एडीज मच्छर के काटने से जीका वायरस फैलता है. और इसी मच्छरों के काटने से चिकनगुनिया, डेंगू, और येलो फीवर वायरस भी फैलता है.
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पहली बार जीका वायरस युगांडा के जीका फारेस्ट में साल 1947 में बंदरों में पाया गया था. इसके बाद इसका नाम जीका वायरस रखा गया.
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देश में पहला मामला 2017 गुजरात में तीन, तमिलनाडु में एक, सितंबर 2018 में जयपुर में एक पाया गया.
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जीका वायरस के होने वाले लक्षण मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, शरीर में रैशेज पड़ना, जोड़ों में दर्ज, बुखार और उल्टी आना है.
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जीका वायरस ब्लड ट्रांसफ्यूजन, यौन संबंध बनाने और मच्छरों के काटने से फैलाती है. इससे ज्यादा खतरा गर्भवती महिला को होता है.
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इस वायरस के बचाव बाहर सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करना. खिड़की दरवाजे बंद रखे. फुल आस्तीन के वस्त्र पहने, पानी ज़मा न होने दे और असुरक्षित यौन संबंध कभी न करे.
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