स्टारबक्स की सफलता की कहानी, कॉफी प्राइस, का अर्थ, मीनिंग इन हिंदी, मालिक, नेट वर्थ, सीईओ देश, महंगी (Starbucks Success Story In Hindi, Logo History, Head, Kya Hai, Owner, Coffee, Ceo India Salary, Established, Expensive Coffee, Franchise Cost, Net Worth, Store)
दुनिया की सबसे बड़ी कॉफीहाउस कंपनी स्टारबक्स ने अपने कॉफी के स्वाद से लोगो के दिलो में जगह बनाई. इसके प्रोडक्ट अपनी क्वालिटी के लिए जाने जाते है. भारत में लोग इसे लक्ज़री की तरह देखते है. अक्टूबर 2022 में स्टारबक्स ने भारतवंशी लक्ष्मण नरसिम्हन को अगला और नया चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर यानि सीईओ की घोषणा की है. इनसे पहले हॉवर्ड शुल्ज़ ने यह ज़िम्मेदारी संभाल रखी थी. स्टारबक्स को ग्लोबल ब्रांड बनाने वाले भी हॉवर्ड ही थे ये साल 2018 में रिटायर्ड हुए थे और फरवरी 2022 से स्टारबक्स के अंतरिक सीईओ थे. इनकी इनकी कुल संपति 27 हज़ार करोड़ रूपये है.
स्टारबक्स दुनिया की सबसे बड़ी और महंगी कॉफीहाउस कंपनी है. इसके सिर्फ अमेरिका में 15 हज़ार से ज्यादा कनाडा में 1300 से ज्यादा और यूरोप में 900 से ज्यादा स्टोर हैं. लेकिन भारत में इसका सिर्फ 254 ही स्टोर है. देश में स्टारबक्स उतनी ज्यादा कामयाब नही हो पाई जितनी दुसरे देश में है. भारत के लोगो को मीठी कॉफी ज्यादा पसंद आती है और कॉफी से ज्यादा तरजीह चाय को दी जाती है.
आज हम आपको स्टारबक्स की सफलता की कहानी (Starbucks Success Story In Hindi) के बारें में बताएँगे और यह भी बताएँगे कि स्टारबक्स कंपनी के मालिक कौन है, यह कौन से देश की कंपनी है, स्टारबक्स की कॉफी इतना महंगा क्यों है और स्टारबक्स की नेट वर्थ कितनी है. तो इसे अंत तक पढना.
स्टारबक्स की सफलता की कहानी (Starbucks Success Story In Hindi)
उद्योग (Industry) | कॉफी |
कंपनी Company) | स्टारबक्स (Starbucks) |
स्थापित की तारीख (Established Date) | 30 मार्च, 1971 |
संस्थापक (Founders) | जैरी बाल्डविन, ज़ेव सीगल, गॉर्डन बोकर |
सीईओ (CEO) | भारतवंशी लक्ष्मण नरसिम्हन |
स्थापित जगह (Established Place) | पाइक प्लेस मार्केट, इलियट बे, वाशिंगटन, यूनाइटेड स्टेट्स |
मुख्यालय (Headquarters) | 2401 यूटा एवेन्यू साउथ, सिएटल, वाशिंगटन, यूनाइटेड स्टेट्स |
उत्पाद (Products) | कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक, फ़ास्ट फ़ूड, डेसर्ट, सलाद और मूसलीक, सैंडविच और रैप्स, बेकरी प्रोडक्ट |
कुल स्टोर (Store) | 34,630 स्टोर |
कितने देश में (countries) | 84 देश |
भारत में स्टोर (stores in india) | 254 स्टोर |
कर्मचारियों की संख्या (Number of Employees) | 383,000 पार्टनर (कर्मचारी) |
मार्केट कैपिटल (Market Capital) | 8.5 लाख करोड़ रूपये. |
वेबसाइट | www.starbucks.in |
स्टारबक्स क्या है?
