जानिए INS विक्रांत की 5 बड़ी खासियत के बारे में 

Photo Credit - Piyush Goyal

भारत को मिला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर जो 15 साल की कड़ी मेहनत के बाद बनाकर तैयार हुआ है.

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इसे बनाने में करीब 20 हज़ार करोड़ रूपये का खर्च आया और इसका वजन 40 हज़ार टन है.

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INS विक्रांत को बनाने में इस्तेमाल में लिया मटेरियल 76 प्रतिशत तक स्वेदेशी है और इसे बनाने में 2 हजार शिपयार्ड के स्टाफ और 13 हजार अन्य स्टाफ थे.

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एयरक्राफ्ट कैरियर की लंबाई 262 मीटर और चौड़ाई 62 मीटर है. और इसका क्षेत्रफल दो फुटबॉल मैदानों के बराबर है. 

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INS विक्रांत में 16 बेड का हॉस्पिटल के साथ आईसीयू, सीटी स्कैन, एक्स-रे, डेंटल, फिजियोथैरेपी जैसी सुविधाएं मौजूद हैं. इसके अलावा इसमें 5 हज़ार थालिया एक दिन में बनाने वाली ऑटोमेटिक मशीन भी है.

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INS विक्रांत पूरी तरह हथियारों से लैस है जिसमे बराक-8 मिसाइल, ओटोब्रेडा, 4 AK 630 और क्लोज इन वेपन सिस्टम  के अलावा भी और भी कई हथियार है.

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INS विक्रांत पर 30 से ज्यादा विमान खड़े हो सकते है. जिनमे मिकोयान मिग-29, कामोव केए-31 हेलीकॉप्टर्स, एमएच-60 आर हेलीकॉप्टर्स, HAL Dhruv और ब्रह्मोस मिसाइल शामिल हैं.

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नवंबर 2022 से लेकर जून 2023 तक ट्रायल्स चलेगा इसके बाद पुरी तरह तैयार है.

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