Rajput ko kabu kaise kare – दोस्तों अक्सर आपने सुना होगा कि “राजपूत को काबू करना तेरे बसकी बात नही“. फिर लोग गूगल पर जाकर सर्च करते है “राजपूत को काबू कैसे करें“. लेकिन राजपूत को काबू करना किसी की बसकी बात नही है. यू कह लीजिये कि राजपूत हमेशा ताव में रहते है उनका खून और जोश हमेशा गर्म रहता है. राजपूतों को कोई छेड़ता है या फालतू की बातें करता है तो पहले समझाते हैं, नहीं मानते हैं तो लात-घूंसों से मारते हैं.
ऐसा भी नहीं है कि राजपूत गुस्सैल स्वभाव के व्यक्ति हैं. अगर आप उनसे दोस्ती करेंगे तो वह शिद्दत से निभाएंगे और दुश्मनी करेंगे तो उसे भी भी शिद्दत से निभाएंगे. यदि राजपूत दिल से किसी को मित्र बना लें तो समय आने पर उसके लिए मर भी सकते हैं, पर यदि किसी ने इनसे शत्रुता कर ली है तो समझो वह उसे पाताल में से भी निकाल लेंगे.
राजपूत हमेशा साहसी और अपनी बात के पक्के होते हैं. आप उनकी वीरता और शौर्य की कहानी को महाराणा प्रताप के जीवन परिचय लगा सकते हो लेकिन आज भी कई लोग ऐसे हैं जो इन्हें काबू में करना चाहते हैं. वैसे तो ये लोग किसी के वश में नहीं आते लेकिन हम आपको राजपूत को काबू में कैसे करे (Rajput ko kabu kaise kare) की कुछ बातें और तरकीबें बताएंगे जिससे ये आपके वश में आ जाएं.
राजपूत को काबू में कैसे करे इस बारें में विस्तार से हम आगे बात करेंगे. पहले हम जानते है राजपूतों का इतिहास और राजपूतों के वंशो के बारें में.
राजपूतों का इतिहास (History of Rajputs in Hindi)
राजपूत शब्द संस्कृत के राजपुत्र से मिलकर बना है इसका अर्थ है एक राजा का पुत्र. यह भारत के मध्य, उत्तरी और पश्चिमी इलाकों के एक पितृवंशीय समाज के है. इसके अलावा यह नार्थ इंडिया के पावरफुल हिंदू सैन्य वर्ग के वंशज भी है. राजपूत 7वीं और 12वीं शताब्दी के बीच उभरे और 20वीं शताब्दी में सौराष्ट्र और राजस्थान में शासन किया. इसलिए इस वक्त को राजपूत काल का स्वर्ण युग कहा जाता है. राजपूत राजाओं के अहंकार एवं आपसी लड़ाई – झगड़ों के कारण भारत छोटे-छोटे राज्यों में विभाजित हो गया. उस समय राजपूत शासक हुआ करते थे राजा हर्षवर्धन. जिन्होंने 590 ईसा पूर्व एक छत्रछाया राज किया. राजपूत एक हिंदू जाति हैं जो क्षत्रिय वर्ग से आते है. इन्हें 36 जातियों में वर्गीकृत किया गया है. लेकिन राजपूतों में पृथ्वीराज चौहान और मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा महाराणा प्रताप का नाम सबसे ऊँचा है.
