और इससे संबंधित जानकारी के बारे में बताया और उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी.

FAQ

Q:  उत्तर प्रदेश की राजधानी क्या है?
Ans: लखनऊ

Q:  उत्तर प्रदेश का पुराना नाम क्या है?
Ans: उत्तर प्रदेश युनाइटेड प्रॉविंस

Q:  यूपी में कितने जिले हैं?
Ans: 75 जिले

Q:  उत्तर प्रदेश की राजधानी कब बनी?
Ans: 1921 में

Q:  यूपी में कितनी नदियां हैं
Ans: 31

Q:  यूपी में गंगा कितने जिले को छूती है
Ans: 27 जिलों को

Q:  यूपी में सबसे लंबी नदी कौन है
Ans: गंगा

Q:  उत्तर प्रदेश राज्य कब बना?
Ans: 12 जनवरी सन 1950 को

यह भी पढ़े

 

Previous articleअब्दू रोजिक का जीवन परिचय | Abdu Rozik Biography In Hindi
Next articleनार्को टेस्ट क्या है | What is Narco Test in Hindi

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here