श्राद्ध में बाल क्यों नहीं कटवाने चाहिए?

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Pitru Paksha 2023: पितृपक्ष को श्राद्ध भी कहते है. इसकी शुरुआत 29 सितंबर से होकर समापन 14 अक्टूबर को होगा. श्राद्ध में बाल कटवाना चाहिए या नहीं, बाल कटवाना से क्या होता है? चलिए जानते है?

kya shradh me baal katna chahiye

Pitru Paksha 2023 – 29 सितंबर, शुक्रवार (pitru paksha 2023 dates in hindi) से पितृ पक्ष शुरू हो रहा है और यह पक्ष 14 अक्टूबर तक चलेगा. इस बार पूर्वजों का श्राद्ध 17 दिनों तक होने वाला है. हर वर्ष पितृ पक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा के दिन से शुरू होती है और अश्विन मास की अमावस्या को आखिरी दिन होता है. पितृपक्ष को श्राद्ध या फिर महालय के नाम से भी जाना जाता है. इन दिनों हमारे पितरों के लिए श्राद्ध कर्म, पिंडदान और तर्पण किया जाता है ताकि हमारे पितृपक्ष की आत्मा को शांति मिले.

श्राद्ध में कुछ ऐसे काम भी है जिसे लोग करने से परहेज करते है. और ऐसा करने से हमारे पूर्वज नाराज हो जाते है. उनमे से एक है श्राद्ध में बाल क्यों नहीं कटवाने (kya shradh me baal katna chahiye) चाहिए, क्या पितृ पक्ष में दाढ़ी बना सकते हैं, श्राद्ध में बाल कटवाना चाहिए या नहीं. इस आर्टिकल में हम आपको इस सभी के बारें में विस्तार से जानकरी देने वाले है.

श्राद्ध में बाल कटवाना चाहिए या नहीं

पितृ पक्ष यानी श्राद्ध के दौरान कुछ लोग ऐसे है जो बाल, मूंछ, दाढ़ी, या नाखून काटने से परहेज करते हैं. इन दिनों वह लोग दाढ़ी या बाल भी नही कटवाते है फिर चाहे दोनों कितने भी बड़े क्यों न हो जाये. शास्त्रों की माने तो जो लोग पितृ पक्ष यानी श्राद्ध के समय रोजाना पितरों को तर्पण और श्राद्ध के दिन कर्म करता है. खास तौर से उस व्यक्ति को अपने नाख़ून, बाल दाढ़ी और मूंछ नही काटने चाहिए. बाकि जो लोग ऐसा कुछ नही करते वह सभी बाल, दाढ़ी, मूंछ या नाखून काट सकते है.  

श्राद्ध क्यों किए जाते हैं?

श्राद्ध में बाल क्यों नहीं कटवाने चाहिए?

  • शास्त्रों में पितृ पक्ष से जुड़े कई नियम बताए गए हैं. इनमें से एक है बाल, नाखून या दाढ़ी को न काटना. ऐसा करना अशुभ माना जाता है.
  • ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष के दरमियान बाल, नाखून, मूंछ या दाढ़ी को काटने से हमारे पितृ नाराज़ हो जाते है. कभी कभार पितृ दोष भी लग जाते है. घर में कलेश होने लगते है.   
  • लेकिन धार्मिक मान्यता के अनुसार शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि इन कारणों से ऐसा कुछ नही होता है. इनसे पितृ नाराज़ नही होते है.   
  • बताया जाता है कि हमारे पितृ जो पर दादा, दादा, दादी, पापा और मम्मी कोई भी हो सकते है. और भला यह हमे कैसे कष्ट पंहुचा सकते है.    
  • लेकिन ऐसा कहना गलत नही होगा कि पितृपक्ष में बाल, नाखून, मूंछ या दाढ़ी को काटने से पूर्वज नाराज हो जाते है ऐसा कारण नही है.
  • पितृ पक्ष में वह लोग बाल, नाखून, मूंछ या दाढ़ी को नही कटवा सकते जो पितरों को तर्पण और श्राद्ध के दिन कर्म करते है. उस लोग को इन सब से परहेज करना चाहिए.

पितृ पक्ष में बाल कटवाना से क्या होता है?

कई मान्यताओं में बाल या नाखून काटना शौक या श्रृंगार से जुड़ा हुआ माना जाता है, इसलिए पितृ पक्ष यानि श्राद्ध के दौरान बाल काटने पर परहेज है. आप इन बातों पर विश्वास करें या न करें, लेकिन पितृ पक्ष से पहले पूर्णिमा के दिन आप अपने बाल, मूंछ, दाढ़ी या नाखून काट सकते हैं. क्योंकि यह समय पितृ पक्ष पूर्वजों को याद करने और सात्विक जीवन जीने का समय है. इसलिए ऐसी धार्मिक मान्यता है कि पितृ पक्ष में बाल, मूंछ, दाढ़ी, या नाखून नही काटने चाहिए. क्योंकि हर इंसान पर 3 प्रकार का ऋण होता हैं, पहला देव ऋण, दूसरा ऋषि ऋण और तीसरा पितृ ऋण.

निष्कर्ष – आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बताया श्राद्ध में बाल क्यों नहीं कटवाने चाहिए (kya shradh me baal katna chahiye) के बारें में. उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी. अगर आपका कोई सुझाव है तो कमेंट करके जरूर बताइए. अगर आपको लेख अच्छा लगा हो तो रेटिंग देकर हमें प्रोत्साहित करें.

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