राजपूतों के वंश (Rajput Dynasty in Hindi)
राजपूत की वंशावली में कई वंश हैं, लेकिन उनकी शाखाएँ भिन्न हैं, जो इस प्रकार हैं-
- सूर्य वंश – कछवाह, राठौड, बडगूजर, सिकरवार, सिसोदिया, गहलोत, गौर, गहलबार, रेकबार, जुनने, बैस, रघुवंशी
- चन्द्र वंश – जादौन, भाटी, तोमर, रवानी, छोंकर, चन्देल, पुण्डीर, कटैरिया, दहिया
- अग्नि वंश – चौहान, सोलंकी, परिहार, पमार
- ऋषि वंश – सेंगर, दीक्षित, दायमा, गौतम, अनवार, विसेन, करछुल, बुन्देला
- चौहान वंश – हाडा, खींची, सोनीगारा, पाविया, पुरबिया, संचौरा, मेलवाल, भदौरिया, निर्वाण, मलानी, धुरा, मडरेवा, सनीखेची, पसेरिया, बालेछा, रूसिया, चांदा, निकूम, भावर, छछेरिया, उजवानिया, देवडा,
राजपूत को काबू में कैसे करे (Rajput Ko Kabu Kaise Kare)
राजपूत को काबू में करने के बारें में हम आपको नीचे कई अलग अलग तरीके बताने वाले है जिनका इस्तेमाल करके आप राजपूत को काबू में ला सकते हो।
इतिहास की बात करे
राजपूतों का इतिहास सदैव गौरवान्वित रहा है और अगर आप इनको काबू में करना चाहते है तो सबसे पहले आपको इनके इतिहास और बलिदानों के बारें में बात करनी चाहिए. इसके अलावा आप उनके पूर्वजों की शौर्य गाथा के बारे में चर्चा करनी चाहिए. इस तरह की बातें उन्हें पसंद आती है. ऐसा करने से राजपूतों के मन में आप के प्रति भाव प्रकट होता है. जिस वजह से आप और उनके बीच एक रिश्ता कायम होता है. ऐसा करने से पहले एक बात का जरूर ध्यान रखे आपको उनके इतिहास के बारें में अच्छी जानकरी अवश्य होनी चाहिए.
धार्मिक बाते करें
राजपूत सदैव धार्मिक होते है उनके साथ धर्मो पर चर्चा कर उन्हें खुश किया जा सकता है. दरअसल राजपूतों का इतिहास किसी से छिपा हुआ नही है उनके पूर्वज हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा अर्चना करते था और यह संस्कार आज उन्ही के द्वारा उनके परिवार में आये है. इस कारण देवी-देवताओं से जुडी बातें करना उन्हे अच्छा लगता है. आप इस तरह की बातें कर उनके मन में अपनी छवि बना सकते है.
यदि आप किसी धर्म की बात कर रहे हैं या किसी धर्म में हो रही घटनाओं की चर्चा कर रहे हैं तो राजपूत उस धर्म का आदर करने के साथ-साथ उस धर्म का सम्मान भी करते है. राजपूत आस्तिक होते हैं, सदैव ईश्वर पर भरोसा करते हैं, और सभी धर्मो का सम्मान करते है. यदि आप राजपूतों के सामने ईश्वर और धर्म की बात करेंगे तो शायद वह आपके वश में आ जाए.
जय माता जी बोलकर मिले
आपने शायद कभी ध्यान दिया होगा कि जब भी कोई राजपूत किसी इंसान से मिलता है तो सबसे पहले “जय माता जी” कहकर उसका अभिवादन करता है. उसके बाद बात शुरू करता है. राजपूतों के लिए इस शब्द का बहुत महत्व है. इसका करने का मुख्य कारण यह है कि जय माता जी कहना भगवान को याद करना है और यह एक पूजनीय शब्द है. इस शब्द के प्रयोग से एक व्यक्ति दूसरे के द्वारा आदर और सम्मान का भाव प्रकट होता है.
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आपको हमेशा एक राजपूत को जय माता जी कहकर अभिवादन करना चाहिए. जब आप इस शब्द का प्रयोग करते हैं, तो आप राजपूत को दिखाते हैं कि आप उनका सम्मान करते हैं, और जब आप जय माता जी कहकर राजपूत का अभिवादन करते हैं, तो बदले में वह आपको भी जय माता जी बोलता है. अगर आपका कभी किसी राजपूत से सामना हो तो इस बात का ध्यान रखें. आपके लिए बहुत अधिक सम्मान प्रदर्शित करेंगे और साथ ही आपसे बातचीत करने में रुचि भी दिखाएंगे, जिससे आपके लिए उन पर अपना अधिकार जताना बहुत आसान हो जाएगा.