स्टारबक्स एक सबसे बड़ी कॉफीहाउस कंपनी है. जिसके अंतर्गत कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक, फ़ास्ट फ़ूड, डेसर्ट, सलाद, मूसलीक, सैंडविच, रैप्स और बेकरी प्रोडक्ट जैसे खाने पीने के आइटम आते है. लेकिन इसका अहम काम अरेबिका और रोबस्टा कॉफी बीन से कॉफी बनाना है. स्टारबक्स के 84 देशों में लगभग 34 हज़ार से ज्यादा स्टोर है. यहाँ रोजाना लाखों लोग कॉफी का आनंद लेने आते है. हार्वर्ड बिजनेस की रिसर्च के अनुसार स्टारबक्स ने पिछले 50 सालों में सुकून की जगह के रूप में स्थापित किया है. फॉर्च्यून की टॉप 500 की लिस्ट में स्टारबक्स 120 वें स्थान पर काबिज है.
स्टारबक्स की शुरुआत
स्टारबक्स की शुरुआत तीन दोस्त जैरी बाल्डविन, ज़ेव सीगल, गॉर्डन बोकर ने 31 मार्च 1971 को अमेरिका के सीएटल में पहला स्टोर खोला. शुरुआत के कुछ दिनों तक यहाँ पर सिर्फ ताज़ा हाई क्वालिटी के रोस्टेड कॉफ़ी बीन, चाय और कुछ स्पाइसेस आइटम मिला करते थे. इन तीनों ने अमेरिकन इंटरप्रेन्योर अल्फ्रेड पीट की कॉफ़ी शॉप पीट्स कॉफ़ी से प्रेरित होकर कॉफ़ी शॉप की शुरुआत की. स्टारबक्स नाम का ख्याल इन्हें हर्मन मेलविल के नावेल मोबि-डिक से आया. यह नोवल साल 1851 में पब्लिश हुआ था.
साल 1982 में स्टारबक्स की मार्केटिंग स्ट्रेटेजी के लिए हॉवर्ड शुल्ज़ को कंपनी से जोड़ा गया. शुल्ज़ ने इटली के मॉडल की तर्ज पर स्टारबक्स का अध्यन किया. और स्टारबक्स के ओनर को कॉफ़ी बीन के अलावा कॉफ़ी और बेवरीज बेचने के लिए रिक्वेस्ट की. कुछ समय बाद हॉवर्ड शुल्ज़ ने नौकरी छोड़कर सीएटल में खुद की कॉफ़ी शॉप की शुरुआत की. दो साल खुद की कॉफ़ी शॉप चलने के बाद साल 1971 में इन तीनों से स्टारबक्स को खरीद लिया. हॉवर्ड शुल्ज़ ने अपना पहला कॉफ़ी शॉप स्टोर साल 1989 में सीएटल में खोला. 7 साल में अमेरिका में 45 से ज्यादा स्टोर खोल लिए थे.
पूरी दुनिया में आज के समय में स्टारबक्स के 84 देशों में 34 हज़ार से ज्यादा स्टोर है. भारत में पहले स्टोर साल 2012 में मुंबई में खोला गया था. और अब तक कुल 252 शॉप्स हो गई है. आपकी जानकारी के लिए बता दूँ भारत में टाटा समूह के साथ स्टारबक्स की 50-50% की हिस्सेदारी है.
स्टारबक्स की कॉफी इतना महंगा क्यों
स्टारबक्स की कॉफी की इतनी महंगी होने की पीछे की वजह है- इसकी बीन. दरअसल दुनियाभर में कॉफ़ी के पोधों की अनेक किस्म है लेकिन मुख्य रूप से 2 है रोबस्टा और अरेबिका. इसमें अरेबिका कॉफ़ी की किस्म के पौधे 3 से 6 हजार फीट वाले ऊँचे इलाके में पाए जाते है. तो वही रोबस्टा कम ऊंचाई वाले भाग में पाए जाते है. इसकी खेती ज्यादातर अफ्रीका में होती है. यहाँ गर्म दिन और ठंडी रात कॉफ़ी बीन को घना बनाते है. जिस वजह से इसका फ्लेवर बाकी कॉफ़ी से अलग होता है. स्टारबक्स शुरुआत से ही अरेबिका कॉफ़ी बीन का उपयोग करता आ रहा है. जिसके लिए अफ्रीका, अमेरिका और एशिया के किसानों से कॉफ़ी बीन लेने का करार किया है. इन सभी कारणों की वजह से स्टारबक्स की कॉफी इतनी महंगी होती है.
