28 अगस्त के दिन दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर सुपरटेक का ट्विन टावर को गिरा दिया गया.
40 मंजिला ट्विन टावर को सिर्फ कुछ ही पल में नीचे गिरा दिया. जिसकी तैयारी कई महीनो से चल रही थी.
ट्विन टावर को को नीचे गिराने में 4 बुजुर्ग की लंबी जंग है जिनमे से एक का निधन हो गया है.
ये कहानी 2012 की है जब बिल्डर ने पार्क की जमीन बताकर फ्लैट बेचे दिए और बाद में उस जमीन पर ट्विन टावर बना दिया.
79 साल के उदय भान सिंह तेवतिया, 74 साल के एसके शर्मा और 65 साल के रवि बजाज ने क़ानूनी लड़ाई लड़ी एक साथी एमके जैन भी थे जिनकी कोरोना में निधन हो गया था.
साल 2012 में पहली बार कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. बिल्डर ने तो साल 2009 से ही काम शुरू कर दिया था.
शुरुआत में कई लोगो ने इनसे कहा कि रहने दो कुछ नही होगा. लेकिन इन्होने ठान लिया था बिल्डिंग को गिरा कर ही मानेंगे.
सुप्रीम कोर्ट में 7 साल तक मामला चला. अंत में 31 अगस्त 2021 को ट्विन टावर को गिराने के फैसला आया.
किसी कारण से डेट आगे बढती चली गई और अंत में 28 अगस्त 2022 ट्विन टावर को गिरा दिया गया.