महिलाओं को सम्मान दे
राजपूत हमेशा महिलाओं का सम्मान करते है. यदि कोई इंसान इनके सामने महिलाओं को नीचा दिखाता है या महिलाओं के बारे में अनुचित टिप्पणी करता है, तो यह बहुत तेजी से क्रोधित हो जाते है, और उसके बाद उन पर नियंत्रण रखना काफी मुश्किल भरा हो जाता है. इनके सामने या इनके पीछे से सदैव महिलाओं को इज्ज़त और सम्मान देना चाहिए. ऐसा करने से राजपूत ही नहीं, हर कोई आपसे प्रभावित होगा.
प्यार से बातचीत करे
अक्सर इस बात का ध्यान रखें, राजपूतों से जब भी बात करें तो हमेशा सादगी और प्यार से बात करें. आमतौर पर लोगों के मन में यह बात बनी रहती है कि दूसरों को नीचा दिखने या कमजोर महसूस कराने के लिए वे उन लोगों से ऊँची आवाज में बातें करने लगते हैं. उन्हें लगता है कि ऐसा करने से सामने वाला दब जाएगा. आप ऐसा बिलकुल भी न करे. राजपूतो के सामने हमेशा सरल बोली का प्रयोग करे. ऐसा करने से आप उनका सम्मान अपने प्रति बनाए रख पाएंगे और आप उन्हें नियंत्रित कर पाएंगे.
बहस न करें
राजपूत क्षत्रिय होते हैं, और यह लोग बहुत जल्दी क्रोधित हो जाते हैं. यदि कोई इनसे विवाद करने का प्रयास करता है तो ये बहुत जल्दी नाराज हो जाते हैं और फिर इन्हें अपने गुस्से का सामना करना पड़ता है. राजपूत से बहस करना “आ बैल मुझे मार” जैसा है. हमेशा इनकी बातों में हां में हां और ना में ना करे. अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि बनी हुई बात बहस एक चक्कर में बिगड़ जाती है. इसलिए इनसे बहसबाजी न करे.
राजपूतों की औकात क्या है
इस प्रश्न को दुबारा पूछने की गलती न करें. अब सवाल पूछने से पहले अपनी स्थिति के बारे में पता कर लें. पहले जाकर राजपूत की हैसियत पता करो. इतिहास में जब भी कोई युद्ध हुआ है, उन्होंने कभी किसी के सामने सिर नहीं झुकाया. इन्होंने जब भी लड़ाई लड़ी है या तो जीते है या फिर अपने प्राणों की आहुति दी है. राजपूतों की औकात का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब भी इन्होने तलवार उठाई है जंग जीती है. इनकी आवाज इतना बुलंद है कि दूर खड़ा दुश्मन भी दर्रा जाता है. यू ही लोग महाराणा प्रताप और राजा रावल रतन सिंह की गाथा नही सुनाते है. इसलिए कभी मत पूछना या सर्च करना कि “राजपूतों की औकात क्या है“.
राजपूत को बस में कैसे करें?
राजपूत को बस में करना कोई मामूली बात नही है. इतिहास के पन्ने खोलकर देखिए, राजपूतों को अपने वश में करने के लिए अनेक लोगों ने अनेक प्रयास किए. लेकिन विफल रहे और आज तक कोई राजपूत किसी के बस में नही आया. राजपूत का खून गर्म होता है और गुस्सा तुरंत आ जाता है. इसलिए इनको बस में करना थोडा कठिन है. लेकिन अगर आप इसके बारे में जानेंगे और इसे पहचानेंगे तो शायद ये बस में आ जाए.
राजपूतों से पंगा कैसे लें?
राजपूत बड़े जिद्दी स्वभाव के होते है. इनसे पंगा लेने के बारें में कभी सोचा भी मत लेना. और अगर पंगा ले भी लिया तो सोच लो आप तो गए काम से. इसलिए बेहतर होगा कि आप इनसे दूरी बना लें. राजपूत को वश में करने के लिए इनके साथ सदैव सम्मान जनक शब्दों का प्रयोग करना होगा.
निष्कर्ष – आज के इस आर्टिकल में आपने जाना राजपूत को काबू में कैसे करे (Rajput ko kabu kaise kare) के बारे में. उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी. मेरा आप सभी से अनुरोध है कि आप इस लेख को अपने दोस्तों, परिवार और दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ताकि लोगों को इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी मिल सके.