शरिया कानून क्या है, नियम, के बारे में जानकारी, हिंदी में (Sharia Kanoon Kya Hai In Hindi, pdf, india, kise kahate hain, sharia laws meaning, punishment, what is sharia and law)
शरिया एक अरबी शब्द हैं और इसका हिंदी में अर्थ ‘पानी के मार्ग की ओर जाना’ हैं. मुसलमानो का मानना हैं कि यह व्यवस्था उनके आराध्य मुहम्मद के बाद इस्लामिक कानूनविदों द्वारा रचित एक व्यवस्था हैं. शरिया कोई लिखित कानून नहीं हैं. अब यही कारण हैं कि इस्लाम में भी भिन्न भिन्न सम्प्रदाय के लिए ये कानून भी भिन्न भिन्न हैं. शरिया को लेकर इस्लाम में भी एकमत नहीं हैं. इस्लाम में शरिया कानून के तहत मुस्लिम के जीवन जीने के मार्ग बताता हैं जबकि इसमें अलग अलग देशों, क्षेत्रों, सम्प्रदायों में बहुत अधिक भिन्नता पायी जाती हैं जैसे अरब के शरिया और ईरान के शरिया में अंतर देखने को मिलता हैं. शरिया कानून मुस्लिम महिलाओं की आजादी के बिल्कुल विरुद्ध हैं जबकि मुस्लिम पुरुषो को कई छूट हैं. मुस्लिम जहाँ एक से अधिक औरतो के साथ विवाह कर सकता हैं तो महिला को यह आजादी नहीं हैं. शरिया कानून महिला शिक्षा पर लगभग रोक लगाता हैं. शरिया कानून के अंतर्गत पारिवारिक संपत्ति में पुरुष की अपेक्षा महिला को आधा देने का प्रावधान हैं, जबकि भारत की बात करें तो भारत का संविधान सभी के लिए बराबरी का बात करता हैं.
इस तरह से यह कानून आधुनिक समाज के लिए मुसलमानो के लिए भी उचित नहीं हैं. अब यही कारण हैं कि हाल के वर्षो में सबसे कठोर शरिया कानून वाले देश अरब भी अब उदारता की ओर बढ़ चला हैं. आज के इस लेख में हम आपको शरिया कानून क्या है (Sharia Kanoon Kya Hai In Hindi) के बारे में पूरी जानकरी देने वाले है.
शरिया कानून क्या है (What Is Sharia Law In Hindi)
शरिया मुसलमानो का एक धार्मिक कानून है और मुसलमान इसे अपने आस्था से जोड़ते रहे है. मुसलमानो का यह शरिया कानून मुख्यतः कुरान और हदीसो से लिया गया है. इस कानून का कोई वैधानिक या लिखित अस्तित्व नहीं है, यह केवल धर्म विशेष से जुड़ा कानून है. अब यही कारण है कि जहाँ जहाँ और जिस जिस मुस्लिम देशों में शरिया कानून लागु है वहां उसके स्वरूपों और नियमों में बहुत बड़ा अंतर देखने को मिलता है. अब चूँकि इसका कोई ठोस आधार नहीं है इसलिए उन देशों के शरिया कानूनों में ये अंतर दिखता है.
अब यदि बात करें कि क्या शरिया कानून मुस्लिम देशों में लागु है तो सच्चाई यह है कि आज के आधुनिक युग में भी प्रायः कई मुस्लिम देशों में यह कानून कम प्रभाव में या अधिक प्रभाव में लागु है, यहाँ प्रभाव का अर्थ शरिया कानून के तरीको व नियमों की उदारता से है. विश्व के कुछ मुस्लिम देशों में यह कानून बहुत कठोर है जबकि कुछ मुस्लिम देशों में यह कम कठोर है लेकिन शरिया कानून के कुछ ऐसे नियम है जो ज्यादातर मुस्लिम देशों में लागू किया गया है, वह है बैकिंग से संबंधित क्षेत्र व कार्य.
बुर्का, हिजाब और नकाब में अंतर
कौन से प्रमुख मुस्लिम देशों में शरिया कानून लागु हैं –
मुख्य बात यह है कि शरिया कानून कुछ मुस्लिम देश अपने अपने हिसाब से अपनाया है. यहाँ हम कुछ मुस्लिम देशों और उनके शरिया कानून की चर्चा करके उसे और आसानी से समझ सकते है –
सऊदी अरब
विश्व के सभी मुसलमानो का धार्मिक मार्गदर्शक कहे जाने वाले अगर कोई देश है तो वह है सऊदी अरब. सऊदी अरब में विश्व का वह देश है जहाँ के सभी कानूनों का आधार शरिया कानून है, अर्थात वह बाहरी दुनिया से कटा हुआ सा है. उसके कानून विश्व के गैर मुस्लिम देशों के कानून से कठोर और विचित्र है. सऊदी अरब में हत्या के शिकार व्यक्ति यदि चाहे तो वह हत्यारे को माफ़ कर सकता है या फिर कुछ धन लेकर उसे माफ़ कर सकता है. महिलाओं के स्वतंत्रता को यहाँ प्रतिबंधित कर दिया है. हालांकि हाल के वर्षो में यह भी अपने कानून को उदार बनाने में लगा है, क्योकि इससे वह बाहरी दुनिया से कटता जा रहा है.
