क्या है पनामा पेपर मामला ? | What is Panama Papers Leak Case in Hindi

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पनामा पेपर मामला एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है और इसकी वजह है बच्चन परिवार. वैसे ये पहली बार नही है कि किसी बड़ी हस्ती का नाम इस केस से जुड़ा हो इससे पहले भी कई बड़ी-बड़ी हस्तियों का सामने नाम आया है. वैसे आपको बता दू पनामा पेपर मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने अभिनेत्री अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन को अपने ऑफिस बुलाकर 6 घंटे पूछताछ की.

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क्या है Panama Papers?

Panama Papers एक तरह का डॉक्यूमेंट है जिसमे पूरी दुनियाभर के भ्रष्टाचार लोगों का लेखा जोखा मौजूद है. साल 2016 में पनामा पेपर का खुलासा हुआ था जिसमे पानामा की एक कानूनी फर्म ‘मोसेक फोंसेका’ के पास 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा ऐसी सीक्रेट फाइल है जिसमे उन लोगो के नाम है जो टेक्स के पैसो की चोरी करते है या फिर हम बोल सकते है मनी लौन्डरिंग करते है. उन लोगो ने विदेशो में बड़ी संपत्तियां बनाई है. मोसैक फोन्सेका एंड कंपनी पनामा सिटी जो उत्तरी व दक्षिणी अमरीका को भू-मार्ग से जोड़ने वाला एक देश है, स्थित है इस देश की कानून व्यवस्था मनी लौन्डरिंग करने वालो की असल पहचान छुपता है और लोगो के काफी मात्रा में काले धन को सफ़ेद धन में करने में मदद भी करता है. पनामा पेपर्स के अवैध होने के बावजूद भी कुछ भारतीयों ने पनामा की मोसैक फोन्सेका एंड कंपनी के जरिये ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में कुछ बड़ी कंपनियां बनाईं.

कुछ लोग पनामा टैक्स हैवन कहे जाने वाले देशों  जैसे पनामा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स, बहामास, केयमेन आइलैंड्स, बरमूडा में काम करते है यहाँ पर किसी तरह का टैक्स नही लगता है. कुछ लोग यहाँ पर बड़े बड़े काम करते है जैसे सरकारी टेंडर या फिर कोई आपराधिक मामले से जुड़े संपत्ति को इधर-उधर करने के लिए इस तरह का काम किया जाता है जिससे उनका पैसा भी बच जाता है और किसी को पता भी नही चलता.

ग्रीनहाउस प्रभाव क्या है?

Panama Papers का खुलासा ?

जर्मन अखबार सुड्तुश जेतंग  ने 3 अप्रैल 2016 को अपने एक रिपोर्ट में Panama Papers का खुलासा किया था जिसमे पानामा की फर्म ‘मोसेक फोंसेका’  के सर्वर को 2013 में हैक किया गया था जिसमे वित्तीय लेन देन का पता चला और करीब 2.6 टीबी डाटा का पता चला  जिसमे  1975 से लेकर 2015 तक के लेनदेन पूरा लेखा जोखा है. और 2 लाख से ज्यादा लोगो की गुप्त जानकारी भी है जिसमे शेयर होल्डर से लेकर कम्पनी के डायरेक्टर तक का रिकॉर्ड है.

अखबार ‘सुड्तुश जेतंग’  ने ‘मोसेक फोंसेका’  के डॉक्यूमेंट को इंटरनैशनल कॉन्सॉर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) के साथ शेयर किया. ICIJ ने इस डॉक्यूमेंट को 70 देशों के 370 रिपोर्टरों के साथ मिलकर जाँच की और ये जाँच लगभग 8 महीने तक चली थी.

जिसमे भारत की और से पनामा पेपर्स की जांच के लिए ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ अख़बार को चुना गया था जिसमे पता चला कि 1 करोड़ 10 लाख से ज्यादा फाइलों में से  सिर्फ 36 हज़ार से ज्यादा फाइलें भारत से जुड़ी हुई थीं. फिर ये बात सामने आई तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कार्रवाई करते हुए इन लोगों को नोटिस भेजे थे. लेकिन सभी ने इस जानकारी से इंकार कर दिया था। 

बस कालाधन छुपाने का जरिया है?

देश से विदेश में और विदेश से देश में पैसा ट्रान्सफर करने के लिए बैंक अकाउंट का इस्तमाल किया जाता है कुछ बैंक अकाउंट वैध रूप से कार्य करते थे और कुछ लोग अवैध रूप से काम करते है. जो अकाउंट टैक्स हैवन्स देशों से पैसो का आदान-प्रधान करते है वो सभी टैक्स को चोरी करते है जिसे हम मनी लौन्डरिंग भी बोला सकते है.

पनामा पेपर्स के खुलासे

  • पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ 28 जुलाई 2017 को पनामा पेपर मामले दोषी पाए गए थे जिस कारण उन्हें प्रधानमंत्री की कुर्सी से हटा दिया गया.  नवाज़ शरीफ का पनामा पेपर में खुलासा ये हुआ कि उनके परिवार के पास लन्दन में कई संपत्ति है और उनके परिवार के नाम आठ कंपनियों  है, जिसमे शरीफ की बेटी और दामाद भी दोषी पाए गए थे.
  • आइसलैंड के प्रधानमंत्री सिगमंडुर गुन्नलागसन अप्रैल 2016 को पनामा पेपर्स में नाम आया था जिसके 2 दिन के बाद ही उनको अपनी कुर्सी छोडनी पड़ी थी

पनामा पेपर्स मामले को लेकर 500 भारतीयों लोगो का नाम शामिल हैं जिसमे पॉलिटिकल राजनेताओ से लेकर,  फिल्म जगत और  खेल जगत की हस्तियों के अलावा कुछ अरबपतियों की गुमनाम संपत्ति है. इस लिस्ट में विजय माल्या और इक़बाल मिर्ची का नाम भी है और इनके साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के वकील हरीश साल्वे का नाम भी शामिल है. जब इस मामले ने तेज़ी पकड़ी तो ये पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचा. जिसके बाद केंद्र सरकार ने  मल्टी एजेंसी ग्रुप (एमएजी) का गठन किया. एमएजी की जाँच पड़ताल में 20 करोड़ रुपए की अघोषित संपत्ति का खुलासा हुआ था.

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