स्टारबक्स की कमाई
स्टारबक्स का रेवेनुए 3 तरह से आता है. पहला कंपनी के द्वारा चलाया गया स्टोर. दूसरा लाइसेंसिंग फीस के जरिये और तीसरा अन्य तरीको से. कंपनी का 80% पैसा स्टारबक्स के स्टोर से आता है. कंपनी मार्केटिंग और स्पेशल कॉफ़ी के साथ सॉफ्ट ड्रिंक, फ़ूड और ब्रांडेड प्रोडक्ट बेचकर कमाई करती है. सॉफ्ट ड्रिंक से 60% इनकम होती है.
पिछले फाइनेंसियल ईयर में नार्थ अमेरिका से स्टारबक्स का रेवेनुए 2.31 लाख करोड़ का रहा है. लेकिन कंपनी पर साल 2019 में 40 करोड़ का कर्ज था जो साल 2021 में 18 हज़ार करोड़ हो गया है. और लंबे समय का कर्ज 1.71 लाख करोड़ रूपये हो गया है.
स्टारबक्स के बारे में रोचक जानकारी
- स्टारबक्स में काम करने वाले कर्मचारी को स्टाफ नही बल्कि पार्टनर कहा जाता है. यहाँ तक की पार्ट टाइम जॉब करने वाले स्टाफ को स्टॉक खरीदने का आप्शन होता है.
- स्टारबक्स का लोगो नावेल मोबी डिक से लिया गया है और लोगो के बीच में मौजूद सायरन आधी औरत और आधा पक्षी है. साल 1971 से लेकर 1987 तक लोगो का कलर ब्राउन था बाद में ग्रीन हो गया. इसके बाद साल 1992 और 2011 में कलर तो वही था लेकिन डिजाईन में थोडा बदलाव किया गया.
- कोरोना के दौरान जहा दूसरी कंपनियां स्टाफ को निकाल रही थी वहा स्टारबक्स अपने स्टाफ को ट्रेनिंग, और कॉफ़ी टेस्टिंग की क्लास दे रहा था.
- स्टारबक्स में स्टाफ का एक ड्रेस कोड होता है. और यह बात जानकर आपको अचम्भा होगा कि स्टारबक्स का स्टाफ कॉफ़ी हाउस के अंदर ज्यादा महक वाले परफ्यूम और डीयो लगाने की इजाजत नही देता है. क्यों कि परफ्यूम की खुशबु से कॉफ़ी के स्वाद पर असर पड़ता है.
- स्टारबक्स अपने टेस्टिंग सेंटर में डेली कम से कम 1 हज़ार से ज्यादा कॉफ़ी कप टेस्ट करता है. मार्किट में जाने से पहले 3 बार एक्सपर्ट की टीम टेस्ट करती है.
- भारत में स्टारबक्स के साथ टाटा की 50% की पार्टनरशिप है.
निष्कर्ष– आज हमने आपको स्टारबक्स की सफलता की कहानी (Starbucks Success Story In Hindi) के बारे में बताया और यह भी बताया कि स्टारबक्स कंपनी के मालिक कौन है, यह कौन से देश की कंपनी है, स्टारबक्स की कॉफी इतना महंगा क्यों है और स्टारबक्स की नेट वर्थ कितनी है. उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी.
FAQ
Q: स्टारबक्स कंपनी के मालिक कौन है?
Ans: जैरी बाल्डविन, ज़ेव सीगल, गॉर्डन बोकर
Q: स्टारबक्स कौन से देश की कंपनी है?
Ans: यूनाइटेड स्टेट्स की
Q: स्टारबक्स इतना महंगा क्यों है?
Ans: महंगी और हाई क्वालिटी की कॉफ़ी बीन की वजह से.
Q: स्टारबक्स का ओनर कौन है?
Ans: हॉवर्ड शुल्ज़
Q: स्टारबक्स की कॉफी कितने रुपए की है?
Ans: 400 रूपये
Q: स्टारबक्स चाय कितने का आता है एक कप?
Ans: 200 रूपये
Q: भारत में स्टारबक्स का मालिक कौन है?
Ans: भारत में स्टारबक्स के साथ टाटा ग्रुप की 50% की हिस्सेदारी है.
Q: स्टारबक्स का सीईओ कौन है?
Ans: भारतवंशी लक्ष्मण नरसिम्हन
Q: स्टारबक्स के सीईओ की सैलरी कितनी है?
Ans: 140 करोड़ रूपये सालाना
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