ईरान
ईरान उन मुस्लिम देशों में शामिल है जहाँ शरिया कानून बहुत अधिक कठोर है. यह देश भी महिलाओं के स्वतंत्रता पर रोक लगाता है. अब यही कारण है कि हाल में दिनों में महिलाओं ने बिना बुरका के रहने के लिए आवाज उठाई थी और इस कारण ईरान में लम्बे समय तक गृह युद्ध की स्थिति बन गई थी. यहाँ के कानून में सर काटना, अँधा करना, शरीर के अंग काटना, कोड़े मारना शामिल है.
सूडान
सूडान भी एक मुस्लिम देश है और यहाँ भी शरिया कानून लागु है. यहाँ अनैतिक आचरण के लिए महिलाओं को कोड़े मारने की सजा है. यहाँ तक कि यहाँ पत्थर मारकर हत्या करने को भी एक सजा के रूप में माना जाता है. हालांकि फिलहाल यह लागू नहीं है.
नाइजीरिया
नाइजीरिया विश्व के अत्यंत निर्धन देशों में आता है मगर यह एक मुस्लिम देश है इसलिए यहाँ भी शरिया कानून लागू है और ज्यादातर सजा शरिया कानून के तहत दी जाती है.
पाकिस्तान
वैसे तो भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान जब आजाद हुआ था तब वह अपने आपको धर्मनिरपेक्षता बताता था, मगर आजादी के कुछ ही वर्षो के बाद पाकिस्तान को एक मुस्लिम देश घोषित कर दिया गया और अन्य मुस्लिम देशों की भांति वहां भी शरिया के कानून लागु है. वहां 1979 में हुदूद अध्यादेश को लाया गया था. शरिया के कोर्ट वहां के मुख्य कानून के साथ साथ चलता है. फिर भी अन्य मुस्लिम देशों की तुलना में पकिस्तान में शरिया के कानून कम प्रभावी है.
अफगानिस्तान
अफगानिस्तान साठ के दशक में महिलाओं के स्वतंत्रता के प्रति उदार हुआ करता था मगर बाद में धीरे धीरे और फिर तालिबान के आने के बाद वहां शरिया के कठोर नियम लागू कर दिए गए. उसने सबसे पहले महिलाओं के स्वतंत्रता पर रोक लगा दिया. शरिया कानून के तहत महिलाओं को अकेले बाहर जाने पर रोक लगा दिया गया. महिलाओं को लड़को वाले मदरसा में जाने पर रोक लगा दिया. महिलाओं के मॉडलिंग, एक्टिंग पर रोक लगा दिया. इतना ही नहीं महिलाओं को ऊँची आवाज में बोलना, मेकअप करने पर रोक लगा दिया गया. आठ वर्ष के बाद लड़कियों को बुरका पहनना अनिवार्य कर दिया गया. शरिया कानून के तहत संगीत पर रोक लगा दिया गया.
शरिया कानून में सजा क्या है?
जैसा हम पहले चर्चा कर चुके है कि मुसलमानो के शरिया कानून का एक लिखित आधार नहीं है. इसलिए सभी देश अपने अपने हिसाब से इसको लागू किया है मगर इसके बाद भी शरिया कानून को कुछ श्रेणियों में बांटा गया है . अब जानते है शरिया कानून में मिलने वाली सजा के बारें में.
हुदूद
हुदूद का अर्थ होता है सीमाएं. ऐसे अपराध जो इस्लाम में पूरी तरह से मनाही है और उसके लिए फांसी, पत्थरबाजी, शरीर के अंग विच्छेदन, कोड़े मारना जैसे क्रूर सजा निश्चित की गई है. हुदूद के अंतर्गत जिना अर्थात अवैध यौन सम्बन्ध, डकैती, शराब पीना के साथ साथ कुछ विशेष चोरी के मामले शामिल है.
हालांकि वर्तमान आधुनिक समय में केवल कुछ कट्टर मुस्लिम देशों में ही ऐसे अमानवीय सजा की अनुमति है, जहाँ यह लागू है, उन देशों में अरब, ईरान, अफगानिस्तान, इंडोनेशिया, सूडान, नाइजीरिया और क़तर है.
QISAS
इसके अंतर्गत हत्या के बदले मौत की सजा हैं, हालांकि इससे पीड़ित परिवार को यह अधिकार दिया गया हैं कि वह कुछ धनराशि लेकर अपराधी को माफ़ कर सकता हैं.
ताजीर
ऐसे अपराध जहाँ न्यायाधीश के विवेक के ऊपर छोड़ दिया गया हैं. इसके अंतर्गत वे अपराध शामिल हैं जो हुदूद के मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं, जैसे डकैती का प्रयास, जबरदस्ती यौन सम्बन्ध बनाने की कोशिश करना, धर्म के विरुद्ध भोजन करना आदि.
निष्कर्ष – तो आज के इस लेख में हमने आपको शरिया कानून क्या है (Sharia Kanoon Kya Hai In Hindi) के बारे में. उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी. अगर आपका कोई सुझाव है तो कमेंट करके जरूर बताइए. अगर आपको लेख अच्छा लगा हो तो रेटिंग देकर हमें प्रोत्साहित करें.
यह भी पढ़े